ऑस्ट्रेलिया ने 66 गेंदों में तोड़ा भारत का बल्लेबाजी रिकॉर्ड, 10 विकेट से जीता दूसरा वनडे

ऑस्ट्रेलिया ने 66 गेंदों में तोड़ा भारत का बल्लेबाजी रिकॉर्ड, 10 विकेट से जीता दूसरा वनडे
Anuj Kumar 30 अक्तूबर 2025 13

भारत की बल्लेबाजी का ऐसा ढांचा तोड़ दिया गया, जिसे देशभर में किसी ने नहीं सोचा था। दूसरा वनडे जिसे विशाखापत्तनम के डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में 19 मार्च, 2023 को खेला गया, वह भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे शर्मनाक दिनों में से एक बन गया। ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 66 गेंदों में — यानी 11 ओवर में — 117 रनों का लक्ष्य पूरा कर दिया, और 10 विकेट से जीत दर्ज कर ली। ये वह पल था जब देश के करोड़ों फैन्स अपनी कुर्सियों से उठ खड़े हुए, लेकिन उनके चेहरे पर आश्चर्य नहीं, बल्कि निराशा थी।

क्यों टूट गया भारत का बल्लेबाजी ढांचा?

भारत ने टॉस हारकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया — जो आमतौर पर एक अच्छा विकल्प होता है, खासकर जब दिन-रात का मैच हो। लेकिन जब टीम ने बल्लेबाजी शुरू की, तो लगा जैसे बल्लेबाजों के हाथों में बल्ला नहीं, बल्कि बर्फ की छड़ी थी। केएल राहुल ने सिर्फ 12 गेंदों में 9 रन बनाए और मिचेल स्टार्क की एक गेंद से लब-वाइड हो गए। हार्दिक पांड्या ने तीन गेंदों में एक रन बनाया और आउट हो गए। जब तक विराट कोहली ने 31 रन बनाए, तब तक टीम का स्कोर 70 के आसपास था। अक्षर पटेल के 29 रन भी अकेले नहीं बचा सके। जब आखिरी विकेट गिरा, तो भारत का स्कोर 117 था — जो ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बारिश की बूंद जैसा था।

ऑस्ट्रेलिया का बल्लेबाजी जलवा: हेड और मार्श का अद्भुत साझेदारी

ऑस्ट्रेलिया के ओपनर्स ने जो किया, वह एक बेहतरीन बल्लेबाजी डिज़ाइन था। ट्रेविस हेड ने 30 गेंदों में 51 रन बनाए — जिसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनके साथ मिचेल मार्श ने जबरदस्ती दिखाई। उन्होंने सिर्फ 36 गेंदों में 66 रन बनाए — 6 चौके और 6 छक्के। एक छक्का तो कुलदीप यादव की गेंद पर 97 मीटर की दूरी तक उड़ा, जिसे दर्शकों ने देखकर दम रोक लिया। दोनों के बीच 121 रनों की अखंड साझेदारी थी — बिना किसी विकेट के गिरे। ये नहीं था कि ऑस्ट्रेलिया ने जीता, ये था कि उन्होंने भारत की बल्लेबाजी को जमीन पर रख दिया।

मिचेल स्टार्क: भारत के लिए एक भयावह तूफान

जब भारत की बल्लेबाजी टूट रही थी, तो उसके ऊपर एक बारिश जैसा बरस रहा था — मिचेल स्टार्क का। उन्होंने 26 ओवर में 5 विकेट लिए, केवल 53 रन देकर। उनकी गेंदें बाहर की ओर जा रही थीं, और भारतीय बल्लेबाज उनकी लेंथ और स्विंग से बच नहीं पा रहे थे। उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया — और ये उनकी आखिरी बार नहीं था जब उन्होंने भारत को इतनी आसानी से धूल चटाई। 2019 में भी उन्होंने एक ही वनडे में 5 विकेट लिए थे। इस बार उन्होंने उसी तरह की बारिश कर दी।

मैच के बाद क्या हुआ? और अगला मैच कहाँ?

मैच के बाद क्या हुआ? और अगला मैच कहाँ?

