चंद्रबाबू नायडू ने चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, पवन कल्याण बने उप मुख्यमंत्री
जून, 13 2024चंद्रबाबू नायडू ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता चंद्रबाबू नायडू ने चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह उनका चौथा कार्यकाल है। शपथ ग्रहण समारोह विजयवाड़ा के गन्नवरम मंडल स्थित केसारपल्ली आईटी पार्क में बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया। इस मौके पर जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा सहित कई प्रमुख भाजपा नेता भी मौजूद थे।
भव्य शपथ ग्रहण समारोह
शपथ ग्रहण समारोह में कई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये गए थे, जिसमें राज्य की संस्कृति और परंपरा को दर्शाने वाले कई प्रस्तुति शामिल थीं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर टीडीपी और भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी ने समारोह को और खास बना दिया। यह नायडू का चौथा कार्यकाल है, जो उनके राजनीतिक करियर की एक बड़ी उपलब्धि है। 2004 के बाद से यह पहला मौका है जब ऐसी बड़ी जीत के साथ गठबंधन सरकार बनी है।
पवन कल्याण बने उप मुख्यमंत्री
जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कल्याण का राजनीति में प्रवेश और उभरता हुआ ग्राफ इस नई जिम्मेदारी को और महत्वपूर्ण बनाता है। उप मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी भूमिका से सरकार की नीतियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा।
गठबंधन की भारी जीत
टीडीपी-बीजेपी-जन सेना गठबंधन ने विधानसभा और संसदीय चुनावों में भारी जीत हासिल की। राज्य विधानसभा में टीडीपी के पास 135 विधायक हैं, जबकि जन सेना पार्टी और भाजपा के पास क्रमश: 21 और 8 विधायक हैं। इसके विपरीत, विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पास मात्र 11 विधायक हैं। इस भारी बहुमत की बदौलत चंद्रबाबू नायडू को सर्वसम्मति से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर चुनाव गया।
मंत्रिमंडल का गठन
नायडू की नई सरकार में कुल 24 मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें से 21 मंत्री टीडीपी के हैं, तीन जन सेना पार्टी से और एक भाजपा से है। मंत्रिमंडल में नारा लोकेश, किन्जरापू अच्चन्नायडू, निम्मला रामानायडू, एनएमडी फारूक, अनाम रमणायाणा रेड्डी, कोनीडेला पवन कल्याण, नदेंदला मनोहर, कंडुला दुर्गेश, और सत्य कुमार यादव जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
चंद्रबाबू नायडू का राजनीतिक सफर
चंद्रबाबू नायडू की राजनीतिक यात्रा बहुत लंबी और सफल रही है। उन्होंने 1995 में पहली बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला और लगातार नौ साल तक राज्य का नेतृत्व किया। 2004 तक टीडीपी के शासन में राज्य ने कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों को देखा। 2014 में अलग हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने पुनः कार्यभार संभाला और 2019 तक यह पद संभाला। अब चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर उन्होंने एक बार फिर अपनी राजनीतिक दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण दिया है।
आगे की चुनौतियाँ
नायडू के सामने अब राज्य की नई दिशा और नीतियों को सही तरीके से लागू करने की बड़ी जिम्मेदारी है। विकास कार्यों पर जोर दिया जाएगा और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नई रणनीतियाँ बनाई जाएँगी। जनता की आशाओं और विश्वास को बनाए रखने के लिए नायडू और उनकी टीम को चौबीसों घंटे मेहनत करनी पड़ेगी।
राजनीति से समाज सेवा तक
पवन कल्याण की उपस्थिति और उनकी राजनीतिक पार्टी जन सेना का साथ आना एक नया अध्याय है। समाज सेवा से राजनीति तक का उनका सफर खासा रोमांचक और चुनौतीपूर्ण रहा है। उप मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी जिम्मेदारियाँ बढ़ गई हैं और इससे जनता को काफी उम्मीदें हैं।
भविष्य की योजनाएँ
चंद्रबाबू नायडू और उनकी सरकार अब राज्य के विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का खाका खींच रही है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। गठबंधन सरकार के अंतर्गत जिन नीतियों को लागू किया जाएगा उनका सीधा असर जनता के जीवन स्तर पर पड़ेगा।
नई संभावनाओं की तलाश
इस नई सरकार के गठन के बाद अब सभी की निगाहें उनकी नई योजनाओं और विकास कार्यों पर टिकी हैं। नायडू और पवन कल्याण का गठबंधन सफल साबित हो रहा है और राज्य को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है। जनता उम्मीद कर रही है कि यह नई सरकार उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।