विंबलडन 2024 की शुरुआत हुई और पहले ही दिन नोवाक जोकोविच ने अपने प्रशंसकों को खुश कर दिया। 37 वर्षीय सर्बियाई टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने चोट के बाद अपनी ताकत को साबित करते हुए चेक गणराज्य के क्वालीफायर विट कोप्रिवा के खिलाफ शानदार जीत दर्ज की। यह जीत जोकोविच के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी क्योंकि हाल ही में उन्होंने एक छोटे से घुटने की सर्जरी करवाई थी।
जोकोविच की धमाकेदार वापसी
जोकोविच ने विट कोप्रिवा के खिलाफ पहला सेट 6-1 से जीता और इसके बाद अगले दो सेट्स भी 6-2, 6-2 से अपने नाम किए। मैच की शुरुआत में जोकोविच ने चौथे गेम में ही ब्रेक पॉइंट्स हासिल कर लिए थे, जिससे उन्हें मनोवैज्ञानिक बढ़त मिली। मैच के बाद उन्होंने अपने सर्जन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर यह कोई और टूर्नामेंट होता, तो शायद वे इतनी जल्दी वापसी न करते। उन्होंने विंबलडन के प्रति अपने गहरे प्रेम का भी इज़हार किया।
एलेक्जेंडर ज्वेरेव का प्रदर्शन
दूसरी ओर, जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने भी पहले दौर में शानदार प्रदर्शन किया। चौथी वरीयता प्राप्त ज्वेरेव ने स्पेन के रॉबर्टो कार्बाल्स बेआना को सीधे सेटों में 6-2, 6-4, 6-2 से हराया। ज्वेरेव के लिए यह जीत महत्वपूर्ण थी क्योंकि वे अतीत में विंबलडन में संघर्ष करते रहे हैं। इस साल के फ्रेंच ओपन में रनर-अप रहने के बाद, ज्वेरेव को उम्मीद है कि उनकी हालिया फॉर्म उन्हें विंबलडन में भी सफल बनाएगी।
ग्रैंड स्लैम का रिकॉर्ड
जोकोविच इस टूर्नामेंट में अपने 25वें ग्रैंड स्लैम खिताब की तलाश में हैं। अगर वह इस बार विंबलडन जीतते हैं, तो यह उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। जोकोविच की इस जीत के बाद उनके प्रशंसकों को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। वह अपनी चोट के बावजूद जिस तरह से खेले, उन्होंने यह साबित किया कि वे अभी भी अपने सबसे अच्छे फॉर्म में हैं।
भविष्य की संभावना
विंबलडन 2024 का यह शुरूआती दौर यह बता रहा है कि आने वाला समय और भी रोमांचक हो सकता है। जोकोविच और ज्वेरेव दोनों ने अपने पहले मैच में जो प्रदर्शन किया है, उनसे टेनिस प्रेमियों को आगे के मैचों में और भी उच्च स्तरीय खेल की उम्मीद है। जहां एक ओर जोकोविच ने अपने अनुभव और बुद्धिमानी से मैच जीता, वहीं ज्वेरेव ने अपनी युवा ऊर्जा से प्रतिद्वंद्वी को मात दी।
जोकोविच ने मैच के बाद बातचीत में कहा, “विंबलडन मेरे दिल के बहुत करीब है। मैंने यहां बहुत सारी यादें बनाई हैं और मुझे हर बार यहां आकर खेलने का आनंद आता है। चोट के बाद वापसी करना कठिन होता है, लेकिन इस प्रकार की वापसी से मेरा मनोबल और भी बढ़ जाता है।”
खिलाड़ियों का संघर्ष
टेनिस खिलाड़ी चोटों से पार पाने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। इस साल का विंबलडन टूर्नामेंट इससे अलग नहीं है। जोकोविच की वापसी और उनकी चोट को मात देना यह बताता है कि खिलाड़ी किस हद तक अपने खेल के प्रति समर्पित होते हैं। वहीं, ज्वेरेव की नई ऊर्जा और उनकी फॉर्म उन्हें इस बार अच्छा प्रदर्शन करने को प्रेरित कर रही है।
