ओलंपिक्स में अर्जेंटीना बनाम मोरक्को मुकाबला: पिच पर उपद्रव से पड़ा साया

ओलंपिक्स में अर्जेंटीना बनाम मोरक्को मुकाबला: पिच पर उपद्रव से पड़ा साया जुल॰, 25 2024

ओलंपिक्स में फुटबॉल का रोमांचक आगाज

पेरिस ओलंपिक्स में पुरुषों का फुटबॉल टूर्नामेंट नाटकीय स्थिति में तब्दील हो गया जब अर्जेंटीना और मोरक्को के बीच मुकाबले के दौरान पिच पर प्रशंसकों का उपद्रव देखने को मिला। खेल का यह रोमांचक शुरुआत न सिर्फ मैदान पर बल्कि मैदान के बाहर भी चर्चा का विषय बना।

शानदार शुरूआत, रोमांचक मोड़

मोरक्को ने खेल के पहले हाफ में शानदार प्रदर्शन दिखाया। जैसे ही मैच के 45वें मिनट पर हाफटाइम हुआ, मोरक्को के खिलाड़ी सूफियान रहीमी ने अच्रफ हाकिमी की सहायता से गोल किया, जिससे टीम को 1-0 की बढ़त मिली। दूसरी छमाही की शुरुआत में, रहीमी ने पेनल्टी स्पॉट से एक और गोल करके मोरक्को को 2-0 की स्थिति में ला दिया।

अर्जेंटीना की अंतिम क्षणों की वापसी

हालांकि, अर्जेंटीना ने हार नहीं मानी। मैच के 68वें मिनट में जूलियानो सिमेओने ने गोल करके स्कोर 2-1 किया। मैच के अंतिम समय में, क्रिस्टियन मेडिना ने स्टॉपेज टाइम के 16वें मिनट में एक रोमांचक गोल करके स्कोर को 2-2 की बराबरी पर ला दिया।

प्रशंसकों का उपद्रव और मैच का स्थगन

मैच के अंत में, मोरक्को के प्रशंसकों ने पिच पर प्रवेश किया और खिलाड़ियों पर वस्तुएं फेंकी, जिससे स्थिति और विकट हो गई। सिक्योरिटी को हस्तक्षेप करना पड़ा और खेल को स्थगित करना पड़ा। अधिकारियों को अब यह फैसला करना है कि मैच को कैसे आगे बढ़ाया जाए - क्या इसे फिर से खेला जाएगा या वहीं से फिर से शुरू किया जाएगा।

मोरक्को के प्रशंसकों का विरोध

पिच पर हुए इस उपद्रव के बाद, मोरक्को के प्रशंसकों का यह विरोध अर्जेंटीना के खिलाड़ियों के खिलाफ भी था। दर्शकों ने अर्जेंटीना की टीम को एक वीडियो विवाद के चलते बू किया जिसमें एक जटिल गाने को 'जातिवादी और भेदभावपूर्ण' करार दिया गया था।

टीमों की साख पर प्रश्नचिन्ह

टीमों की साख पर प्रश्नचिन्ह

अर्जेंटीनी टीम में हाल ही के कोपा अमेरिका विजेता खिलाड़ियों जैसे जूलियन अल्वारेज़, निकोलस ओटामेंडी और गोलकीपर जेरोनिमो रुल्लि जैसे खिलाड़ी शामिल थे। लेकिन यह विवाद उनके प्रदर्शन और मोरक्को के साथ प्रतिस्पर्धा पर से ध्यान हटाने में सफल रहा।

आगे की राह

अब जब इस मामले को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं, अधिकारी और टूर्नामेंट आयोजक इसे शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश में लगे हैं। पेरिस ओलंपिक्स में हुई इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि खेल के साथ-साथ खेल भावना और अनुशासन भी महत्वपूर्ण हैं।