दिसंबर की शुरुआत ही भारत के कई हिस्सों में मौसम के तीव्र बदलाव की शुरुआत हो गई है। भारतीय मौसम विभाग ने 2 दिसंबर, 2025 को जारी किए गए प्रेस रिलीज नंबर 4522 के माध्यम से अगले छह दिनों के लिए एक ऐसा मौसमी चेतावनी जारी की है, जिससे लाखों लोगों की दिनचर्या, कृषि और परिवहन प्रणाली प्रभावित हो सकती है। उत्तरी राज्यों में ठंडी लहर की संभावना है, जबकि दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफानी हवाएं आने की आशंका है। दिल्ली-एनसीआर में न्यूनतम तापमान 7-9°C रहने की उम्मीद है — यह सामान्य से 0.5 से 2.5°C कम है।
उत्तर भारत में ठंडी लहर का खतरा
दिसंबर 3 से 5 तक, पंजाब और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र के कुछ अलग-अलग क्षेत्रों में ठंडी लहर की बहुत संभावना है। इसके बाद, 5 से 7 तक, उत्तरी राजस्थान में भी यह स्थिति बन सकती है। ये क्षेत्र अभी से ही रातों को सामान्य से 4-7°C ठंडे रह रहे हैं — अब यह अंतर और बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी ठंडी लहरें बुजुर्गों, बच्चों और बाहर रहने वाले श्रमिकों के लिए जानलेवा हो सकती हैं।
दिल्ली में अगले चार दिनों तक अधिकतम तापमान 23-25°C और न्यूनतम 7-9°C रहने का अनुमान है। यह तापमान सामान्य से काफी कम है, और रात के समय ठंड इतनी तीव्र होगी कि शहर के कई हिस्सों में जमीन पर ओस जम सकती है। यहां तक कि आम लोगों के बीच भी बुखार और सांस संबंधी समस्याओं की शिकायतें बढ़ने की आशंका है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश और तूफान
दक्षिण भारत के लिए यह समय बरसात का है — और बहुत भारी। तमिलनाडु और पुडुचेरी के उत्तरी तटीय क्षेत्रों में 2 दिसंबर को हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। अगले दिन, 3 दिसंबर को भी यही स्थिति बनी रहेगी।
केरल और दक्षिणी आंध्र प्रदेश में भी इन दिनों भारी बारिश की उम्मीद है। विशेष रूप से, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में बिजली के साथ तूफानी बारिश हो सकती है, जिसके साथ 30-40 किमी/घंटा की तेज हवाएं भी चल सकती हैं। यह अक्सर घरों की छतों को उड़ा देती है और सड़कों को बहा देती है।
दिल्ली और हिमाचल में कोहरा और ठंड का संयोग
हिमाचल प्रदेश में 1 से 3 दिसंबर तक सुबह के समय घना कोहरा छाएगा। यह दिल्ली-एनसीआर के लिए भी एक चिंता का विषय है — जहां पहले से ही अक्टूबर-नवंबर में कोहरे ने ट्रैफिक अवरोध का कारण बना था। अब यह स्थिति और बिगड़ सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह कोहरा और ठंड का संयोग बहुत खतरनाक हो सकता है — जहां एक ओर बर्फ जम रही है, वहीं दूसरी ओर नमी बहुत ज्यादा है।
मणिपुर और ओडिशा में भी 1 दिसंबर को कोहरे की संभावना है। ये क्षेत्र अक्सर अपने मौसमी चेतावनियों के बारे में नजरअंदाज हो जाते हैं, लेकिन इस बार IMD ने खास तौर पर इन क्षेत्रों को शामिल किया है — जिससे लगता है कि वे अपने आंकड़ों में कुछ असामान्य बदलाव देख रहे हैं।
मौसम के पैटर्न में बदलाव: नियमित या असामान्य?
दिसंबर के इस बदलाव को देखकर कई विश्लेषक यह सवाल उठा रहे हैं — क्या यह सिर्फ एक सामान्य ऋतु संक्रमण है, या फिर जलवायु परिवर्तन का एक नया संकेत है? इस साल सितंबर में, IMD ने उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। नवंबर में भी, पश्चिमी मध्य प्रदेश और पंजाब में ठंडी लहर के लिए चेतावनी जारी की गई थी। अब यह सब एक बार में घटित हो रहा है।
इस साल के अगले तीन दिनों में उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान 2-3°C गिरने की संभावना है। इसके बीच, केंद्रीय भारत में अस्थायी रूप से 2-3°C की वृद्धि होगी — फिर यह स्थिर हो जाएगा। यह असमानता अक्सर जलवायु अस्थिरता का संकेत होती है।
क्या होगा अगले कदम?
