बेंगलुरु में अप्रैल 2025 के दौरान बढ़ते तापमान और छिटपुट बारिश की संभावना

बेंगलुरु में अप्रैल 2025 के दौरान बढ़ते तापमान और छिटपुट बारिश की संभावना
Anuj Kumar 16 अप्रैल 2025 19

बेंगलुरु के मौसम में गर्मी का प्रकोप

बेंगलुरु में अप्रैल 2025 में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। तापमान प्रतिदिन बढ़ रहा है और महीने के अंत तक 38°C तक पहुँच सकता है। हालांकि, औसत तापमान 24°C से 36°C के बीच है, जो कि शहर के लिए अपेक्षाकृत गर्म है।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अप्रैल के मध्य में, 16 तारीख को अधिकतम तापमान 34.3°C और न्यूनतम तापमान 24°C के आसपास रह सकता है। वहीं 17 और 18 अप्रैल को छिटपुट बारिश होने की संभावना है, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है। इस दौरान शहर के निवासियों को सलाह दी जा रही है कि वे नियमित रूप से स्वयं को हाइड्रेट रखें और स्थानीय मौसम अपडेट पर ध्यान दें।

छिटपुट बारिश का पूर्वानुमान

छिटपुट बारिश का पूर्वानुमान

शहर में माह भर केवल 3 से 8 दिनों के बारिश की उम्मीद है, जिससे कुल मिलाकर लगभग 61 मिमी की बारिश हो सकती है। यह बारिश तापमान को थोड़ी राहत दे सकती है, लेकिन इसके साथ ही अधिक गर्मी की चेतावनी अभी भी बनी हुई है।

हालांकि, मौसम विभाग से कोई ऑफिशियल येलो अलर्ट जारी नहीं किया गया है, परन्तु निवासियों को जलवायु परिवर्तन के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। 22 अप्रैल तक, तापमान के 38°C तक पहुँचने की संभावना बताई जा रही है। ऐसे में शहर के लोग मौसम के इस तेजी से बदलाव को समझते हुए स्वयं को इसके अनुरूप ढालने की कोशिश कर रहे हैं।

19 टिप्पणि

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    Saachi Sharma

    अप्रैल 16, 2025 AT 23:11

    ये गर्मी तो बस जीवन बना देगी।

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    bharat varu

    अप्रैल 16, 2025 AT 23:49

    बेंगलुरु का मौसम अब सिर्फ शहर का नहीं, बल्कि देश के जलवायु परिवर्तन का एक छोटा सा दर्पण है। हम सब इसे नजरअंदाज कर रहे हैं, लेकिन अगले 10 साल में ये आम बात बन जाएगी। हाइड्रेशन के साथ-साथ घरों में शेडिंग और ग्रीन रूफ्स भी जरूरी हैं।


    मैंने 2020 में अपने बालकनी पर एक छोटा सा वर्टिकल गार्डन लगाया था - उससे अंदर का तापमान 3-4 डिग्री तक कम हो गया। ये छोटी चीजें बड़ा फर्क ला सकती हैं।


    हम बस एयर कंडीशनर की ओर भाग रहे हैं, लेकिन वो भी बिजली की खपत बढ़ा रहे हैं। स्थायी समाधान तो प्राकृतिक ठंडक की ओर जाना है।

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    Vijayan Jacob

    अप्रैल 17, 2025 AT 11:36

    अरे भाई, अप्रैल में 38°C? ये तो बेंगलुरु नहीं, अब दिल्ली का अंश है। अब तो हमारा शहर भी गर्मी के लिए फेमस हो गया है। अगले साल शहर का नाम बदलकर ‘बेंगलुरु-एक्स्ट्रीम-हीट-ज़ोन’ रख दें।

