जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिवखोरी मंदिर जाते यात्रियों की बस पर आतंकी हमला
जून, 10 2024जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिवखोरी मंदिर जाते यात्रियों की बस पर आतंकी हमला
रविवार के दिन जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित शिवखोरी मंदिर की यात्रा कर रहे यात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले में दस लोगों की जान चली गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना रियासी जिले के पोनी इलाके के तेढ़याथ गांव में हुई, जहां अचानक गोलियों की बौछार से बस खाई में जा गिरी।
घटना का विवरण
सूचना के अनुसार, यह हमला शाम 6:15 बजे हुआ जब 53-सीटर बस शिवखोरी मंदिर की ओर जा रही थी। अचानक आतंकियों द्वारा किए गए हमले से बस अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिर गई। हमले के बाद स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों ने तुरंत बचाव कार्य की शुरुआत की। पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों ने मिलकर घायलों को बस से बाहर निकालने और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में मदद की।
बचाव अभियान
घटना के तुरंत बाद पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के दल मौके पर पहुंच गए और बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया। उन्होंने घायलों को इलाज के लिए नजदीक के अस्पतालों में पहुंचाया। इस हमले ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस आतंकी हमले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे निंदनीय बताया। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और इस हमले ने हमारे दिलों को बहुत चोट पहुंचाई है।
सुरक्षा स्थिति
जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में कमी देखने को मिली थी, लेकिन यह हमला एक गंभीर संकेत है कि आतंकवाद की जड़ें अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं। सुरक्षा बल स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और इस हमले के पीछे के कारणों की खोज में लगे हुए हैं।
आगे की कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। सभी संदिग्ध इलाकों में चेकपोस्ट स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इस घटना से जुड़े सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए जांच एजेंसियाँ सक्रिय हो गई हैं।
हमले के प्रभावित
इस हमले में बस में सवार यात्रियों का मनोबल टूट चुका है। उन्होंने अपने रिश्तेदारों और प्रियजनों को खो दिया और गंभीर चोटें भी आई हैं। इस हमले ने लोगों के मन में डर और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
स्थिति सामान्य करने के प्रयास
स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है और घायलों के इलाज के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
विश्व भर से इस हमले की निंदा हो रही है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और देशों ने इस त्रासदी पर दुख व्यक्त किया है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन किया है।
घटना का सामाजिक प्रभाव
इस घटना का सामाजिक प्रभाव बहुत व्यापक है। इसने लोगों के मन में एक बार फिर से खौफ पैदा कर दिया है। ऐसे समय में, जब देश के विभिन्न हिस्सों में शांति और सुरक्षा की जरूरत है, इस तरह के हमले लोगों के मनोबल को कमजोर कर सकते हैं।
सुरक्षा की समीक्षा
घटना के बाद, सुरक्षा एजेंसियां और सरकार सुरक्षा व्यवस्था की पुनर्समीक्षा कर रही हैं। नये सुरक्षा उपायों पर विचार किया जा रहा है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
अंत में, यह आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर की पेचीदा सुरक्षा स्थिति को उजागर करता है और यह हमारे लिए एक याद दिलाने वाला समय है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए।