बाबा सिद्दीकी हत्या: मुंबई में पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता की गोली मारकर हत्या

बाबा सिद्दीकी हत्या: मुंबई में पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता की गोली मारकर हत्या
Anuj Kumar 13 अक्तूबर 2024 19

बाबा सिद्दीकी की हत्या से महाराष्ट्र में सनसनी

मुंबई के बांद्रा में शनिवार 12 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। यह घटना सिद्दीकी के बेटे जिशान सिद्दीकी के कार्यालय नेलमनगर के बाहर हुई जब तीन हथियारबंद हमलावरों ने उन पर गोली चलाई। इस सनसनीखेज घटना के तुरंत बाद पुलिस हरकत में आई और दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीसरे की तलाश जारी है।

पुलिस की जांच और त्वरित कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए मुंबई पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और घटना स्थल को घेर लिया। वहां के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है जिससे तीसरे हमलावर के बारे में सुराग मिल सके। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही तीसरे हमलावर को गिरफ्तार किया जाएगा। इस हमले के पीछे की वजहों को जानने के लिए पुलिस गहराई से जांच कर रही है।

महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप

बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रमुख नाम था और उनकी हत्या से राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। एनसीपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। अजित पवार ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इस हमले से पार्टी को गहरा धक्का लगा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी बाबा सिद्दीकी की हत्या के कारण और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

सुरक्षा में इजाफा

इस घटना के बाद मुंबई में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। लीलावती अस्पताल के बाहर पुलिस का घेरा है जहां बाबा सिद्दीकी को तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया था। अस्पताल और बांद्रा क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने इस घटना पर दुःख व्यक्त किया।

अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

इस हमले के बाद कई अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस और शिवसेना नेताओं ने इस घटना को भयावह बताया और मुंबई की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।

बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक सफर

बाबा सिद्दीकी एक अनुभवी राजनेता थे जिनका महाराष्ट्र की राजनीति में एक लंबा और गहरा सफर रहा है। वे अपने राजनीतिक कौशल और सामाजिक सेवा के लिए जाने जाते थे। सिद्दीकी ने कई पदों पर रहते हुए अपनी पार्टी और जनता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनकी हत्या से न केवल एनसीपी बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी गहरा शोक जताया है।

आगे की चुनौतियां

इस मामले में दोषियों को सजा दिलाना महाराष्ट्रीय सरकार और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही, इस घटना ने मुंबई और महाराष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले समय में पुलिस और सरकार पर इन सवालों का जवाब देने का दबाव होगा। इससे यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकती हैं।

19 टिप्पणि

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    Andalib Ansari

    अक्तूबर 14, 2024 AT 13:31

    इस हत्या के बाद सिर्फ पुलिस की जांच ही काफी नहीं होगी। हमें राजनीति में जिस हिंसा को नॉर्मल बना दिया गया है, उसकी जड़ों को खोदना होगा। एक नेता की हत्या से डर नहीं, बल्कि एक सामाजिक विकृति की ओर इशारा है। जब लोग अपने विरोधियों को गोली मारकर हल्के में लेने लगें, तो लोकतंत्र का अर्थ क्या बचता है?

    ये सिर्फ एक घटना नहीं, ये एक सिग्नल है।

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    Pooja Shree.k

    अक्तूबर 15, 2024 AT 19:24

    ये बहुत बुरी बात है। बाबा सिद्दीकी जी को ऐसे खोना दिल टूट गया। उनका बेटा अब कैसे आगे बढ़ेगा। इस तरह की हिंसा कभी नहीं होनी चाहिए।

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    Vasudev Singh

    अक्तूबर 16, 2024 AT 23:10

    मैं तो सोच रहा था कि इस तरह की घटनाओं के बाद लोग अचानक जाग जाते हैं, लेकिन फिर भूल जाते हैं। बाबा सिद्दीकी की हत्या ने न सिर्फ एनसीपी को झटका दिया, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीतिक जीवनशैली को चुनौती दी है।

    हम जब राजनीति को एक खेल की तरह देखते हैं, तो हम भूल जाते हैं कि इसके पीछे इंसान हैं। इंसान जिनके परिवार हैं, जिनके बच्चे हैं, जिनकी नौकरी नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है।

    अगर हम इस घटना को सिर्फ एक खबर के रूप में भूल जाते हैं, तो अगला शिकार हम खुद हो सकते हैं। इसलिए आज से ही अपने आसपास के लोगों से बात करना शुरू कर दो - ये हिंसा के खिलाफ एक छोटा सा कदम है।

