FirstCry IPO ने ब्रेनबीज़ सॉल्यूशंस के माध्यम से भारतीय शेयर बाजार में अपनी धमाकेदार शुरुआत की। IPO की सूची ₹651 पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और ₹625 पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर की गई थी। इसके बाद, ट्रेडिंग के अंत तक NSE पर यह शेयर 3.4% बढ़कर ₹673.5 पर बंद हुआ।
IPO की मजबूत प्रतिक्रिया
FirstCry के IPO को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। कुल 60.64 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए बोलियां मिलीं, जबकि ऑफर में कुल 4.96 करोड़ शेयर उपलब्ध थे। IPO का कुल आकार ₹4,194 करोड़ था, जिसमें ₹1,666 करोड़ का नया इक्विटी शेयर जारी और ₹2,528 करोड़ का प्रस्तावित बिक्री (OFS) शामिल था। कंपनी ने इस धनराशि का उपयोग मुख्य रूप से बेबीहग ब्रांड की दुकानें स्थापित करने, अपनी सब्सिडियरीज़ में निवेश, विदेश में विस्तार और बिक्री और विपणन पहलों में वृद्धि के लिए किया है।
कंपनी की कार्ययोजना
FirstCry, जो भारतीय बाजार में माताओं, बच्चों और बच्चों की उत्पादों की सबसे बड़ी मल्टी-चैनल रिटेलिंग प्लेटफॉर्म है, पहले से ही भारत, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में 533 शहरों में 1,000 से अधिक दुकानों का संचालन कर रही है। CEO सुपम महेश्वरी ने बताया कि कंपनी के पास $120 बिलियन का कुल संभावित बाजार है।
निवेशकों की भागीदारी
इस IPO में निवेशकों की व्यापक भागीदारी देखी गई, जिसमें सॉफ्टबैंक अफिलिएट SVF Frog, महिंद्रा & महिंद्रा, TPG, PI ओपर्च्यूनिटीज फंड, न्यूक्वेस्ट एशिया इंवेस्टमेंट्स, श्रॉडर्स कैपिटल और एप्रिकॉट इंवेस्टमेंट्स प्रमुख थे। इसके अतिरिक्त, व्यक्तिगत निवेशकों में रतन टाटा का नाम भी शामिल था।
अन्य जानकारियों पर नजर
रिटेल निवेशकों के हिस्से को 2.31 गुना सब्सक्राइब किया गया था, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आवंटन 4.68 गुना सब्सक्रिप्शन का गवाह बना। वहीं, योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) के हिस्से को 19.30 गुना सब्सक्राइब किया गया।
विश्लेषकों की राय
FirstCry के IPO की शानदार सूचीबद्धता के बावजूद, विश्लेषकों ने कंपनी की तीसरी पक्ष निर्माताओं पर निर्भरता और नकारात्मक नकदी प्रवाह पर चिंता जताई है। हालांकि, कंपनी की योजनाओं और बाजार में उसकी मजबूत पकड़ को देखते हुए निवेशक इस पर विश्वास जता रहे हैं।
फिलहाल की स्थिति
कंपनी ने आगामी वर्षों में अपने निवेश एवं विस्तार योजनाओं को गति देने का संकल्प लिया है। इसके तहत बेबीहग ब्रांड के तहत नई दुकानों की स्थापना और विविध निवेश योजनाओं का कार्यान्वयन प्राथमिकता में रहेगा।
kunal Dutta
अगस्त 14, 2024 AT 14:42अरे भाई, ये IPO तो बस एक फेसबुक वाला बूम था। QIBs का 19.3x सब्सक्रिप्शन? ये तो बस एक निवेशकों का स्टॉक ऑफरिंग ड्रामा है। असली सवाल ये है कि ये कंपनी अपने नकदी प्रवाह को कैसे सुधारेगी? बेबीहग की दुकानें बढ़ाने से पहले अपने लाभ को रिस्ट्रक्चर करो। नहीं तो अगले फिसलने वाले क्वार्टर में शेयर गिरेगा।
Yogita Bhat
अगस्त 16, 2024 AT 05:43मैं तो बस इतना कहूंगी कि जब रतन टाटा ने इसमें पैसा डाला, तो ये एक बात तो तय हो गई - ये कंपनी बाजार की जरूरतों को समझती है। लेकिन अगर आप इसे एक स्टॉक ट्रेडिंग के लिए ले रहे हैं, तो आप गलत हैं। ये एक बच्चों के बाजार का ब्रांड है, न कि एक फाइनेंशियल एसेट। बच्चों की जरूरतें तो हमेशा रहेंगी।
Tanya Srivastava
अगस्त 17, 2024 AT 20:28ओहो! ये सब तो बस एक बड़ा फ्रॉड है 😅 लोग तो सोचते हैं ये बच्चों की दुकान है, पर असल में ये बैंकों के लिए एक गोल्डन ट्रेन है! सॉफ्टबैंक और TPG ने इसे बेचने के लिए तैयार किया है और अब छोटे निवेशकों को फंसाने का चक्कर है। नकदी प्रवाह नकारात्मक? बिल्कुल! अगले 2 साल में ये कंपनी बंद हो जाएगी। बस इंतजार करो। 🤫💸
Ankur Mittal
अगस्त 19, 2024 AT 10:313.4% ग्रोथ अच्छी है। लेकिन QIBs का 19x सब्सक्रिप्शन बताता है कि इसमें अभी भी डिमांड है। नकदी प्रवाह की चिंता तो है, पर ब्रांड वैल्यू और लोकल फुटप्रिंट बहुत मजबूत है।
Diksha Sharma
अगस्त 19, 2024 AT 11:39मैंने तो ये सब पढ़ा और सोचा - ये कंपनी तो बस बच्चों के लिए नहीं, बल्कि भारत के निवेशकों के लिए बनाई गई है! रतन टाटा ने डाला, तो लोग भागे। पर क्या आप जानते हैं कि इसकी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में 70% चीनी माल है? 😳 ये सब फेक नेशनल ब्रांड है। अब तो चीन की कंपनी है।
Akshat goyal
अगस्त 21, 2024 AT 09:16आर्किटेक्चर मजबूत है। बाजार बड़ा है। अब ऑपरेशनल एक्सीक्यूशन देखना होगा।
anand verma
अगस्त 22, 2024 AT 11:05यह आर्थिक घटना भारतीय रिटेल क्षेत्र के विकास के एक महत्वपूर्ण चरण को दर्शाती है। निवेशकों की उच्च सहभागिता, विशेषकर संस्थागत खरीदारों की ओर से, बाजार के विश्वास को प्रतिबिंबित करती है। हालाँकि, नकदी प्रवाह और तीसरे पक्ष निर्माताओं पर निर्भरता जैसे जोखिमों का भी ध्यान रखना आवश्यक है। कंपनी के दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, यह एक आशाजनक शुरुआत है।