गुरु पूर्णिमा 2024 – कब, क्यों और कैसे मनाएँ?

गुरु पौराणिमा हर साल अशाढ़ के पूर्णिमादिन मनाई जाती है. 2024 में यह दिन 20 जुलाई को पड़ता है. इस पावन दिवस पर हम अपने जीवन के मार्गदर्शकों – गुरुजियों, माता‑पिता और उन सभी शिक्षकों को सम्मान देते हैं जिनसे हमने कुछ न कुछ सीखा है.

आप भी सोच रहे होंगे कि इस खास दिन क्या करना चाहिए? चलिए, आसान‑आसान टिप्स देखते हैं ताकि आप बिना किसी झंझट के पूरा फायदा उठा सकें.

गुरु पूर्णिमा की तिथि और समय

2024 में गुरु पौराणिमा शुक्ल पूर्णिमा यानी चंद्रमा का पूरन चाँद दिन है. आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार, सुबह 6‑7 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक की अवधि को ‘ब्रह्मा मुहूर्त’ माना जाता है; इस समय पूजा करने से इच्छा पूर्ण होती है. यदि आप काम‑काज में व्यस्त हैं तो शाम 4‑5 बजे का समय भी उपयुक्त रहता है, क्योंकि यह सूर्यास्त के बाद की शांति भरी घड़ी होती है.

ध्यान रखें – तिथि बदल सकती है अगर स्थानीय पंचांग में चंद्रमा को अलग माना गया हो. इसलिए अपने निकटतम मंदिर या आध्यात्मिक समूह से दोबारा पुष्टि कर लें.

घर में सरल गुरु पौराणिमा पूजा विधि

1️⃣ सफ़ाई और सजावट: घर का दरवाज़ा, लिविंग रूम और पूजा स्थल को साफ़ करें. फूलों की माला या रंग‑बिरंगी दीपावली की तरह धूप लगाएँ.

2️⃣ पूजा सामग्री: आप को चाहिए – एक छोटा बरतन (कलश), हरी पत्ती, शुद्ध जल, चावल (अक्षत), नारियल, फूल, दीपक और अगरबत्ती. यदि आपके पास क़ुरान या बाइबल जैसी कोई धार्मिक पुस्तक है तो उसे भी रख सकते हैं; गुरु के प्रति सम्मान दिखाने का यही तरीका है.

3️⃣ मुख्य मंत्र: "गायत्री मंत्र" या "ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः\ सत्संगायां प्राणाविश्वासेण वन्देऽहं" को 3‑4 बार उच्च स्वर में पढ़ें. यह आपके मन को शांति देगा और सकारात्मक ऊर्जा लाएगा.

4️⃣ अक्षत अर्पित करें: कलश में पानी भरकर उसमें एक चम्मच अक्षत डालें, फिर उसे गुरु के सामने रखें. इसे धीरे‑धीरे हल्के हाथ से घुमाएँ; यह कर्म आपके जीवन की दिशा को स्पष्ट करेगा.

5️⃣ भोजन का प्रसाद: साधारण फल, मिठाई (जैसे लड्डू) या कोई भी शाकाहारी पकवान तैयार करें. इसे अपने परिवार के साथ बाँटें और गुरु के आदर्श – सेवा‑भावना को याद रखें.

6️⃣ समाप्ति: अंत में सभी दीपकों को एक साथ जलाएँ, धूप को धीरे-धीरे बुझाएँ और ‘धन्यवादा’ कह कर प्रार्थना समाप्त करें. यह आपके घर में शांति और समृद्धि लाएगा.

यदि आप मंदिर या गुरुद्वारे में जाना चाहते हैं तो स्थानीय कार्यक्रमों की जाँच करें; कई स्थान पर विशेष प्रवचन, भजन‑कीर्तन और गुरु बाणीज़ के साथ सामूहिक दान किया जाता है. यह आपके सामाजिक जुड़ाव को भी बढ़ाता है.

गुरु पौराणिमा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा की गहरी कनेक्शन बनाते हुए अपने अंदरूनी गुरु से मिलने का अवसर है. इस साल जब आप इस दिन को मनाएँ, तो छोटे‑छोटे कदम उठाकर बड़े बदलाव देखेंगे – चाहे वह पढ़ाई में बेहतर अंक हों या काम में नई सोच.

तो तैयार हैं? आज ही अपनी पूजा सामग्री इकट्ठा करें, अपने घर की साफ़‑सफ़ाई शुरू करें और गुरु पौराणिमा के इस अवसर को यादगार बनाएँ. आपका हर कदम आपके अंदर की रोशनी को उजागर करेगा!

गुरु पूर्णिमा राशिफल 21 जुलाई 2024: इन 3 राशियों की तकदीर बदलेगी, आएंगी मां लक्ष्मी
Anuj Kumar 20 जुलाई 2024 0

गुरु पूर्णिमा राशिफल 21 जुलाई 2024: इन 3 राशियों की तकदीर बदलेगी, आएंगी मां लक्ष्मी

गुरु पूर्णिमा के दिन, 21 जुलाई 2024, तीन राशियों के भाग्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना है। सिंह, कन्या और मीन राशियों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ रहेगा। सिंह राशि के जातकों को करियर और वित्त में वृद्धि मिलेगी, कन्या राशि के संबंधों में सुधार और मीन राशि के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।

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