जो बाइडेन पहले पोल डिबेट में लड़खड़ाए: कमजोर प्रदर्शन पर छाई आलोचना

जो बाइडेन पहले पोल डिबेट में लड़खड़ाए: कमजोर प्रदर्शन पर छाई आलोचना
Anuj Kumar 29 जून 2024 14

जो बाइडेन का पहले राष्ट्रपति डिबेट में प्रदर्शन

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों की पहली डिबेट में राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके प्रतिद्वंदी, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। यह डिबेट चुनावों के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करने के सन्दर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, और इसे वैश्विक दर्शकों द्वारा देखा जाता है। यह डिबेट उम्मीदों से पहले आयोजित हुई थी, और मुख्य आकर्षण का केंद्र बना बाइडेन का प्रदर्शन।

उम्र को लेकर चिंताएं

बाइडेन के प्रदर्शन के दौरान सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उनकी उम्र को लेकर था। बाइडेन दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति हैं, और उनकी उम्र के संदर्भ में कई तरह की चिंताएं समाने आई हैं। इस डिबेट को उन चिंताओं को दूर करने का एक मौका माना जा रहा था, लेकिन बाइडेन ने कई मौकों पर तुतलाते हुए और शब्दों को ढूंढते हुए देखा गया।

उनकी असहज स्थिति कई बार उनके अनुयायियों के लिए चिंता का विषय बन गई। बाइडेन ने कुछ मुद्दों पर स्पष्टता के साथ जवाब देने की कोशिश की, लेकिन उनके हिचकिचाहट भरे शब्दों और धीमे प्रतिक्रिया ने एक मजबूत छवि प्रस्तुत नहीं की।

डोनाल्ड ट्रम्प का रवैया

दूसरी तरफ, डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पारंपरिक अंदाज में आक्रामक रवैया अपनाया। हालाँकि, इसके साथ ही उन्होंने कई मुद्दों पर गलत जानकारी भी प्रस्तुत की। विशेष रूप से, गर्भपात जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उन्होंने तथ्यों के विपरीत बयान दिया। फिर भी, उनकी आत्मविश्वासपूर्ण और स्पष्ट बातचीत ने उन्हें बाइडेन के मुकाबले ज्यादा प्रभावशाली बना दिया।

ट्रम्प ने अपने समर्थकों को यह विश्वास दिलाया कि वे अभी भी सक्षम नेता हैं, जबकि बाइडेन का कमजोरी भरा प्रदर्शन उनकी क्षमता पर सवाल उठाता रहा।

डिबेट के प्रमुख मुद्दे

इस डिबेट में कई प्रमुख मुद्दे छाए रहे। इनमें प्रमुख थे- अर्थव्यवस्था, आप्रवास और रूस के साथ संबंध। मीडिया और दर्शक विशेष ध्यान से इन मुद्दों पर उम्मीदवारों की बातें सुनते रहे। ये मुद्दे आने वाले चुनावों के नतीजे तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

इज़राइल और गाजा पर बाइडेन की नीतियाँ

इस डिबेट की एक दिलचस्प बात यह रही कि इसमें इज़राइल और गाजा के बीच चल रहे संघर्ष पर चर्चा नहीं की गई। बाइडेन की इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं रखने से कई लोग नाराज भी हुए हैं। यह विषय अमेरिका के कई वोटर्स के लिए महत्वपूर्ण है, और आगामी डिबेट्स में इसे जरूर उठाया जाएगा।

डेमोक्रेटिक पार्टी की चिंता

इस डिबेट के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी में चिंता की लहर दौड़ गई है। बाइडेन का कमजोर प्रदर्शन पार्टी के लिए एक बड़ा धक्का है, और पार्टी के कुछ सदस्य अब बाइडेन को चुनावी मैदान से हटने और किसी नए उम्मीदवार को मौका देने की बात कर रहे हैं। इसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम भी प्रमुखता से सामने आ रहा है।

ग्लोबल प्रभाव

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव डिबेट्स का ग्लोबल प्रभाव होता है। दुनियाभर के देश और उनके नेता इसे देखते हैं और अपने-अपने नुसार निर्णय लेते हैं। इन डिबेट्स से उम्मीदवारों की नीतियाँ और व्यक्तित्व खुलकर सामने आते हैं, जो वोटरों के निर्णय में अहम भूमिका निभाते हैं। इस बार का डिबेट एक बार फिर यह साबित करता है कि उम्मीदवारों के प्रदर्शन का सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है।

14 टिप्पणि

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    Yogesh Dhakne

    जुलाई 1, 2024 AT 02:55
    बाइडेन का प्रदर्शन देखकर लगा जैसे कोई बूढ़े दादा को फोन पर समझाने की कोशिश कर रहा हो जो अभी तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं कर पाया 😅
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    kuldeep pandey

    जुलाई 1, 2024 AT 18:57
    अरे भाई, ट्रम्प ने तो बस झूठ बोला और लोग उसे जीत दे रहे हैं? अमेरिका का लोकतंत्र अब एक रियलिटी शो बन गया है।
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    Hannah John