इस हार के बाद भारतीय टीम के लिए एक बड़ा सवाल उठता है — क्या बल्लेबाजी का ढांचा ही खराब हो गया है? पहले मैच में केएल राहुल ने 75* बनाकर जीत दिलाई थी। अब उन्होंने अपनी पहली गेंद पर ही आउट हो गए। जब एक टीम इतनी तेजी से गिर जाती है, तो ये बात नहीं कि बल्लेबाज बुरे हैं — बल्कि उनकी रणनीति, अनुकूलन या मानसिकता में कुछ गड़बड़ है।

अगला मैच 22 मार्च को नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में होगा। वहां लगभग 1.3 लाख दर्शक उपस्थित होंगे। भारत के लिए ये बस एक मैच नहीं, बल्कि अपने गौरव को बचाने का आखिरी मौका है। ऑस्ट्रेलिया के लिए ये सीरीज जीतने का अवसर है — और वो इसे जीतने के लिए बेचैन हैं।

क्या ये सिर्फ एक बुरा दिन था?

इतिहास की बात करें, तो भारत ने घर पर इतनी शर्मनाक हार पहले कभी नहीं देखी थी। पिछली बार ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 10 विकेट से हराया था — 2019 में, और उस बार भी 198 गेंदें बची थीं। लेकिन इस बार बचीं केवल 114 गेंदें। ये नहीं कि ऑस्ट्रेलिया ने जीता — ये था कि भारत ने खुद को नष्ट कर दिया।

साथ ही, ये मैच ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप सुपर लीग का हिस्सा भी है। दोनों टीमों के लिए ये बिंदु वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर भारत ये सीरीज खो देता है, तो उनकी वर्ल्ड कप की राह में एक बड़ा बाधक बन जाएगा।

कमेंटेटर्स ने क्या कहा?

कमेंटेटर्स ने क्या कहा?

हिंदी कमेंटेटर्स आकाश चोपड़ा और संजय मंजरेकर ने इस हार को "टीम इंडिया का सबसे बुरा बल्लेबाजी प्रदर्शन दशकों में" कहा। अंग्रेजी कमेंटेटर हर्ष भोले ने कहा, "ये नहीं कि ऑस्ट्रेलिया बहुत अच्छा खेला — भारत ने खुद को बहुत बुरा खेला।"

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भारत की बल्लेबाजी इतनी खराब क्यों रही?

भारत की बल्लेबाजी इसलिए खराब रही क्योंकि टॉस हारने के बाद भी टीम ने बाहरी गेंदों के साथ अनुकूलन नहीं किया। ओपनर्स ने शुरुआत में ही विकेट खो दिए, और मध्यक्रम ने बार-बार रिस्की शॉट्स लगाए। मिचेल स्टार्क की गेंदों ने बल्लेबाजों को अपने बल्ले से दूर कर दिया, और तनाव में बल्लेबाजों ने अपनी बुनियादी तकनीक भूल दी।

मिचेल मार्श का 66* कैसे इतना अहम था?

मार्श का 66* न केवल तेज था, बल्कि ये अंदाज़ भी था। उन्होंने अपनी शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलिया को बाहरी दबाव से बचाया। 36 गेंदों में 6 छक्के लगाने के बाद, उन्होंने भारतीय गेंदबाजों के मन में डर पैदा कर दिया। इस तरह की बल्लेबाजी ने टीम को बिना डर के आगे बढ़ने का मौका दिया।

अगले मैच में भारत को क्या बदलाव करना चाहिए?

भारत को अगले मैच में बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करना होगा — शायद रोहित शर्मा को नंबर 3 पर लाना चाहिए। अक्षर पटेल को बल्लेबाजी के लिए अधिक अवसर देना चाहिए, और गेंदबाजी में अधिक विविधता की जरूरत है। विशेष रूप से, शमी और सिराज को बल्लेबाजी के बाद बेहतर रणनीति के साथ खेलना होगा।

ऑस्ट्रेलिया की जीत वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?

ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप सुपर लीग में हर जीत 4 अंक देती है। अगर ऑस्ट्रेलिया ये सीरीज 2-1 से जीत लेती है, तो उनके पास वर्ल्ड कप के लिए ऑटोमैटिक क्वालिफिकेशन की संभावना 85% हो जाएगी। भारत के लिए ये सीरीज खोना उनके लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि वे अभी भी अपनी जगह सुरक्षित नहीं हैं।

क्या इस हार के बाद भारतीय टीम का कोच बदला जा सकता है?

अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अगर भारत अहमदाबाद में भी हार जाता है, तो बीसीसीआई के लिए कोच राहुल द्रविड़ के बारे में सवाल उठना अनिवार्य होगा। खिलाड़ियों की बल्लेबाजी में लगातार अस्थिरता और बाहरी टीमों के खिलाफ बुरा प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि ट्रेनिंग या रणनीति में कुछ गड़बड़ है।

विशाखापत्तनम के मैदान की खासियत क्या थी?

विशाखापत्तनम का मैदान आमतौर पर बल्लेबाजों के लिए संतुलित माना जाता है — जमीन तेज नहीं होती, लेकिन गेंद बाहर की ओर थोड़ा स्विंग करती है। इस बार गेंदबाजों को बहुत अधिक मदद मिली, खासकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को। ये बात अजीब है क्योंकि भारतीय टीम इसी मैदान पर अक्सर अच्छा खेलती है।

13 टिप्पणि

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    Vitthal Sharma

    अक्तूबर 31, 2025 AT 17:48

    ये तो बस एक दिन की बर्बादी थी, अगले मैच में सुधार हो जाएगा।

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    Sutirtha Bagchi

    नवंबर 1, 2025 AT 05:57

    कोहली ने फिर गलत फैसला किया! 😤 अब तो राहुल को बाहर कर दो! 🤬

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    Abhishek Deshpande

    नवंबर 2, 2025 AT 23:39

    मैच के बाद, जब स्टार्क ने 5 विकेट लिए, तो ये साफ था कि भारतीय बल्लेबाज़ बाहरी गेंदों के खिलाफ बिल्कुल तैयार नहीं थे... और ये तो सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि लगातार हो रहा है।

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    vikram yadav

    नवंबर 3, 2025 AT 17:31

    भारत के बल्लेबाज़ तो बस इतना भूल गए कि ऑस्ट्रेलिया की गेंदें चाहे जितनी तेज़ हों, उनका मुख्य हथियार है स्विंग और लेंथ। हमारे बल्लेबाज़ तो फिर भी बाहर की ओर झुक रहे थे। ये ट्रेनिंग का मुद्दा है, न कि टैलेंट का।

    हमारे अकादमी में भी तो बाहरी गेंदों का अभ्यास नहीं होता। जब तक ये नहीं बदलेगा, तब तक ऐसे ही मैच चलते रहेंगे।

    मैं खुद एक नौकरीदार हूँ, लेकिन मैंने अपने बेटे को भी बाहरी स्विंग के लिए ड्रिल्स करवाए हैं। बच्चे को लगता है कि ये बल्लेबाजी का दूसरा हिस्सा है।

    हमारे कोच तो बस फॉर्म और रन देखते हैं, तकनीक की बात नहीं करते। जब तक ये नहीं बदलेगा, तब तक इतनी हारें चलती रहेंगी।

    मैं तो सोचता हूँ कि अगर हमारे बल्लेबाज़ इतने बुरे होते, तो इतने सालों से वर्ल्ड कप तक कैसे पहुँचे? नहीं, ये तो बस एक तकनीकी गड़बड़ी है।

    हमें अपने बल्लेबाज़ों को बाहरी गेंदों के खिलाफ अलग से ट्रेन करना चाहिए। अब तक तो बस अंदर की गेंदों पर फोकस रहा है।

    कोहली ने भी अपने दिनों में बाहरी गेंदों के खिलाफ बहुत अच्छा खेला था। अब उनकी टीम में ऐसा कोई नहीं है।

    हमें अपने युवा खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड के घरेलू मैदानों पर भेजना चाहिए। वहाँ तो गेंद बाहर की ओर जाती है।

    मैंने देखा है कि जब भारतीय बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलिया में खेलते हैं, तो उनका प्रदर्शन बहुत बेहतर होता है। इसलिए ये तो साफ है कि अभ्यास की कमी है।

    हमें अपने टीम कोच को बदलने की बजाय, ट्रेनर्स को बदलना चाहिए। वो तो बस फॉर्मुला चलाते हैं, तकनीक नहीं सिखाते।

