एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) का महत्व
ETFs या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स आजकल निवेश की दुनिया में तेजी से प्रमुखता हासिल कर रहे हैं। भारत के निवेशकों के लिए ईटीएफ अब एक महत्वपूर्ण निवेश विकल्प बन गया है, जो कम लागत, विविधता और पारदर्शिता जैसी अनेक लाभ प्रदान करते हैं। ईटीएफ निवेशकों को आसानी से बाजार के विभिन्न प्रकार के एसेट्स, जैसे कि स्टॉक्स, बॉंड्स, कॉमोडिटीज और वैश्विक बाजार को ट्रैक करने की सुविधा देता है।
निफ्टी 50 ईटीएफ का दबदबा
भारत के तेजी से बढ़ते एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) बाजार में, निफ्टी 50 ईटीएफ ने लगभग 95% आस्तियों के प्रबंधन (AUM) के साथ प्रमुख स्थान बनाया है। एक अध्ययन के अनुसार, ईटीएफ अब कुल म्यूचुअल फंड उद्योग की 13% संपत्ति (लगभग 6.95 लाख करोड़ रुपये) का हिस्सा हैं।
निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी
म्युचुअल फंड उद्योग में यह उछाल न केवल संपत्ति के स्तर पर दिखता है, बल्कि निवेशकों की संख्या में भी। 2017 में 5.33 लाख से बढ़कर 2023 में 1.25 करोड़ पहुंची ईटीएफ खातों की संख्या बताती है कि भारतीय निवेशक अब इस निवेश उपकरण को गंभीरता से ले रहे हैं।
ईटीएफ के लाभ
ईटीएफ कई कारणों से निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। सबसे पहले, ये निवेश के लिए कम लागत के विकल्प उपलब्ध कराते हैं। दूसरे, ये विविधीकरण का लाभ देते हैं जो निवेशकों को सीमित जोखिम के साथ विभिन्न एसेट्स में निवेश करने की अनुमति देते हैं। पारदर्शिता और सुविधा भी ईटीएफ के महत्वपूर्ण लाभों में से एक है।
ईटीएफ विभाजन का महत्व
ईटीएफ सेगमेंट के भीतर, निवेशकों की रुचि को देखते हुए विविधता का भी विशेष महत्व है। उदाहरण के लिए, निफ्टी नेक्स्ट 50 ETF और निफ्टी मिडकैप 150 ETF, निफ्टी 50 ETF के साथ भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। इससे साफ होता है कि निवेशक केवल एक ही प्रकार के ईटीएफ में निवेश करने के बजाय विविध पोर्टफोलियो बनाने की चाह रख रहे हैं।
इक्विटी ईटीएफ में बढ़ोतरी
इक्विटी ईटीएफ के आस्तियों के प्रबंधन में निरंतर वृद्धि हो रही है। मार्च 2017 में यह आस्तियां 43,234 करोड़ रुपये थीं, जो मार्च 2024 में बढकर 5,63,176 करोड़ रुपये तक पहुंच गई हैं। यह वृद्धि दर्शाती है कि निवेशकों का भरोसा और रुचि इक्विटी आधारित ईटीएफ में निरंतर बढ़ रही है।
ईटीएफ के आने वाले दौर
भविष्य में ईटीएफ का बाजार और भी बढ़ने की संभावना है, क्योंकि निवेशक इसे एक सुरक्षित और प्रभावी निवेश विकल्प के रूप में देख रहे हैं। निवेशकों की बढ़ती समझ और पारदर्शिता के साथ, ईटीएफ भारतीय निवेश परिदृश्य का एक अनिवार्य हिस्सा बनते जा रहे हैं।
shubham pawar
जून 26, 2024 AT 15:26पर अब तो लोग इसे गोल्ड जैसा मानने लगे हैं। अगर एक दिन गिर गया तो फिर दुनिया खत्म हो गई।
Nitin Srivastava
जून 28, 2024 AT 01:24अगर आप असली गेम खेलना चाहते हैं, तो एक्टिव मैनेज्ड फंड्स पर नजर डालिए। वरना आप बस एक बड़े बॉक्स में बैठे हैं, जिसे आपने अपने आप को सुरक्षित समझ लिया है।
Nilisha Shah
जून 29, 2024 AT 07:30यह बात बहुत जरूरी है कि हम इसे केवल एक फाइनेंशियल उत्पाद के रूप में नहीं देखें, बल्कि एक शिक्षात्मक टूल के रूप में भी देखें। जिन लोगों ने इससे शुरुआत की, वे अब अपने पोर्टफोलियो में बॉन्ड्स, गोल्ड ETF, और यहाँ तक कि इंटरनेशनल ETF भी शामिल कर रहे हैं।
Kaviya A
जून 30, 2024 AT 07:24Supreet Grover
जुलाई 2, 2024 AT 05:55अब यह एक फिनटेक-ड्रिवन ट्रांसफॉर्मेशन है - जहाँ ट्रांसपेरेंसी और एक्सेसिबिलिटी ने डिजिटल इन्वेस्टमेंट एक्सपीरियंस को रीडेफाइन कर दिया है।
Saurabh Jain
जुलाई 3, 2024 AT 09:21ये एक ऐसा बदलाव है जो सिर्फ पैसे का नहीं, बल्कि सोच का भी है। हम अब अपने भविष्य को खुद बना रहे हैं - बिना किसी एजेंट के।
Suman Sourav Prasad
जुलाई 4, 2024 AT 08:39और हाँ, अगर तुम्हारा फोन बंद हो गया, तो बस अपनी जेब में एक नोट रख दो - ये बात तुम्हारे लिए बहुत जरूरी है...
Nupur Anand
जुलाई 5, 2024 AT 01:19निफ्टी 50 ETF का 95% AUM? ये तो बस इंडेक्स की जादूगरी है! अगर आप असली अल्फा चाहते हैं, तो फंडमैनेजर के खिलाफ खेलो - उनकी बुद्धि के खिलाफ! नहीं तो तुम बस एक रोबोट हो जाते हो - जो एक अल्गोरिथम के लिए अपना पैसा बलि दे रहा है।
Vivek Pujari
जुलाई 5, 2024 AT 02:31ये सब तो बस एक अंधविश्वास है - जिसे तुम टेक्नोलॉजी के नाम पर बेच रहे हो।
shubham pawar
जुलाई 5, 2024 AT 04:46जब वो बड़ा हो जाएगा, तो वो अपने आप अल्फा ढूंढने लगेगा। अभी तो वो बस बैलेंस बनाना सीख रहा है।