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    Kaviya A

    अप्रैल 19, 2025 AT 06:15

    ये गर्मी तो बस जीत गई है मुझे घर से बाहर निकलने का हौसला ही नहीं हो रहा

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    Nilisha Shah

    अप्रैल 20, 2025 AT 21:47

    बारिश के छिटपुट दिनों का विश्लेषण देखकर लगता है कि जलवायु प्रणाली अब अनियमित रूप से अपना अनुकूलन कर रही है। ये बारिश जैसे बर्बाद हो रही है - एक दिन बारिश, अगले दिन तापमान 38°C। इसका अर्थ है कि नियमित जल संसाधन प्रबंधन की आवश्यकता है।


    हम बारिश को बस राहत का साधन समझ रहे हैं, लेकिन ये तो एक संकेत है कि जलवायु अब अपने चक्र को बदल रही है। शहरों को जल संग्रहण और जल स्थानांतरण की नीति बनानी होगी।


    अगर हम इसे अभी नहीं समझेंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को बारिश के लिए बाहर जाना पड़ेगा - जैसे कि वो एक दुर्लभ वस्तु हो।

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    Supreet Grover

    अप्रैल 22, 2025 AT 03:24

    इस जलवायु स्थिति में, अल्पकालिक तापीय विकृति (Short-term Thermal Anomaly) का स्तर अत्यधिक बढ़ गया है। निवासियों के लिए हाइड्रेशन इंटरवेंशन और शहरी एनवायरनमेंटल रेस्पॉन्स टीम (UERT) की आवश्यकता है।


    हमें एक डिजिटल हीट मैपिंग सिस्टम बनाना चाहिए जो रियल-टाइम थर्मल डेटा को एनालाइज करे। ये एक एडवांस्ड स्मार्ट सिटी फ्रेमवर्क है।

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    Nupur Anand

    अप्रैल 23, 2025 AT 21:07

    ये सब तो बस एक छोटा सा ड्रामा है। जब तक आप अपने बाथरूम में एयर कंडीशनर नहीं लगाते, तब तक आप जलवायु परिवर्तन के बारे में बात नहीं कर सकते।


    आप लोग बस बारिश के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि बेंगलुरु के 70% बारिश का पानी बस सीवर में बह जाता है? जल संग्रहण का नियम तो 1980 में ही बन गया था - लेकिन आज तक कोई इसे लागू नहीं कर पाया।


    आप जिस तरह से बारिश को राहत का साधन बता रहे हैं, वैसे ही आप जलवायु आपातकाल को एक बारिश के दिन के रूप में नजरअंदाज कर रहे हैं। ये बस शुरुआत है।


    मैंने 2018 में एक रिपोर्ट लिखी थी - ‘बेंगलुरु: जलवायु का अंतिम शहर’ - लेकिन किसी ने नहीं पढ़ा।


    अब आप बस एक बारिश के लिए आशा कर रहे हैं? अच्छा है, लेकिन जब आपका बच्चा बुखार से बीमार पड़ेगा, तो आपको किसकी गलती बताएंगे?

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    Nitin Srivastava

    अप्रैल 24, 2025 AT 13:34

    38°C? वाह। ये तो बस एक शहरी अल्पकालिक अतिक्रमण है। जलवायु विज्ञान के अनुसार, ये एक फॉलो-अप इवेंट है जिसका अर्थ है कि बेंगलुरु अब एक नए जलवायु रेजिम के अधीन है।


    मैंने 2023 में एक वैश्विक अध्ययन किया - दक्षिण भारत के शहरों में तापमान वृद्धि की दर उत्तरी भारत से अधिक है। क्यों? क्योंकि यहाँ बारिश की अनियमितता अधिक है।


    अब तो हमें ये समझना होगा कि बारिश नहीं, बल्कि जल संग्रहण ही हमारी निर्माण नीति का केंद्र होना चाहिए।

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    Vivek Pujari

    अप्रैल 25, 2025 AT 00:58

    अगर आप गर्मी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं, तो पहले अपने घर के बाहर के गाड़ी खड़ी करने की आदत छोड़ दीजिए। हर गाड़ी एक छोटा सा उष्णकटिबंधीय उष्मा उत्सर्जक है।


    हम लोग बस एयर कंडीशनर की ओर भाग रहे हैं, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि हमारी जीवनशैली ही इसकी जड़ है?


