प्रधानमंत्री शपथ: क्या बदलता है और क्यों देखना जरूरी है?

जब भी नया प्रधानमंत्री शपथ लेता है, पूरे देश में चर्चा शुरू हो जाती है। यह सिर्फ एक औपचारिक कदम नहीं, बल्कि सरकार की दिशा तय करने वाला मोड़ होता है। आप अक्सर देखते हैं कि समाचार चैनल, सोशल मीडिया और हर कोने का पत्रकार इस दिन के बारे में बात करता है – इसलिए यहाँ हम सरल शब्दों में समझाते हैं कि शपथ क्या मतलब रखती है और आपको किन चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए।

शपथ की प्रक्रिया – कदम दर कदम

पहले चरण में राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के सामने प्रधानमंत्री‑इन-चार्ज (पीएम) अपना शपथ लेता है। शपथा‍वली में दो भाग होते हैं: एक वादे का और दूसरा संविधानिक कर्तव्य का। ये वाक्यांश अक्सर सुनने में कठिन लगते हैं, लेकिन असल में वे यह कहते हैं कि आप देश की सुरक्षा, विकास और संविधान के अनुसार काम करेंगे। फिर सभी मंत्रियों को भी वही शपथ लेनी पड़ती है, इसलिए पूरा कॅबिनेट एक साथ तैयार हो जाता है।

शपथ समारोह में अक्सर कई प्रमुख नेता, विदेश प्रतिनिधि और आम जनता भी शामिल होते हैं। यह सार्वजनिक भरोसा बनाने का मौका होता है – लोग देखना चाहते हैं कि नया नेतृत्व किस तरह से अपने वादे निभाएगा। इसलिए मीडिया तुरंत ही इस कार्यक्रम की हर छोटी‑बड़ी बात को रिपोर्ट करता है।

शपथ के बाद क्या बदलता है?

शपथ लेने के बाद सबसे पहले मंत्रियों का पोर्टफोलियो तय किया जाता है। अगर आप राजनीति में रूचि रखते हैं, तो इस सूची पर नज़र रखें – यह बताता है कि कौन‑से विभागों को किसके हाथों में दिया गया है। नई नीति, बजट या महत्त्वपूर्ण कानून अक्सर इसी समय से शुरू होते हैं।

दूसरा बदलाव सरकारी प्राथमिकताओं में दिखता है। शपथ के साथ ही प्रधानमंत्री अक्सर ‘विकास एजेंडा’ पेश करता है – चाहे वह बुनियादी ढाँचा हो, डिजिटल भारत हो या रोजगार योजना। इन योजनाओं की सफलता या विफलता सीधे आपके रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित करती है, इसलिए खबरों में उनका अपडेट मिलना ज़रूरी है।

तीसरा असर यह है कि अंतरराष्ट्रीय संबंध भी बदल सकते हैं। नई सरकार का विदेश नीति का रुख, व्यापार समझौते या सुरक्षा गठजोड़ अक्सर शपथ के बाद स्पष्ट होते हैं। यदि आप विदेशी यात्रा या निर्यात‑आयात से जुड़ी खबरें पढ़ते हैं, तो इस बिंदु को ध्यान में रखें।

अंत में, आम जनता की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होती है। कई बार लोग नई सरकार पर भरोसा नहीं करते, तो विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया ट्रेंड बनते हैं। यह संकेत देता है कि आगे कौन‑से मुद्दे उठेंगे और सरकार को कहाँ अधिक काम करना पड़ेगा।

संक्षेप में, प्रधानमंत्री शपथ सिर्फ एक समारोह नहीं; यह भारत की राजनीति, नीति और जनता के बीच का नया पुल है। अगर आप ताज़ा समाचार, विश्लेषण और संभावित असर चाहते हैं, तो हमारे टैग पेज ‘प्रधानमंत्री शपथ’ पर नियमित रूप से विज़िट करें। हम हर नई शपथ को आसान भाषा में समझाते हैं, ताकि आप बिना किसी कठिनाई के देश की दिशा का पता लगा सकें।

नरेंद्र मोदी 8 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे: जानें कैसे बनी एनडीए सरकार
Anuj Kumar 5 जून 2024 0

नरेंद्र मोदी 8 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे: जानें कैसे बनी एनडीए सरकार

8 जून को नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 240 सीटें जीती, जो बहुमत से कम रहीं, लेकिन गठबंधन के सहयोग से एनडीए ने 295 सीटें हासिल कीं। इस चुनाव में कांग्रेस ने भी प्रभावी प्रदर्शन करते हुए 99 सीटें जीतीं। मोदी ने जनता को उनके मजबूत समर्थन के लिए धन्यवाद किया।

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