IMD ने अब तक जो चेतावनियां जारी की हैं, वे सभी अत्यंत विस्तृत हैं। लेकिन अब तक राज्य सरकारों ने इनके लिए कोई विशेष योजना नहीं बनाई है। दिल्ली में स्कूलों को बंद करने की कोई घोषणा नहीं हुई है, न ही बुजुर्गों के लिए गर्मी केंद्र खोले गए हैं। दक्षिणी राज्यों में भी, बारिश के लिए जल निकासी की तैयारी अधूरी है।
अगले 48 घंटों में यह देखना जरूरी होगा कि क्या राज्य सरकारें आपातकालीन टीमों को सक्रिय करती हैं। क्या नौकरियों वाले श्रमिकों को आर्थिक सहायता मिलेगी? क्या डॉक्टरों को अतिरिक्त दवाओं की आपूर्ति की जाएगी? ये सवाल अभी भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
पिछले साल की तुलना में क्या बदला?
2024 के दिसंबर में, उत्तरी भारत में ठंडी लहर तीन दिनों तक ही रही थी। इस बार यह लगभग पांच दिनों तक बनी रहने की संभावना है। दक्षिणी भारत में भी, 2024 में दिसंबर के पहले हफ्ते में बारिश केवल तमिलनाडु के एक छोटे हिस्से में हुई थी। इस बार, तीन राज्यों में एक साथ भारी बारिश की चेतावनी है।
इसका मतलब यह नहीं है कि यह साल असामान्य है — बल्कि यह बताता है कि मौसम के पैटर्न अब अधिक अनिश्चित हो गए हैं। जहां पहले दिसंबर का मौसम स्थिर रहता था, अब वह एक अज्ञात राशि बन गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या ठंडी लहर के कारण दिल्ली में एयरपोर्ट बंद हो सकते हैं?
हां, यदि कोहरा घना हो जाए और दृश्यता 500 मीटर से कम हो जाए, तो इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उड़ानें रद्द हो सकती हैं। 2023 में ऐसा हुआ था, जब 400 से अधिक उड़ानें रद्द हुई थीं। इस बार भी यही संभावना है, खासकर 3-5 दिसंबर के बीच।
दक्षिण भारत में भारी बारिश के बाद बाढ़ का खतरा क्या है?
चेन्नई, तिरुचिरापल्ली और कोच्चि जैसे शहरों में जल निकासी प्रणाली पहले से ही दबाव में है। अगर 2-3 दिन तक लगातार भारी बारिश होती है, तो शहरी क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा 70% तक बढ़ सकता है। नदियों के बाढ़ का खतरा अभी कम है, लेकिन घरों और सड़कों का जलमग्न होना निश्चित है।
क्या इस बार ठंडी लहर गरीबों के लिए जानलेवा हो सकती है?
हां, विशेषकर दिल्ली, पंजाब और राजस्थान के बाहर रहने वाले श्रमिक। 2022 में, ठंडी लहर के कारण पंजाब में 170 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। अब भी बिना गर्म कपड़ों और गर्म भोजन के लोग बाहर रह रहे हैं। सरकारें अभी तक इनके लिए कोई तात्कालिक योजना नहीं बना रही हैं।
क्या इस बार जलवायु परिवर्तन का असर दिख रहा है?
हां, यह एक स्पष्ट संकेत है। पिछले 10 वर्षों में, दिसंबर की ठंडी लहरें अधिक अक्सर और अधिक तीव्र हो रही हैं। जबकि पहले ये दो दिनों तक ही रहती थीं, अब वे लगातार पांच दिनों तक चलती हैं। यह जलवायु अस्थिरता का एक अनुमानित लक्षण है।
क्या आम लोगों को क्या करना चाहिए?
उत्तरी भारत के लोगों को गर्म कपड़े पहनने, बाहर निकलने से पहले तापमान जांचने और बुजुर्गों को गर्म रखने का ध्यान रखना चाहिए। दक्षिणी भारत के लोगों को बारिश के दौरान घरों से बाहर निकलने से बचना चाहिए, और बिजली के झटके से बचने के लिए बिजली के उपकरणों को बंद रखना चाहिए।
क्या IMD ने किसी नौकरी के लिए चेतावनी जारी की है?
नहीं, अभी तक कोई नौकरी के लिए चेतावनी जारी नहीं की गई है। हालांकि, तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में पिछले हफ्ते तक बहुत ऊंची लहरें थीं। अब वे धीरे-धीरे कम हो रही हैं, लेकिन नाविकों को अभी भी सावधान रहना चाहिए।
UMESH joshi
दिसंबर 3, 2025 AT 02:59इस ठंडी लहर के बारे में सब कुछ बताया गया है, लेकिन क्या कोई ये सोचता है कि दिल्ली के बाहर रहने वाले श्रमिकों के लिए ये जीवन-मरण का सवाल है? मैंने अपने भाई को देखा है - वो रोज सुबह 4 बजे निकलता है, बिना गर्म कपड़ों के, बस एक पुरानी जैकेट में। अगर सरकार इसे बस एक 'मौसमी चेतावनी' कह दे, तो ये बस एक शब्द है, जिसके पीछे लोग मर रहे हैं।