ब्रेस्ट कैंसर: क्या है, क्यों होता है और कैसे बचें
अगर आप या आपके कोई जानने वाले ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहे हैं तो यह लेख मदद करेगा। हम इसे आसान भाषा में समझेंगे – रोग के कारण, लक्षण, जांच और उपचार की जानकारी देंगे। पढ़ते रहिए, क्योंकि शुरुआती कदम अक्सर इलाज को आसान बना देते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है?
सबसे पहला सवाल – यह बीमारी कैसे शुरू होती है? आम तौर पर स्तन के अंदर कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ना शुरू करती हैं। उम्र, जेनेटिक्स और जीवनशैली इस प्रक्रिया को तेज़ कर सकते हैं। माँ की उम्र देर से होना, पहले मासिक धर्म का शुरू होना या जल्दी रजोनिवृत्ति भी जोखिम बढ़ाते हैं। अगर आपके परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर रहा है तो आपका खतरा थोड़ा अधिक हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप ज़रूर रोगी बनेंगे।
खुराक‑पान भी बड़ी भूमिका निभाता है। बहुत ज्यादा शराब या तम्बाकू सेवन, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता जोखिम को बढ़ाते हैं। वहीँ रोज़ाना पर्याप्त फल‑सभी और व्यायाम से बचाव में मदद मिलती है।
लक्षण कैसे पहचानें?
ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेत अक्सर हलके होते हैं, इसलिए नजरअंदाज़ करना आसान होता है। सबसे आम लक्षण है स्तन या बगल में गांठ का महसूस होना। यह गांठ सामान्य रूप से सख़्त और स्थायी होती है, लेकिन कभी‑कभी दर्द भी हो सकता है।
दूसरा संकेत – त्वचा पर दाने या झुर्रियों जैसा बदलाव। अगर आपके स्तन की त्वचा में लालिमा, खरोंच या पिंपल जैसी चीजें दिखने लगें तो डॉक्टर से मिलना चाहिए। निप्पल का आकार बदलना, अंदरूनी तरल निकलना या दर्द होना भी चेतावनी संकेत हैं।
ध्यान दें: इन लक्षणों में से एक ही मिलने पर घबरा जाएँ नहीं, बल्कि जल्द‑से-जल्द जांच कराएँ। शुरुआती पहचान से उपचार आसान और सफलता की संभावना अधिक रहती है।
जांच के तरीके
डॉक्टर सबसे पहले शारीरिक परीक्षण करेंगे। इसके बाद दो प्रमुख स्क्रिनिंग टेस्ट होते हैं – मैमोग्राम और अल्ट्रासाउंड। मैमोग्राम X‑रे पर स्तन की तस्वीर लेता है, जबकि अल्ट्रासाउंड ध्वनि तरंगों से ट्यूमर के आकार का पता लगाता है। अगर डॉक्टर को संदेह हो तो बायोप्सी कराई जाती है, जिसमें थोड़ा सा टिश्यू निकालकर माइक्रोस्कॉप में देखा जाता है।
इन टेस्टों की लागत अब कई सरकारी योजनाओं और निजी क्लीनिकों में कम हो गई है, इसलिए वित्तीय बाधा को बहाना न बनाएँ। जल्दी जांच कराना हमेशा बेहतर रहता है।
उपचार विकल्प
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज तीन मुख्य रूप से किया जाता है – सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी। आजकल टार्गेटेड थैरेपी और इम्यूनोथेरेपी भी उपलब्ध हैं, जो रोगी के जीन प्रोफ़ाइल पर आधारित होते हैं। डॉक्टर आपके कैंसर के स्टेज (प्रगति स्तर) को देख कर सबसे उपयुक्त योजना बनाते हैं।
सर्जरी में ट्यूमर हटाना या पूरे स्तन का ऑपरेशन शामिल हो सकता है। कई बार reconstruction (पुनर्निर्माण) सर्जरी भी की जाती है ताकि शरीर की आकृति बनी रहे। कीमोथेरेपी दवाओं से कैंसर कोशिकाएँ मरती हैं, जबकि रेडिएशन थैरेपी ट्यूमर को छोटे‑छोटे किरणों से नष्ट करती है।
उपचार के साथ-साथ जीवनशैली बदलना भी ज़रूरी है – संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव कम करना मददगार सिद्ध होता है। कई रोगी ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप या काउंसलिंग में भाग लेकर मानसिक समर्थन पाते हैं।
बचाव के आसान कदम
रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है। साल में एक बार मैमोग्राम कराएँ, खासकर अगर उम्र 40 से ऊपर है या परिवार में कैंसर का इतिहास है। नियमित आत्म-परिक्षण भी मदद करता है – हर महीने खुद के स्तन को देखें और किसी असमानता पर डॉक्टर से मिलें।
संतुलित भोजन में फल‑सब्जी, कम वसा वाले प्रोटीन और ओमेगा‑3 फैटी एसिड शामिल करें। शराब की मात्रा घटाएँ या पूरी तरह बंद कर दें, धूम्रपान छोड़ें और रोज़ 30 मिनट चलना-धूप लेना शुरू करें। ये छोटे‑छोटे बदलाव बड़ी सुरक्षा दे सकते हैं।
अगर आप अभी ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहे हैं तो हिम्मत न हारें। सही जानकारी, समय पर जांच और डॉक्टर की सलाह आपके जीतने की कुंजी है। याद रखें – आपका स्वास्थ्य आपके हाथ में है, इसलिए आज ही कदम उठाएँ।

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