Navratri 2025: देवी दुर्गा के नौ दिव्य दिनों के लिए रंग‑मार्गदर्शन

Navratri 2025: देवी दुर्गा के नौ दिव्य दिनों के लिए रंग‑मार्गदर्शन
Anuj Kumar 23 सितंबर 2025 0

शरद नवरात्रि 2025 का आरम्भ Navratri 2025 के साथ 22 सितंबर, सोमवार से होगा और एक अतिरिक्त दिन जोड़कर 10‑दिवसीय उत्सव में बदल जाएगा। इस बार दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिससे पूरे माह का माहौल और भी धूमधाम से भरपूर रहेगा। जैसा कि हर साल होता है, रंग‑पहनावा नवरात्रि के आध्यात्मिक स्वरूप को उजागर करता है और भक्तों को देवी के विभिन्न गुणों से जोड़ता है।

रंगों का आध्यात्मिक महत्व

हिंदू मान्यताओं में प्रत्येक रंग को विशेष शक्ति और ऊर्जा से जोड़ा गया है। नवरात्रि के दौरान रंग‑पहनावा केवल फैशन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुष्ठान है जो शक्ति, शांति, समृद्धि और ज्ञान जैसे गुणों को जीवन में आमंत्रित करता है। जब हम एक विशेष रंग पहनते हैं, तो वह रंग उस दिन की देवी रूप की ऊर्जा को हमें प्रदान करता है, जिससे हमारे मन‑विचार और कार्य उसी ऊर्जा के अनुरूप होते हैं।

दिवस‑वार रंग मार्गदर्शन और परिधान सुझाव

  • दिन 1 – सफ़ेद (22 सितंबर, सोमवार): शुद्धता और शांति का प्रतीक। हल्के सफ़ेद साड़ी या कुर्ता‑पैंट में सिल्वर बैंडिंग, सिल्वर बाली और झुमके जोड़ें। यह रंग प्रार्थना में मन को शांत रखता है।
  • दिन 2 – लाल (23 सितंबर, मंगलवार): शक्ति और ऊर्जा का रंग। लाल साड़ी, लहँगा या लाल कुर्ता‑पैंट के साथ गोल्ड ज्वैलरी पहनें। यह रंग दुर्गा माँ के युद्ध के रूप को दर्शाता है और बुराई को दूर करता है।
  • दिन 3 – रॉयल ब्लू (24 सितंबर, बुधवार): बुद्धि और शाश्वतता का प्रतीक। ब्लू साटन या रेशमी लहँगा खासतौर पर फोटोशूट के लिए उपयुक्त है। सिल्वर‑गोल्ड ज्वैलरी के साथ इसे सजाएँ।
  • दिन 4 – पीला (25 सितंबर, गुरुवार): खुशी और सूर्य की रोशनी। हल्के पीले सलवार‑कुर्ता, साड़ी या गजरा‑बद्ध बालों के साथ पहनें। यह रंग सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
  • दिन 5 – हरा (26 सितंबर, शुक्रवार): समृद्धि और विकास। हरे रंग के लहँगा या कुर्ता‑पैंट में बेज़ या चमकीली इयररिंग्स जोड़ें। यह रंग माँ प्रकृति के पोषण को दर्शाता है।
  • दिन 6 – ग्रे (27 सितंबर, शनिवार): संतुलन और सौम्यता। ग्रे साड़ी या कुर्ता में चमकीले जेवर जोड़ें, जिससे रंग की मधुरता बढ़े। यह रंग आधुनिक फ़ैशन के साथ भी सहजता से मेल खाता है।
  • दिन 7 – नारंगी (28 सितंबर, रविवार): उत्सव और ऊर्जा। गरबा रात में नारंगी धारीदार लहँगा या इंडो‑वेस्टर्न ड्रेस पहनें। यह रंग उत्साह और जीवंतता को बढ़ाता है।
  • दिन 8 – मोतियाबिंद हरा (29 सितंबर, सोमवार): महिमा और परिवर्तन। मोती‑सिंधु हरे साड़ी या लहँगा में सिल्वर पैंट और जटिल डिज़ाइन जोड़ें, जिससे देवी की सौंदर्यपूर्ण रूप का सम्मान हो।
  • दिन 9 – गुलाबी (30 सितंबर, मंगलवार): कोमलता और आनंद। हल्का पेस्टल पिंक या चमकदार हॉट पिंक पोशाक, मीठी ब्रेसलेट और फ़्लोरल बुक्के के साथ पहनें। यह रंग नवरात्रि के समापन की मिठास को दर्शाता है।

इन रंगों के साथ-साथ प्रत्येक दिन के अनुष्ठान में फास्टिंग, कीर्ती, दरबार और गरबा शामिल हैं। कई घरों में द्राक्ष और फलों की मिठाई बनाकर अर्पित की जाती है, जिससे मन को प्रसन्नता मिलती है।

इतिहासकार मानते हैं कि नवरात्रि की उत्पत्ति वैदिक युग में शत्रु महिषासुर के विरुद्ध माता दुर्गा की लड़ाई से हुई। नौ दिनों तक के संघर्ष में हर दिन देवी के एक रूप को मनाया जाता है, और दसवें दिन विजय‑दशमी (विषु) पर बुराई पर जीत का जश्न मनाया जाता है। यह कथा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी बढ़ावा देती है।

आजकल नवरात्रि सिर्फ पूजा‑पाठ तक सीमित नहीं रही; यह फैशन, संगीत और सामाजिक जुड़ाव का भी त्यौहार बन गया है। कई डिज़ाइनर इस अवसर के लिए विशेष कलेक्शन तैयार करते हैं, जबकि युवा वर्ग गरबा‑डांडिया के साथ फिटनेस को भी जोड़ते हैं। इस प्रकार, रंग‑पहनावा और जीवन‑शैली का संगम नवरात्रि को एक पूर्ण अनुभव बनाता है।