मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की गंभीरता
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। यह बैठक तब की गई जब शाह ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए विदर्भ में अपनी योजना बनाई गई रैली को टालकर दिल्ली लौटने का निर्णय लिया। मणिपुर में मौजूदा हालात देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन चुके हैं। यह बैठक राज्य में बढ़ती जातीय हिंसा और तनाव का निवारण करने के लिए आयोजित की गई थी। विशेष रूप से, मणिपुर में मेती और कुकी समुदायों के बीच का संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
सुरक्षा उपायों पर अमित शाह की दिशानिर्देश
बैठक के दौरान, गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि मनिपुर में शांति और व्यवस्था बहाल की जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की हिंसक गतिविधियों में सम्मिलित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, गृह मंत्रालय ने महत्वपूर्ण मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा ताकि प्रभावी जांच की जा सके। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा बलों का सहयोग करें।
मणिपुर में अतिरिक्त सुरक्षा बल और इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध
सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह रविवार को मणिपुर पहुंचे। उन्होंने ग्राउंड स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। सरकार ने अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की है और कम से कम छह पुलिस स्टेशनों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू किया है। पिछले हफ्ते इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया था, ताकि अफवाहों को रोका जा सके और हालात को शांत किया जा सके।
जातीय संघर्ष का प्रभाव और भविष्य की रणनीति
मई 2023 से लगातार बढ़ते जातीय संघर्षों ने अब तक मणिपुर में 250 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 60,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। यह संघर्ष राज्य को विशेष रूप से मेती और कुकी नियंत्रण क्षेत्रों में विभाजित करने वाले एक सांस्कृतिक और जातीय सीमा के रूप में उभरकर आया है। दोनों समुदायों के बीच बढ़ते विभाजन से एक बफर जोन बना है, जिसकी निगरानी संघीय बल कर रहे हैं। सोमवार को नियोजित विस्तृत समीक्षा बैठक में इन मुद्दों को गहराई से समझने और भविष्य की रणनीतियों को निर्धारित करने का प्रयास किया जाएगा।
इस गंभीर स्थिति के बीच, यह आवश्यक हो जाता है कि राज्य सरकारें और केंद्र सरकार मणिपुर में शांति प्रक्रिया को प्राथमिकता दें। इस प्रकार की बैठकों और समीक्षा में उठाए गए कदम मणिपुर की जनता के लिए सुगम और सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
Mansi Arora
नवंबर 19, 2024 AT 16:52Amit Mitra
नवंबर 21, 2024 AT 14:21sneha arora
नवंबर 23, 2024 AT 10:04Sagar Solanki
नवंबर 23, 2024 AT 22:53Siddharth Madan
नवंबर 24, 2024 AT 18:06Nathan Roberson
नवंबर 25, 2024 AT 22:32