ग्रीन एनर्जी क्या है? भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व

जब बात बिजली की आती है तो अक्सर हम कोयला या तेल के बारे में सुनते हैं। लेकिन आजकल ग्रीन एनर्जी यानी सौर, पवन और जल शक्ति जैसे स्रोतों पर ध्यान बढ़ रहा है। ये संसाधन दो‑तीन बार नहीं, बल्कि लगातार चल सकते हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। इसलिए सरकार भी इनका समर्थन कर रही है और आम लोग भी अपनी खपत में इन्हें जोड़ रहे हैं।

मुख्य ग्रीन एनर्जी स्रोत कौन‑से हैं?

सबसे लोकप्रिय है सोलर पावर. भारत के तेज़ धूप वाले इलाकों में छोटे छत‑स्थापित सॉलर पैनल से घर की बिजली का 30‑40% हिस्सा कवर किया जा सकता है। पवन ऊर्जा भी तेजी से बढ़ रही है; राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु में बड़े पवन फार्म चल रहे हैं जो लाखों परिवारों को साफ़ बिजली दे रहे हैं। जल शक्ति यानी हाइड्रोपावर छोटे नदी बांध या बड़ी डैम दोनों रूप में उपलब्ध है, लेकिन इसके लिए पर्यावरणीय मंजूरी जरूरी होती है। बायोमास और भू‑तापीय ऊर्जा भी कम‑कम उपयोग में आ रही हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ फसल अवशेष आसानी से मिलते हैं।

घर में ग्रीन एनर्जी अपनाने के आसान तरीके

पहला कदम है सोलर पैनल लगवाना. आजकल कई कंपनियाँ ‘डायरेक्ट‑टू‑कंज्यूमर’ मॉडल पेश करती हैं, जहाँ आप केवल इंस्टॉल करवाते हैं और बचत का बिल मिलते ही पेमेंट करते हैं। दूसरा तरीका है सौर जल गरम करने वाले कलेक्टर लगाना; ये पानी को जल्दी गर्म कर देते हैं और गैस की खपत घटा देते हैं। तीसरा विकल्प पवन टर्बाइन हो सकता है, लेकिन यह छोटे घरों में अक्सर आर्थिक नहीं रहता; इसके बजाय आप अपने पड़ोस के सामुदायिक पवन प्रोजेक्ट में शेयर खरीद सकते हैं।

बिजली बचाने वाले स्मार्ट डिवाइस भी ग्रीन एनर्जी का हिस्सा बनते जा रहे हैं। LED बल्ब, ऊर्जा‑सेविंग रेफ्रिजरेटर और इन्वर्टर एसी इस्तेमाल करने से बिजली की खपत कम होती है, जिससे सौर पैनल की उत्पादन क्षमता बेहतर उपयोग में आती है। साथ ही, घर के अनावश्यक उपकरणों को प्लग ऑफ़ करके भी आप अपनी बिल में noticeable कमी देख सकते हैं।

अगर आपके पास खेती वाला ज़मीन है तो बायोमास प्लांट स्थापित करना फायदेमंद हो सकता है। खेत की कचरे से बना गैस लैंप या छोटे जेनरेटर्स को चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे न सिर्फ अपशिष्ट कम होता है बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा बेचकर आय भी होती है।

सरकारी योजनाएँ इस दिशा में मदद करती हैं। ‘स्कीम फॉर सॉलार पैनल’ के तहत 30% तक सब्सिडी मिलती है और लोन इंटरेस्ट रेट कम होता है। वहीँ ‘पवन ऊर्जा विकास योजना’ छोटे निवेशकों को प्रोत्साहन देती है। इन योजनाओं की जानकारी आप स्थानीय बिजली विभाग या ऑनलाइन पोर्टल से आसानी से ले सकते हैं।

एक बात याद रखें, ग्रीन एनर्जी अपनाने में शुरुआती खर्च थोड़ा अधिक हो सकता है, पर लम्बे‑समय में बिल बचत और पर्यावरणीय लाभ दो‑गुना होते हैं। आपके छोटे कदम भी अगर कई लोगों तक पहुँचें तो देश की कुल ऊर्जा खपत में बड़ा बदलाव आ सकता है। इसलिए आज ही एक छोटा सा परिवर्तन शुरू करें—सोलर पैनल, LED लाइट या कोई भी विकल्प जो आपको सुविधाजनक लगे।

संक्षेप में कहा जाए तो ग्रीन एनर्जी सिर्फ सरकार का प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि हर घर की आवश्यकता बन चुकी है। जब आप अपनी बिजली के स्रोत को स्वच्छ बनाएँगे तो न केवल अपने खर्च कम करेंगे, बल्कि साफ़ हवा और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी मदद करेंगे। अब देर किस बात की? आज ही ग्रीन एनर्जी की दिशा में पहला कदम उठाएँ।

अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी: टोटल गैस और ग्रीन एनर्जी शेयरों में 16% की उछाल
Anuj Kumar 4 जून 2024 0

अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी: टोटल गैस और ग्रीन एनर्जी शेयरों में 16% की उछाल

अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी मांग के कारण अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के शेयरों में 16% की उछाल आई है। यह उछाल ग्रीन एनर्जी में बढ़ती रुचि और कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार के प्रयासों का परिणाम है। अडानी ग्रीन एनर्जी ने अपने लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों में गिनती करना शामिल है।

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