    जब तक हम अपने शहर को ग्रीन स्पेस से भरने की बजाय अपार्टमेंट बनाते रहेंगे, तब तक ये गर्मी बढ़ती रहेगी।

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    mohd Fidz09

    अप्रैल 25, 2025 AT 08:55

    हम भारतीयों को अपने जलवायु के साथ रहना सीखना होगा। ये गर्मी हमारी शक्ति का प्रमाण है।


    अमेरिका और यूरोप गर्मी के लिए एयर कंडीशनर लगाते हैं, लेकिन हम तो गर्मी के साथ जीते हैं - इसीलिए हम दुनिया के सबसे मजबूत लोग हैं।


    अगर आपको लगता है कि बारिश से राहत मिलेगी, तो आप बस अपने अंदर की कमजोरी को बाहर फेंक रहे हैं।


    हमारे पूर्वजों ने बिना एयर कंडीशनर के जीवन जिया - और आज हम बारिश के लिए आशा कर रहे हैं? ये देश का अपमान है।

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    Saurabh Jain

    अप्रैल 26, 2025 AT 03:10

    हम सब अलग-अलग तरीके से इस गर्मी से लड़ रहे हैं। कुछ एयर कंडीशनर लगाते हैं, कुछ बारिश की उम्मीद करते हैं।


    लेकिन अगर हम एक साथ आकर अपने बारीकी से जमीन के आसपास के पेड़-पौधे बचाएं, तो ये गर्मी कम हो सकती है।


    मैंने अपने बाग में एक छोटा सा जलाशय बनाया है - वहाँ का तापमान अभी भी 28°C ही है। ये छोटी चीजें बहुत बड़ा असर डालती हैं।

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    suraj rangankar

    अप्रैल 26, 2025 AT 13:12

    हाँ, गर्मी ज्यादा है, लेकिन ये तो बस एक चुनौती है! जीवन तो बर्फ के बीच नहीं, गर्मी में जीना है।


    हर सुबह 5 बजे उठो, एक गिलास पानी पियो, घूमो, फिर घर आकर एयर कंडीशनर चलाओ - ये रास्ता है।


    मैंने अपने बेटे को गर्मी में बाहर खेलने के लिए मजबूर किया - अब वो बिना एयर कंडीशनर के भी ठीक रहता है।


    गर्मी आपको कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत बनाती है। तो डरो मत।

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    Nadeem Ahmad

    अप्रैल 27, 2025 AT 10:03

    मैं बस बैठा हूँ, बाहर की गर्मी देख रहा हूँ।


    कोई बारिश हो जाए तो अच्छा होगा।


    नहीं होगी तो भी चलेगा।

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    Aravinda Arkaje

    अप्रैल 27, 2025 AT 18:03

    हाँ, गर्मी ज्यादा है, लेकिन ये सब अस्थायी है।


    हम लोग इसे एक अवसर के रूप में देख सकते हैं - घरों में ग्रीन वॉल्स लगाना, बारिश के पानी को भंडारित करना, बाइक पर जाना।


    हर छोटा कदम बड़ा बदलाव ला सकता है।


    हम एक साथ इसे संभाल सकते हैं।

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    shubham pawar

    अप्रैल 29, 2025 AT 11:48

    मैंने अप्रैल के शुरू में अपने बालकनी पर एक छोटा सा जलाशय बनाया - और जैसे ही बारिश हुई, वैसे ही मैंने अपनी आत्मा को भी धो लिया।


    ये गर्मी नहीं, ये तो एक भावनात्मक परीक्षा है।


    मैंने अपने घर के बाहर एक पेड़ लगाया, और अब वो मुझे हर दिन एक छोटा सा संदेश देता है - ‘तुम अकेले नहीं हो।’


    मैं अक्सर रात को बाहर बैठता हूँ, और आसमान को देखता हूँ - और सोचता हूँ कि क्या वो भी इस गर्मी से थक गया है?