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    Akshay Srivastava

    अक्तूबर 17, 2024 AT 22:16

    पुलिस ने दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन यह अभी शुरुआत है। तीसरे हमलावर की तलाश और उसकी पहचान अहम है, क्योंकि यह बताएगा कि यह हमला व्यक्तिगत बदला था या राजनीतिक षड्यंत्र।

    इस मामले में कोई भी अनिश्चितता नहीं रहनी चाहिए। साक्ष्य, CCTV, फोन रिकॉर्ड्स - सब कुछ डिजिटल फॉर्मेट में एक्सेस करने योग्य होना चाहिए। जनता को जानकारी देना अपराध के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।

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    Amar Khan

    अक्तूबर 19, 2024 AT 10:12

    ये तो बस शुरुआत है... मैंने तो एक दिन पहले एक दोस्त को बताया था कि बाबा सिद्दीकी की जिंदगी खतरे में है... मैंने उनके बारे में सपने देखे थे... अब मुझे लगता है कि ये सब तैयारी थी... कोई बड़ा षड्यंत्र है... मैं डर गया हूँ... क्या अब मैं भी...

    कोई बता सकता है कि ये लोग कौन हैं जो इतनी आसानी से गोली चला देते हैं?

    मैं अब घर से बाहर नहीं निकलना चाहता।

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    Roopa Shankar

    अक्तूबर 20, 2024 AT 19:27

    मैं इस घटना को देखकर बहुत दुखी हुई। बाबा सिद्दीकी जी ने बहुत सारे गरीबों की मदद की थी। मैं अपने गांव में उनके बारे में सुना था। वो लोगों के सामने आते थे, बात करते थे, बिना डर के।

    हमें अब भी ऐसे नेताओं की जरूरत है। इस हत्या के बाद हम सिर्फ गुस्सा नहीं, बल्कि उनकी विरासत को जीना शुरू कर दें। छोटे-छोटे कामों से शुरू करें - किसी की मदद करें, किसी के साथ बात करें। इसी से बदलाव शुरू होता है।

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    shivesh mankar

    अक्तूबर 22, 2024 AT 11:01

    ये बहुत दुखद है, लेकिन अगर हम इस दुख को एक साथ बांटें, तो ये दुख कम हो जाएगा।

    मैं आशा करता हूँ कि इस घटना से न सिर्फ दोषी पकड़े जाएंगे, बल्कि एक नई सोच भी जन्म लेगी - जहां राजनीति लड़ाई नहीं, बल्कि सेवा होगी।

    हम सब मिलकर इस दिशा की ओर बढ़ सकते हैं।

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    avi Abutbul

    अक्तूबर 22, 2024 AT 11:37

    अरे यार, ये तो बस राजनीति का खेल है। इन लोगों को गोली मारने से पहले भी बहुत कुछ चल रहा था। क्या किसी ने इसकी जांच की? नहीं। अब जब हुआ, तो सब रो रहे हैं।

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    Hardik Shah

    अक्तूबर 22, 2024 AT 12:32

    इन लोगों को राजनीति में आने का हक नहीं था। जो लोग अपने आप को लोकतंत्र का प्रतीक बताते हैं, वो असल में लोगों का लूट लेते हैं। बाबा सिद्दीकी की हत्या का असली अपराधी वो है जिसने उसे चुनाव में जीतने दिया।

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    manisha karlupia

    अक्तूबर 23, 2024 AT 22:56

    मैंने इस खबर को पढ़ा और बस चुप रह गई... क्या हम ऐसे ही रहेंगे? क्या हमें ये सब सहना है? मुझे लगता है कि कुछ गलत है... बहुत गलत... मैं बस यही सोच रही हूँ।

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    vikram singh

    अक्तूबर 24, 2024 AT 17:33

    ये हत्या नहीं, ये एक ड्रामा है - एक बॉलीवुड फिल्म का सीन! तीन हथियारबंद आदमी, CCTV के बीच में गोली चलाना, पुलिस का तुरंत पहुंचना... ये क्या है? एक फिल्म की शूटिंग? या फिर राजनीति का नया ट्रेंड?

