भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: अब हर जेब को फायदा
ट्रेड की दुनिया में बहुत कम ऐसे मौके आते हैं जब दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मिलकर एक ठोस समझौता करती हैं। 6 मई 2025 को भारत और ब्रिटेन ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) फाइनल करके एक नया इतिहास रच दिया। अब यह करार दोनों देशों के कानूनी एवं संसदीय इम्तिहानों से गुजरने को तैयार है।
इस समझौते से India-UK ट्रे़ड डील सालाना करीब 25.5 अरब पाउंड (लगभग 2.65 लाख करोड़ रुपये) की व्यापारिक गतिविधियों को पंख लगाएगा। इससे यूके की जीडीपी में 4.8 अरब पाउंड और वेतन में 2.2 अरब पाउंड का इजाफा होने का अनुमान है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि दोनों के बाजार एक-दूसरे के लिए काफी हद तक खुलेंगे और बहुत सी चीजें अब सस्ती मिल सकेंगी।
किसे क्या मिलेगा? – टैक्स कटौती और कारोबारी फायदे
अगर आपको ब्रिटिश व्हिस्की पसंद है तो अब जेब हल्की करने की चिंता कुछ कम हो जाएगी। समझौते में ब्रिटिश व्हिस्की पर भारत में लगने वाला 150% का टैक्स अब घटकर 75% रह जाएगा और अगले 10 सालों में 40% तक लुढ़क जाएगा। कोल्ड ड्रिंक जैसे सौफ्ट ड्रिंक पर टैक्स 33% से गिरकर सात साल में शून्य हो जाएगा। वहीँ, ब्रिटेन का मटन या लैम्ब भारत में आते ही 33% से सीधा शून्य टैक्स पर पहुंचेगा।
लग्जरी कारों की दीवानगी रखने वालों के लिए भी यह डील किसी बूस्टर से कम नहीं है। अब हाई-एंड कारों पर 100% शुल्क पूरी तरह खत्म हो जाएगा, भले ही इसके लिए तय कोटा सिस्टम में ही लिमिटिंग रहे। इसका मतलब है – मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, जगुआर जैसी कारें खरीदना थोड़ा आसान होगा।
जहां तक ब्रिटिश बाजार की बात है, तो भारत अपनी 99% चीजें अब ब्रिटेन में बिना किसी ड्यूटी के भेज सकेगा। भारतीय निर्यात के लिए कपड़े, मशीनरी, जूते और फूड आइटम्स जैसी कई चीजों के लिए रास्ते खुलेंगे। इससे छोटे उद्योगों और कारीगरों को सीधा फायदा मिलेगा।
एक बड़ी तकनीकी बात और सामने आई है—Rules of Origin को और ज्यादा स्ट्रिक्ट बनाया गया है। इससे भारतीय और ब्रिटिश उद्योगों का भरोसा पुख्ता होगा, क्योंकि सस्ती छूट तभी मिलेगी जब माल वाकई अपने-अपने देश में बना हो।
कारोबारियों के लिए टैक्स का झंझट भी कम होगा। दोनों देशों ने Double Contributions Convention (DCC) पर सहमति दी है, जिसकी वजह से एक ही कमाई पर दोनों देशों में टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
ग्राहकों की जेब के साथ-साथ उनकी निजता का भी ख्याल रखा गया है। अब स्पैम मैसेज और बेवजह की प्रमोशनल कॉल्स पर नए नियम कसे जाएंगे।
भारत के वाणिज्य मंत्री Piyush Goyal ने इस डील को “फ्यूचर-रेडी” करार दिया है। उनका कहना है कि ये करार भारत और ब्रिटेन की आर्थिक ताकत को जोड़ते हुए निवेश, रोजगार और इनोवेशन के काफिले को रफ्तार देगा। ब्रिटेन सरकार के डेटा के मुताबिक, इससे दोनों देशों के स्टार्टअप्स, स्मॉल बिजनेस और कामगारों को दीर्घकालीन फायदा मिलेगा।
अब सबकी नजरें संसद एवं कानूनी जांच पूरी होने के बाद इस डील के क्रियान्वयन पर है। अगर सब कुछ प्लान के हिसाब से चला तो आने वाले महीनों में बाजार, कारोबार और आम आदमी की जेब में बढ़ोतरी दिखाई देगी।
Siddharth Madan
मई 7, 2025 AT 23:58Nathan Roberson
मई 8, 2025 AT 00:10Thomas Mathew
मई 8, 2025 AT 02:01Dr.Arunagiri Ganesan
मई 9, 2025 AT 18:40simran grewal
मई 10, 2025 AT 11:34Vinay Menon
मई 10, 2025 AT 20:17Monika Chrząstek
मई 12, 2025 AT 03:02