    कभी-कभी लगता है कि बारिश नहीं, बल्कि एक बड़ा अश्रु बरस रहा है।


    मैं अपनी माँ को फोन करता हूँ - वो कहती हैं, ‘बेटा, गर्मी तो जाएगी, लेकिन तुम्हारी चिंता नहीं।’


    मैं अब बस एक गिलास ठंडा पानी पीकर बैठ जाता हूँ - और दुनिया को भूल जाता हूँ।


    क्या आप भी ऐसा करते हैं?


    या फिर आप भी बस इस गर्मी में खो गए हैं?

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    Rupesh Nandha

    मई 1, 2025 AT 00:55

    ये गर्मी और छिटपुट बारिश का संयोग वास्तव में एक गहरा जलवायु संकेत है।


    हम इसे बस एक वार्षिक घटना के रूप में देख रहे हैं, लेकिन ये तो एक नए जलवायु नियम की शुरुआत है।


    बेंगलुरु के तापमान में वृद्धि का आधार न केवल शहरीकरण है, बल्कि आसपास के वनों का विनाश भी है।


    जब हम एक वृक्ष काटते हैं, तो हम एक छोटा सा जलवायु नियंत्रक खो देते हैं।


    हमें अपने शहर को एक जीवित प्रणाली के रूप में देखना होगा - न कि एक बिल्डिंग के समूह के रूप में।


    हर बारिश का एक दिन एक अवसर है - न कि एक छुट्टी।


    हम अपने बच्चों को यही सिखाएँ कि पानी बर्बाद न हो, और पेड़ लगाएँ।


    ये बस एक शहर की बात नहीं - ये एक सभ्यता की बात है।

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    Suman Sourav Prasad

    मई 2, 2025 AT 20:47

    ये गर्मी तो बस शुरुआत है, और हम सब तैयार नहीं हैं।


    मैंने अपने घर के बाहर एक छोटा सा बारिश का टैंक लगाया है - और अब वो मुझे बहुत आराम देता है।


    मैं हर दिन एक गिलास पानी पीता हूँ - और एक बारिश के दिन की उम्मीद करता हूँ।


    मैं नहीं चाहता कि मेरा बेटा बड़ा होकर सोचे कि बेंगलुरु कभी ठंडा था।


    हमें अपने आसपास की चीजों को बचाना होगा - वरना ये शहर एक रेगिस्तान बन जाएगा।


    मैं अब बस एक दिन के लिए आशा करता हूँ - कि कोई बारिश हो जाए।

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    Ajay baindara

    मई 3, 2025 AT 13:08

    तुम लोग बस बारिश के लिए आशा कर रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि तुम्हारे घरों के बाहर के गाड़ी के लिए बने पार्किंग स्पेस ही ये गर्मी पैदा कर रहे हैं?


    तुम लोग बस एयर कंडीशनर चलाते हो - लेकिन तुम्हारी जीवनशैली ही ये सब बना रही है।


    अगर तुम नहीं बदले, तो तुम्हारे बच्चे भी इसी गर्मी में रहेंगे।

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    suraj rangankar

    मई 5, 2025 AT 12:18

    हाँ, गर्मी ज्यादा है, लेकिन ये तो बस एक चुनौती है!


    मैंने अपने बेटे को गर्मी में बाहर खेलने के लिए मजबूर किया - अब वो बिना एयर कंडीशनर के भी ठीक रहता है।


    गर्मी आपको कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत बनाती है।


    तो डरो मत।


    और हाँ - एक गिलास पानी पी लो।

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