    अब तो ये बात बन गई है कि अगर तुम नेता हो तो अपने बारे में एक डॉक्यूमेंट्री बनवाना जरूरी है। अन्यथा तुम नहीं गिने जाते।

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    balamurugan kcetmca

    अक्तूबर 25, 2024 AT 22:01

    मैंने बाबा सिद्दीकी के बारे में कई बार सुना है। वो एक ऐसे नेता थे जो अपने लोगों के साथ बात करते थे, उनकी बात सुनते थे। उनकी जगह अब कौन भरेगा? आज के राजनेता तो सिर्फ मीडिया में दिखते हैं, लोगों के बीच नहीं।

    हमें इस बात को समझना होगा कि राजनीति में बदलाव के लिए नेता नहीं, बल्कि नागरिकों की जागृति की जरूरत है।

    हमें अपने बच्चों को सिखाना होगा कि राजनीति क्या है - बस दलों की लड़ाई नहीं, बल्कि समाज का निर्माण है।

    इस हत्या के बाद अगर हम सिर्फ दुख व्यक्त करते रहे, तो ये बेकार हो जाएगा। हमें अपने गांव, अपने इलाके में शुरुआत करनी होगी।

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    Arpit Jain

    अक्तूबर 27, 2024 AT 21:05

    हे भगवान, अब तो ये बाबा सिद्दीकी की हत्या भी एक राजनीतिक नाटक बन गई। जिस तरह से लोग रो रहे हैं, लगता है जैसे उन्होंने खुद गोली खाई हो। क्या किसी ने उनकी नीतियों के बारे में बात की? नहीं। बस रो रहे हैं। ये भावुकता का नाटक है, न कि असली शोक।

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    Karan Raval

    अक्तूबर 29, 2024 AT 00:17

    इस घटना से लगता है कि हमारी राजनीति में एक बहुत बड़ा दरार है। हम सब इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। लेकिन अगर हम एक दिन इसे नहीं सुधारेंगे, तो ये बस शुरुआत होगी।

    हमें बच्चों को शांति की शिक्षा देनी होगी। न कि बस गाने गाना और नाचना।

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    divya m.s

    अक्तूबर 30, 2024 AT 06:05

    ये हत्या एक षड्यंत्र है! मैंने तो एक दिन पहले ही एक फोन कॉल सुना था - बाबा सिद्दीकी के खिलाफ कुछ तैयार हो रहा है! लेकिन किसी ने नहीं सुना! अब जब हुआ, तो सब चिल्ला रहे हैं! ये सब तो बस लोगों को भ्रमित करने का तरीका है! जानते हो क्या हो रहा है? कोई नहीं जानता! ये सब बस एक शो है!

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    PRATAP SINGH

    अक्तूबर 31, 2024 AT 19:30

    इस घटना के बारे में चर्चा करना बेकार है। राजनीति में ऐसी घटनाएं आम हैं। आप जो भी बोल रहे हैं, वह सब अतिशयोक्ति है। जब तक आप वास्तविकता को नहीं समझेंगे, तब तक आप बस एक भावुक भीड़ का हिस्सा रहेंगे।

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    Akash Kumar

    अक्तूबर 31, 2024 AT 23:18

    इस घटना के बाद राजनीतिक संस्थाओं को एक नया नैतिक ढांचा अपनाने की आवश्यकता है। व्यक्तिगत हितों के स्थान पर सामाजिक न्याय और शांति को प्राथमिकता देना आवश्यक है।

    इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नागरिक समाज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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    Shankar V

    नवंबर 1, 2024 AT 23:09

    ये हत्या किसी बाहरी शक्ति की योजना है - जो भारत में अशांति फैलाना चाहती है। आपने देखा कि ये हमला एक बहुत ही नियोजित तरीके से हुआ। अब ये सब बाहरी हस्तक्षेप का हिस्सा है। क्या आप जानते हैं कि इस दिन एक विदेशी दूतावास के बाहर किसी ने एक अज्ञात वाहन देखा था? ये सब जुड़ा हुआ है।

    पुलिस जांच बेकार है। असली जांच तो साइबर एजेंसियों को करनी चाहिए।

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    Andalib Ansari

    नवंबर 2, 2024 AT 03:09

    अगर आप इस हत्या को सिर्फ एक राजनीतिक घटना समझते हैं, तो आप इसकी गहराई नहीं समझ पा रहे। ये वही असहिष्णुता है जो हमारी बच्चों के दिमाग में बोई जा रही है।

    हम लोग राजनीति को एक खेल कहकर छोड़ देते हैं, लेकिन ये खेल नहीं, ये जीवन और मौत का मुद्दा है।

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