    जुलाई 2, 2024 AT 04:30
    क्या आपने कभी सोचा है कि बाइडेन की बोलने की असहजता किसी बड़े अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र का हिस्सा है? मैंने सुना है कि उन्हें दवाइयाँ दी जा रही हैं जो उनके दिमाग को धीमा कर रही हैं... और हाँ, वो वो चीज़ें जो मीडिया छुपा रही है।
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    dhananjay pagere

    जुलाई 2, 2024 AT 10:36
    ट्रम्प का आक्रामक अंदाज़ देखकर लगा जैसे कोई टीवी शो का होस्ट हो जो सिर्फ़ रेटिंग बढ़ाना चाहता है। बाइडेन तो असली इंसान लग रहे हैं... जिनके पास बस इतना दिमाग है कि वो जानते हैं कि दुनिया कितनी जटिल है। 🤔
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    Shrikant Kakhandaki

    जुलाई 3, 2024 AT 18:23
    इज़राइल गाजा वाला मुद्दा नहीं उठाया? ये तो बस बड़ा गुमनाम षड्यंत्र है... अमेरिका के लॉबीज़ ने बाइडेन को डरा दिया है कि अगर उन्होंने इस पर बात की तो उनका बजट कट जाएगा और अब वो चुप हैं... ये सब बैंकिंग ग्रुप्स के हाथ में है
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    bharat varu

    जुलाई 5, 2024 AT 14:14
    अरे भाई, बाइडेन तो बस एक इंसान हैं जो 80 के दशक में भी अपने देश की सेवा कर रहे हैं। उनकी बोलने की तरह नहीं, बल्कि उनके दिल की बात देखो। उन्होंने दुनिया के सबसे जटिल समस्याओं का सामना किया है। ये डिबेट तो बस एक शो है, असली काम तो वो कर रहे हैं जो हम नहीं देख पाते।
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    Vijayan Jacob

    जुलाई 5, 2024 AT 19:43
    भारत में भी हमारे नेता जब बोलते हैं तो कभी-कभी उल्टा बोल देते हैं... फिर भी लोग उन्हें चुनते हैं। अमेरिका का नेतृत्व भी अब इतना ही है। बस अंदाज़ बदल गया है। 😏
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    Saachi Sharma

    जुलाई 6, 2024 AT 09:33
    ट्रम्प ने झूठ बोला, बाइडेन भूल गए। दोनों बराबर।
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    shubham pawar

    जुलाई 7, 2024 AT 04:55
    क्या तुमने देखा कि बाइडेन के बोलने के बीच वो एक बार दाएं ओर देख रहे थे? वो जगह वहाँ एक सैटेलाइट था... वो सैटेलाइट उनके दिमाग को नियंत्रित कर रहा था। मैंने इसे एक अनलॉक्ड फोरम पर पढ़ा था... वहाँ लोग बता रहे थे कि उनके दिमाग में चिप लगा हुआ है। ये नहीं बताया जा रहा क्योंकि ये राज बहुत बड़ा है।
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    Nitin Srivastava

    जुलाई 8, 2024 AT 05:57
    बाइडेन का प्रदर्शन एक आधुनिक फिलोसोफी का उदाहरण है - वह जानता है कि भाषा का अर्थ अब बदल गया है, और उसकी अस्पष्टता ही उसकी सबसे शक्तिशाली रणनीति है। ट्रम्प की अस्पष्टता तो बस अज्ञानता है। एक बुद्धिमान व्यक्ति जानता है कि जब तक तुम स्पष्ट नहीं होते, तब तक तुम नियंत्रित रहते हो।
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    Nilisha Shah

    जुलाई 8, 2024 AT 06:16
    मुझे लगता है कि हम बहुत जल्दी निष्कर्ष निकाल रहे हैं। बाइडेन के पास 50 साल का अनुभव है, और उन्होंने दुनिया के सबसे जटिल संकटों को संभाला है। उनकी बोलने की शैली अलग है, लेकिन उनकी नीतियाँ बहुत स्थिर हैं। शायद हमें उनके बोलने के तरीके की जगह, उनके कार्यों को देखना चाहिए।
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    Kaviya A

    जुलाई 9, 2024 AT 07:07
    बाइडेन तो बस थक गए हैं भाई वो बहुत दिनों से लड़ रहे हैं और अब उनके पास ज़रूरत है आराम की ना कि डिबेट की अगर ये लड़ाई जीतनी है तो उन्हें आराम दो
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    Supreet Grover

    जुलाई 9, 2024 AT 21:44
    डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए बाइडेन के प्रदर्शन का स्ट्रैटेजिक रिस्क एक सिस्टमिक फेलियर है जिसका इम्पैक्ट इलेक्टोरल कॉलेज और डिमोग्राफिक ट्रेंड्स पर फैल रहा है। उपराष्ट्रपति हैरिस को एक न्यू नैरेटिव डेवलप करने की ज़रूरत है जो युवा वोटर्स को रिलेट करे।
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    Saurabh Jain

    जुलाई 10, 2024 AT 22:21
    हम सब इतने जल्दी निर्णय ले रहे हैं। लेकिन अगर हम एक दिन बाइडेन के बारे में सोचें जैसे एक बूढ़े आदमी के बारे में जो अपने बेटे के लिए लड़ रहा है... तो शायद हम थोड़ा ज्यादा समझदार बन जाएं। दुनिया को एक अच्छा नेता चाहिए, न कि एक बेहतरीन अभिनेता।

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