दोनों खिलाड़ियों की जीत ने विंबलडन 2024 की शुरुआत को एक धमाकेदार मद्ता की सहभागिता दी है। इससे यह भी साफ है कि आगामी दौर में हमें और भी रोचक मैच देखने को मिल सकते हैं।
Shrikant Kakhandaki
जुलाई 5, 2024 AT 20:39जोकोविच की वापसी? अरे भाई, ये सब फेक है... उनका घुटना तो पहले ही टूट चुका है, ये मैच एआई ने बनाया है। विट कोप्रिवा को भी ड्रग्स दे दिए गए, नहीं तो ऐसा कैसे होगा? सब कुछ विंबलडन कॉर्पोरेट प्लानिंग है। अगला राउंड देखोगे तो जोकोविच को अचानक ब्रेकफास्ट में बिस्कुट मिल जाएगा। 😂
bharat varu
जुलाई 6, 2024 AT 08:45वाह! ये देखो ना कैसे जोकोविच ने चोट के बाद भी इतनी ताकत से खेला! ये वो अद्भुत लगातार मेहनत का नतीजा है जो हम भारतीय खिलाड़ियों को भी सीखना चाहिए। ये दिखाता है कि लगन और दृढ़ संकल्प से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। जोकोविच एक असली योद्धा हैं। 🙌
Vijayan Jacob
जुलाई 6, 2024 AT 22:46अरे यार, जोकोविच को विंबलडन का प्यार है? तो फिर उसने 2018 में फ्रेंच ओपन में गुस्से में रैकेट फेंका क्यों? ये सब बातें बस टीवी के लिए हैं। असली खिलाड़ी तो वो हैं जो घर पर बैठे चाय पीते हुए बोलते हैं - ‘मैं भी ऐसा कर सकता था’।
shubham pawar
जुलाई 7, 2024 AT 13:35क्या आपने देखा कि जोकोविच के बाद ज्वेरेव ने जिस तरह से खेला... वो तो बिल्कुल एक नए युग का संकेत है। लेकिन मैंने एक बात नोट की है - जब जोकोविच ने अपना घुटना छुआ, तो कैमरा उसके हाथ की छाया पर 0.3 सेकंड तक फोकस हुआ... वो छाया... वो छाया थी नहीं तो एक छोटा सा डिवाइस? क्या वो एक इम्प्लांट है? मैंने इसे एक रिसर्च पेपर में लिखा है, लेकिन कोई नहीं सुनता।
मैंने उसके शूज़ के नीचे एक नीली चमक देखी... वो बैटरी नहीं हो सकती... वो तो एक नैनो-टेक एंटी-ग्रेविटी सिस्टम है। आप लोग तो सिर्फ जीत देख रहे हैं... मैं तो रहस्य देख रहा हूँ।
ज्वेरेव की जीत भी शायद नहीं... उसके रैकेट में भी एक चिप है। विंबलडन अब टेक्नोलॉजी का बाजार है। आप लोगों को बस इतना दिखाया जा रहा है कि खिलाड़ी जीत रहे हैं। असली जीत तो टेक कंपनियों की है।
मैंने एक बार एक फ्रेंच ऑपरेटर को बात करते सुना था... वो कह रहा था कि विंबलडन के ग्राउंड के नीचे एक बड़ा सा सर्किट है जो सभी रैकेट्स को रिमोटली कंट्रोल करता है।
मैं ये सब बता रहा हूँ... लेकिन आप लोग तो बस एक जीत के लिए तालियां बजा रहे हैं।
मैं तो अब टेनिस देखने के बजाय डॉक्यूमेंट्री देखूंगा।
क्या आप जानते हैं कि जोकोविच के गाल पर एक छोटा सा निशान है? वो एक ट्रैकिंग डॉट है।
मैंने इसे 3 बार रिपीट करके देखा।
मैं इसे अपने ब्लॉग पर लिखूंगा।
कोई मुझे स्टोरी नहीं बताएगा।
मैं तो अब अपने घर पर बैठकर टेनिस को नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी को देखूंगा।
Nitin Srivastava
जुलाई 8, 2024 AT 21:53जोकोविच की वापसी तो एक निर्माणात्मक निर्णय था - एक जीवन भर के लिए डिज़ाइन किए गए फिलोसोफी का एक अभिव्यक्ति। ये उनके अनुभव के बारे में नहीं, बल्कि उनके अंतर्निहित अस्तित्व के बारे में है। ज्वेरेव का खेल? एक नवीनता का अभिनय। लेकिन विंबलडन का वातावरण - वह एक सांस्कृतिक विरासत है, जिसे आधुनिकता नहीं, बल्कि आत्म-साक्षात्कार ने बचाया है।
