इजरायली हवाई हमलों में लेबनान में 492 लोगों की मौत
इजरायली हवाई हमलों ने लेबनान के दक्षिणी और बेक्का घाटी क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। लेबनानी स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद ने बताया कि इन हमलों में अब तक कम से कम 492 लोग मारे गए हैं और 1,024 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस समय Lebanese स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर भारी दबाव है और अस्पतालों में जगह की कमी है।
हिज़बुल्लाह ठिकानों को निशाना
इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) के प्रवक्ता Rear Admiral Daniel Hagari ने जानकारी दी कि यह हमले हिज़बुल्लाह के आतंकी गतिविधियों की प्रतिक्रिया में किए गए हैं। IDF ने पुष्टि की कि उन्होंने हिज़बुल्लाह से जुड़े लगभग 800 ठिकानों को निशाना बनाया है। यह हमले जैसे-जैसे तेज़ होते जा रहे हैं, वहां के जनजीवन पर इसका भारी प्रभाव पड़ रहा है।
निर्दोष नागरिकों पर कहर
इस संघर्ष का सबसे बड़ा खामियाजा निर्दोष नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। Lebanon के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मरने वालों में 21 बच्चे और 31 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा हजारों परिवार अपने घरों से बेघर हो गए हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।
स्थिति और बिगड़ने का खतरा
युद्ध की इस बढ़ती धमक के कारण बहुत से नागरिक दक्षिणी शहरों जैसे Tyre और Sidon से पलायन करने को मजबूर हैं। लोगों में भय का माहौल है और रोज़मर्रा की ज़िंदगी बहुत मुश्किल हो गई है। संकट की गहराई इस हद तक पहुँच गई है कि लोगों को अपने बच्चों को स्कूल से निकालने की नौबत आ गई है।
संयुक्त राष्ट्र की चिंता
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस इस स्थिति से बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि इस संघर्ष का बढ़ता स्तर लेबनान को एक और गाजा बना सकता है। यह युद्ध न केवल Lebanon बल्कि पूरे मध्य पूर्व की स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है।
हिज़बुल्लाह की प्रतिक्रिया
हिज़बुल्लाह की प्रतिक्रिया भी कम नहीं है। संगठन ने उत्तरी इजरायल पर कई रॉकेट दागे, जिससे कम से कम एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। हिज़बुल्लाह ने घोषणा की है कि वे अपने हमले तब तक जारी रखेंगे जब तक गाजा में संघर्ष विराम नहीं होता।
लेबनान में भारी क्षति
इस संघर्ष ने लेबनान में भारी मानवता और संपत्ति की क्षति की है। यहां के जिन नागरिकों के पास सुरक्षित स्थान नहीं है, वे बेहद खौफ में हैं। सूचना मंत्री ज़ियाद मकरी ने अपनी गैरसहयोगी पद्धति का दावा किया है और कहा कि यह 'एक मनोवैज्ञानिक युद्ध' है। प्रधान मंत्री नजीब मिकाती ने इस संघर्ष को 'लेबनान पर सर्वनाश' करार दिया है और कहा कि सरकार प्रयासरत है कि इस नई इजरायली संघर्ष को रोका जाए।
निष्कर्ष
स्थिति अत्यंत गंभीर है और जल्द से जल्द समाधान की आवश्यकता है। संघर्ष जारी रहने से और अधिक जान-माल की हानि की संभावना है।
suraj rangankar
सितंबर 25, 2024 AT 04:47ये तो बस शुरुआत है... अगर इजरायल ने लेबनान के दक्षिणी इलाकों को इतना तबाह कर दिया, तो अब तक के सभी हमलों का एक अलग ही मतलब बन गया है! बच्चे, महिलाएं, अस्पताल-सब कुछ निशाना! ये न्याय नहीं, अत्याचार है! दुनिया चुप क्यों है?!
Nadeem Ahmad
सितंबर 27, 2024 AT 01:10हिज़बुल्लाह भी अपनी बात रखता है, लेकिन नागरिकों को दर्द क्यों भुगतना पड़ रहा है? ये लड़ाई बस दोनों तरफ के नेताओं के घमंड की है। आम इंसान बस अपने घर बचाने की कोशिश कर रहा है।
Aravinda Arkaje
सितंबर 28, 2024 AT 22:14अगर आप इस युद्ध को देख रहे हैं तो सोचिए-क्या आपका बच्चा अगर स्कूल नहीं जा पा रहा, तो आपका दिल कैसे रहेगा? ये बस एक खबर नहीं, ये जिंदगी का टुकड़ा है। हम भारत में बैठे हैं, लेकिन ये सब भी हमारी जिम्मेदारी है। दुनिया को बदलना है, न कि बस शेयर करना है।
kunal Dutta
सितंबर 28, 2024 AT 23:47लेबनान में इजरायल का ऑपरेशन एक classic 'decapitation strike' का उदाहरण है-targeting command nodes, but collateral damage is off the charts. IDF का रणनीतिक लक्ष्य हिज़बुल्लाह के C2 (command & control) है, लेकिन urban warfare में civilian infrastructure का नुकसान अनिवार्य है। ये एक 'moral hazard' का case study है।
Yogita Bhat
सितंबर 30, 2024 AT 03:20अरे भाई, जब तक हम ये नहीं समझेंगे कि 'उनकी बात' और 'हमारी बात' दोनों गलत हैं, तब तक ये लड़ाई चलती रहेगी। लेबनान में बच्चों की मौत देखकर मैं रो पड़ी... और फिर मैंने अपने बच्चे को गले लगा लिया। इस दुनिया में कोई भी 'निर्दोष' नहीं है? ये तो बस एक बड़ा झूठ है। 😔
Tanya Srivastava
सितंबर 30, 2024 AT 06:58लेबनान की सरकार तो बस बोल रही है... पर वो खुद भी कम्प्रोमाइज़ कर रही है! और हिज़बुल्लाह? वो तो एक आतंकी गिरोह है! इजरायल ने सही किया! और अगर तुम बच्चों की बात कर रहे हो, तो गाजा में भी तो बच्चे मर रहे हैं! ये सब एक बड़ा बहाना है! 🤷♀️💣
Ankur Mittal
सितंबर 30, 2024 AT 12:53ये जो बच्चे मारे गए, उनकी उम्र बताएं। और जिन घरों को निशाना बनाया, उनका GPS कोऑर्डिनेट शेयर करें। बिना डेटा के भावनाएं बेकार हैं।
Diksha Sharma
सितंबर 30, 2024 AT 23:16ये सब एक बड़ा डिज़ाइन है... अमेरिका और इजरायल ने मिलकर ये बनाया है ताकि मध्य पूर्व में तनाव बढ़े और तेल के दाम बढ़ें! और लेबनान बस एक पीस है जिसे बलि दे दिया गया! ये नहीं कि बच्चे मरे... ये तो एक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है! 🕵️♀️👁️
Akshat goyal
अक्तूबर 1, 2024 AT 08:11सच ये है कि नागरिक बर्बरता के शिकार हो रहे हैं।
anand verma
अक्तूबर 1, 2024 AT 10:22इस विषय पर एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय न्याय निकाय की स्थापना आवश्यक है, जो युद्ध के नियमों के उल्लंघन की जांच कर सके। नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी का स्वीकार करना ही एक न्यायपालिका की नींव है। यह घटना एक अंतरराष्ट्रीय मानवीय आपातकाल है, जिसका तात्कालिक ध्यान दिया जाना चाहिए।