शेड्यूल पक्का, सुरक्षा पर चुप्पी—कानपुर तैयारियों की नब्ज
IND A vs AUS A की तीन मैचों की वनडे सीरीज़ ग्रीन पार्क, कानपुर में तय है—30 सितंबर, 3 अक्टूबर और 5 अक्टूबर 2025। तीनों मुकाबले दिन-रात होंगे और शुरुआती गेंद 1:30 बजे दोपहर को गिरेगी। पहले वनडे में भारत ए की कमान राजत पाटीदार संभालेंगे, जबकि दूसरे और तीसरे मैच में कप्तानी तिलक वर्मा के हाथ रहेगी। शेड्यूल साफ है, लेकिन सुरक्षा ब्लूप्रिंट—खासकर तीन-स्तरीय सुरक्षा घेरा या टीमों के लिए विशेष कॉरिडोर—पर अब तक आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
ग्रीन पार्क स्टेडियम करीब 32 हजार दर्शकों की क्षमता वाला मैदान है और भारत-ऑस्ट्रेलिया की टक्कर, चाहे ‘ए’ स्तर पर ही क्यों न हो, आमतौर पर अच्छी भीड़ खींचती है। टिकट खिड़कियों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मांग बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए सलाह यही है कि टिकट केवल अधिकृत स्रोतों से ही लें। मैच 1:30 बजे से हैं, तो दोपहर की गर्मी और शाम की नमी गेंदबाजों और बल्लेबाजों की योजना बदल सकती है—अक्सर रोशनी में ओस का असर दिखता है, जिससे बाद में बल्लेबाजी आसान पड़ती है।
सुरक्षा को लेकर अभी तक कुछ आधिकारिक घोषित नहीं हुआ, मगर अंतरराष्ट्रीय/ए-लेवल क्रिकेट में सामान्य प्रोटोकॉल स्पष्ट रहता है—स्टेडियम परिक्षेत्र में बहु-स्तरीय चेकिंग, गेट पर सख्त प्रवेश नियंत्रण, सीसीटीवी निगरानी, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड की तैनाती, फायर सेफ्टी और मेडिकल रिस्पॉन्स टीम। टीम बसों के लिए ‘ग्रीन कॉरिडोर’ कई आयोजनों में उपयोग होता है, लेकिन इस सीरीज़ में ऐसा होगा या नहीं—प्रशासन ने सार्वजनिक नहीं किया है। यही वजह है कि दर्शक और स्थानीय लोग आधिकारिक एडवाइजरी का इंतजार कर रहे हैं।
दर्शकों के लिए क्या बदलेगा, शहर कैसे संभलेगा
मैच वाले दिनों में स्टेडियम के आसपास भीड़ और ट्रैफिक बढ़ना तय है। सामान्य तौर पर पुलिस ट्रैफिक प्लान में पार्किंग को निर्दिष्ट ज़ोन में शिफ्ट करती है, स्टेडियम के पास अनावश्यक रुकने-ठहरने पर रोक लगती है और संवेदनशील मार्गों पर बैरिकेडिंग की जाती है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता देने का आग्रह किया जाता है और ई-रिक्शा/शटल से ‘लास्ट-माइल’ कनेक्टिविटी बढ़ाई जाती है। आधिकारिक एडवाइजरी जारी होते ही कौन-कौन से रास्ते बंद या वन-वे होंगे, यह साफ हो जाएगा।
मौसम की बात करें तो सितंबर-अक्टूबर में दोपहर को गर्मी और उमस रहती है, इसलिए हाइड्रेशन पर ध्यान देना जरूरी है। शाम को ओस पड़े तो गेंद गीली होने से स्पिनरों की पकड़ ढीली पड़ सकती है, वहीं सीमरों को नई गेंद से थोड़ी मदद मिल सकती है। बैटिंग के लिहाज से शुरुआत में संयम और रोशनी में गति बढ़ाना कई टीमों की सामान्य रणनीति रही है।
सुरक्षा जांच और स्टेडियम नियम आम तौर पर सख्त होते हैं। दर्शकों की सुविधा के लिए जरूरी चीजें साथ रखें, लेकिन बैन आइटम्स से बचें।
- मान्य फोटो आईडी और वैध टिकट साथ रखें—ई-टिकट हो तो फोन की बैटरी पर्याप्त हो, स्क्रीन टूटी न हो।
- बड़े बैग, धातु की बोतलें, पावर बैंक, सेल्फी स्टिक, ज्वलनशील पदार्थ, आतिशबाज़ी और पेशेवर कैमरे सामान्यतः प्रतिबंधित रहते हैं।
- पानी/खाद्य पदार्थों पर नियम आयोजन के अनुसार बदलते हैं—स्टेडियम की कैंटीन/कियोस्क पर भरोसा रखें।
- गेट खोलने का समय आम तौर पर मैच से कई घंटे पहले होता है—भीड़ से बचने के लिए जल्दी पहुंचें।
- अपनी सीट, निकटतम एग्ज़िट और मेडिकल रूम का लोकेशन पहुंचते ही देख लें।
चिकित्सा इंतज़ाम में आम तौर पर एम्बुलेंस, फर्स्ट-एड स्टेशन और टाई-अप हॉस्पिटल का बैकअप रहता है। भीड़ प्रबंधन का फोकस एंट्री प्वाइंट्स पर कतारों की स्पीड, कॉमन एरियाज़ की निगरानी और आपातकालीन निकासी मार्गों पर होता है। स्टेडियम के भीतर एनाउंसमेंट सिस्टम से निर्देश दिए जाते हैं, इसलिए किसी भी संदेश पर तुरंत ध्यान देना बेहतर रहता है।
टीम कॉम्बिनेशन और कप्तानी के लिहाज से भारत ए के लिए पहला दिन राजत पाटीदार का होगा, जबकि तिलक वर्मा बाद के दो मैचों में रणनीति तय करेंगे। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया ए सीमित ओवरों में गहराई और फिटनेस की परख के लिए इस दौर को गंभीरता से लेती आई है। ए-लेवल सीरीज़ का मकसद ही यही है कि अगली कतार के खिलाड़ी दबाव में अपने कौशल साबित करें—और कानपुर जैसी ऐतिहासिक पिच पर यह परीक्षा और दिलचस्प बन जाती है।
अब नज़रें इस पर हैं कि पुलिस और जिला प्रशासन आधिकारिक सुरक्षा/ट्रैफिक एडवाइजरी कब जारी करते हैं। आमतौर पर ऐसी जानकारी मैच से 48-72 घंटे पहले सार्वजनिक होती है—जिसमें गेट-दर-गेट एंट्री, पार्किंग, प्रतिबंधित सामान, वैकल्पिक मार्ग और टीमों की मूवमेंट विंडो तक का ब्योरा रहता है। जैसे ही यह नोटिस बाहर आएगा, दर्शकों को अपनी योजना उसी अनुसार सेट करनी चाहिए।