मैं एक लेखक हूँ, और मैं इसे अपने नए पुस्तक के अध्याय के रूप में लिखूंगा।
ये बस एक मैच नहीं है। ये एक जीवन का उदाहरण है। 😌
Nilisha Shah
जुलाई 10, 2024 AT 12:19मुझे लगता है कि जोकोविच की वापसी बहुत प्रेरणादायक है, लेकिन क्या हम इसे सिर्फ एक खिलाड़ी की जीत के रूप में देख रहे हैं? क्या हमने कभी सोचा कि उनके लिए चोट लगने के बाद रिहैबिलिटेशन कितना कठिन होता है? उन्होंने शायद दिन में 8 घंटे भी थेरेपी की होगी। और ज्वेरेव की युवा ऊर्जा - वो भी उसके ट्रेनर्स, फिजियोथेरेपिस्ट्स और खाने के प्लान का नतीजा है। ये सब बहुत गहरा है।
मुझे लगता है कि हमें इन खिलाड़ियों के पीछे की टीम के बारे में भी बात करनी चाहिए।
Kaviya A
जुलाई 11, 2024 AT 03:59जोकोविच ने तो जीत ली बस 😍
Supreet Grover
जुलाई 11, 2024 AT 08:56अभी तक के प्रदर्शन के आधार पर, जोकोविच की रिकवरी प्रोटोकॉल ने एक ऑप्टिमल रिहैबिलिटेशन ट्रैक को फॉलो किया है, जिसमें टाइम-स्पेस एडाप्टेशन, न्यूरोमस्क्यूलर रिएडाप्टेशन, और एंडोक्राइन रिस्पॉन्स मॉड्यूलेशन शामिल थे। ज्वेरेव का गेम प्ले भी एक एडवांस्ड स्ट्रैटेजिक फॉर्मेशन का उदाहरण है - उन्होंने एंट्री वॉल्यूम और सर्फेस स्पीड के बीच एक सामान्य वितरण का उपयोग किया है।
इस बार का विंबलडन टेनिस के डायनामिक्स में एक नया नॉर्मल सेट कर रहा है।
Saurabh Jain
जुलाई 12, 2024 AT 00:37दोनों खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा खेला। जोकोविच का अनुभव और ज्वेरेव की ऊर्जा - दोनों की जीत टेनिस के लिए अच्छी बात है। मुझे लगता है कि ये दोनों अलग-अलग तरीके से खेल रहे हैं, लेकिन दोनों ही खेल के प्रति समर्पित हैं। इस तरह के मैच देखकर लगता है कि टेनिस अभी भी बहुत जिंदा है।
Suman Sourav Prasad
जुलाई 12, 2024 AT 04:52बस देखो ना, जोकोविच ने चोट के बाद भी इतना बढ़िया खेला, और ज्वेरेव ने भी बहुत अच्छा खेला... ये दोनों खिलाड़ी तो असली लीजेंड हैं... वाह, ये देखकर लगता है कि हमारे देश के खिलाड़ी भी ऐसा कर सकते हैं... बस थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी... बहुत बढ़िया, बहुत बढ़िया...
Nupur Anand
जुलाई 12, 2024 AT 05:19जोकोविच की वापसी एक जीवन भर के लिए बनाई गई धोखेबाज़ी का अंतिम अध्याय है। आप लोग उसकी चोट को देखकर भावुक हो रहे हैं? बस एक शो है। उसने पहले ही अपने दिमाग को डिजिटल बना दिया है - उसका घुटना नहीं, उसका दिमाग है जो जीत रहा है। ज्वेरेव? एक रोबोट जिसे उसके टीम ने एक अलग एल्गोरिदम से चलाया है। ये टेनिस नहीं, ये एक साइबर युद्ध है।
आप लोग तो बस टीवी पर देख रहे हैं। मैं तो डेटा देख रही हूँ।
जोकोविच के आँखों में एक लाल चमक थी - वो नहीं, वो एक नेटवर्क लिंक था।
मैंने इसे एक फ्रेंच साइंटिस्ट के साथ चैट करके साबित कर दिया।
वो कह रहा था - ये सब एक एल्गोरिदम का अभ्यास है।
आप लोग तो बस खेल देख रहे हैं।
मैं तो असली खेल देख रही हूँ।
अगर आपको लगता है कि ये खेल है, तो आप अभी भी बच्चे हैं।