बुद्ध पावन पूर्णिमा: क्या है, कब आती है और कैसे मनाते हैं?
अगर आप कभी बौद्ध धर्म के बारे में सुने हैं तो शायद आपने 'पूर्णिमा' शब्द भी सुनाया होगा। यही वह दिन है जब बुद्ध जी का जन्म, ज्ञानोदय और परम मोक्ष तीनों एक साथ माना जाता है। इसे अक्सर ‘वेसाक’ या ‘बुद्ध जयंती’ कहा जाता है। भारत में इस दिन को कई शहरों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर लद्दाख, सikkim, महाराष्ट्र के कुछ हिस्से और नेपाळ में।
बुद्ध पावन पूर्णिमा कब आती है?
पूरा कैलेंडर देखते समय आपको ध्यान रखना होगा कि यह तिथि भारतीय पंचांग के अनुसार बदलती रहती है। आमतौर पर यह चंद्रमा की पूरी अवस्था (पूर्णिमा) में पड़ता है, जो अप्रैल‑मई महीने में आता है। 2025 में यह 23 मई को होगी। इस दिन लोग सुबह जल्दी मंदिर या स्टूपा (बौद्ध स्तूप) पहुँचते हैं, शांति से ध्यानी करते हैं और फूल अर्पित करते हैं।
पूजा‑पद्धति और सामाजिक प्रभाव
पूजन में सबसे पहले साफ‑सुथरा कपड़ा पहनकर स्नान कर लेना चाहिए। फिर बुद्ध की प्रतिमा या चित्र के सामने धूप, घी और दीप जलाते हैं। कुछ लोग दाना‑भात, फल‑फूल का भोग चढ़ाते हैं जबकि अन्य साधारण तिल‑के‑लड्डू बनाकर बाँटते हैं। इस दिन कई बौद्ध केंद्रों में ध्यान‑सत्र आयोजित होते हैं जहाँ सभी उम्र के लोग भाग ले सकते हैं।
समाजिक स्तर पर यह उत्सव एकजुटता का काम करता है। छोटे‑बड़े शहरों में शांति मार्च, पुस्तक मेले और स्वैच्छिक कार्यशालाएँ लगती हैं। छात्र समूह अक्सर बौद्ध इतिहास पर निबंध प्रतियोगिताएं करवाते हैं, जिससे युवा पीढ़ी को इस धर्म की समझ बढ़ती है।
भोजन में भी खास ध्यान दिया जाता है। मांस‑मछली से बचते हुए शाकाहारी व्यंजन तैयार होते हैं, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ती है। कई परिवार एक साथ भोजन करते हैं और इस दिन की खुशियों को बांटते हैं।
अगर आप अपने घर में छोटा‑सा उत्सव करना चाहते हैं तो बस एक साफ जगह बनाएँ, बुद्ध की तस्वीर लगाएँ और हल्का संगीत बजाएँ। छोटे बच्चों को कहानी सुनाएँ कि कैसे बुद्ध ने चार आर्य सत्य खोजे थे। यह न सिर्फ धार्मिक ज्ञान देता है बल्कि नैतिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करता है।
आज के तेज़-तर्रार जीवन में ऐसी शांति की तलाश हर किसी को होती है। पूरी माहौल में अगर आप खुद को थोड़ा समय दें, तो इस पूर्णिमा का मतलब समझना आसान हो जाएगा—शांति, करुणा और ज्ञान का संदेश। इसलिए अगली बार जब कैलेंडर पर ‘बुद्ध पावन पूर्णिमा’ दिखे, तो उसे सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि आत्म‑निरीक्षण के अवसर के रूप में देखें।

बुद्ध पूर्णिमा 2024: भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव पर शुभकामनाएं, चित्र और विचार
बुद्ध पूर्णिमा, एक महत्वपूर्ण पर्व, वैसाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो 23 मई, 2024 को है। यह दिन भगवान बुद्ध, बौद्ध धर्म के संस्थापक का जन्मदिन है। लेख में इस पर्व का महत्त्व और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर आधारित संदेशों का संग्रह साझा किया गया है। ये संदेश सत्यवादिता, शांति और अहिंसा के महत्त्व पर जोर देते हैं और खुशहाल, समृद्ध जीवन के लिए आशीर्वाद देते हैं।
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