    अगर हम इस गलती को नहीं सुधारेंगे, तो अगले वर्ल्ड कप में भी ऐसा ही होगा।

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    Tamanna Tanni

    नवंबर 3, 2025 AT 20:47

    हार तो हुई, लेकिन टीम अभी भी जीतने की ताकत रखती है। अगले मैच में दिखाएंगे।

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    Monika Chrząstek

    नवंबर 5, 2025 AT 13:30

    मैं तो सोच रही थी कि ये बस एक बुरा दिन है... लेकिन अब लगता है कि हमारी टीम का बल्लेबाजी ढांचा ही टूट गया है। मैं नहीं जानती कि क्या करूँ, लेकिन दिल टूट गया। 😔

    मैंने अपने पापा के साथ ये मैच देखा... वो तो बस चुप रहे। उन्होंने कभी ऐसा नहीं देखा था।

    हमारे बच्चे अभी बस बल्ला घुमाते हैं, बिना समझे कि गेंद कहाँ जा रही है। हमें शायद अपने बच्चों को भी अच्छी तरह से सिखाना चाहिए।

    मैं तो सोच रही थी कि शायद कोहली को फिर से नंबर 3 पर लाया जाए... लेकिन अब लगता है कि तकनीकी बदलाव की जरूरत है।

    हमारे कोच तो बस जीत के बारे में बात करते हैं, लेकिन गलतियों के बारे में नहीं।

    मैं अपने दोस्तों के साथ बात कर रही थी, उन्होंने कहा कि हमें अपने बल्लेबाज़ों को बाहरी गेंदों के खिलाफ ट्रेन करना चाहिए।

    मैं तो बस उम्मीद कर रही हूँ कि अगले मैच में ये बदल जाए।

    हमारे बच्चे तो अभी भी कोहली को अपना हीरो मानते हैं... लेकिन अब लगता है कि उन्हें भी बदलना होगा।

    मैं तो सोच रही हूँ कि शायद हमें ऑस्ट्रेलियाई कोच को बुलाना चाहिए।

    मैं बस ये कहना चाहती हूँ कि हमारी टीम को अभी भी बचाया जा सकता है।

    हमें बस एक बार गलती से सीखना है।

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    Shrikant Kakhandaki

    नवंबर 6, 2025 AT 03:51

    ये सब जाल है... ऑस्ट्रेलिया ने गेंदों को ट्रिकी तरीके से बनाया है, और बीसीसीआई के लोग इसे छिपा रहे हैं। ये जानबूझकर हार दी गई है।

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    Saachi Sharma

    नवंबर 8, 2025 AT 03:21

    मिचेल मार्श ने तो ऐसा खेला जैसे बल्ला उसका एक्सटेंशन हो।

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    Vijayan Jacob

    नवंबर 9, 2025 AT 21:28

    अरे भाई, जब तुम्हारा बल्लेबाजी ढांचा टूट गया, तो तुम फिर से बनाने की बजाय ऑस्ट्रेलिया की बात क्यों कर रहे हो? 😏

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    Rosy Forte

    नवंबर 10, 2025 AT 15:58

    यह विफलता भारतीय राष्ट्रीय आत्मा के अंतर्गत एक गहरा आध्यात्मिक विघटन है-जहाँ व्यक्तिगत अहंकार का अत्यधिक विकास, सामाजिक अनुशासन के प्रति अनादर का परिणाम है।

    इस असफलता में विराट कोहली के नेतृत्व की असंगठितता और बल्लेबाजों के आत्म-सम्मान के अभाव का अभिव्यक्ति है।

    हमारे बच्चे अब फिल्मों के हीरो बनना चाहते हैं, न कि टेक्निकल डिसिप्लिन के साथ खेलना।

    यह एक सांस्कृतिक विपरीतता है, जहाँ विजय का अर्थ अब बाहरी दिखावे में है, न कि आंतरिक अनुशासन में।

    इस खेल में जो अपनी तकनीक को नहीं समझता, वह अपने राष्ट्र को भी नहीं समझता।

    हमारी शिक्षा प्रणाली ने हमें अनुशासन के बजाय नाटकीय अभिनय के लिए तैयार किया है।

    इसलिए, जब एक गेंद बाहर की ओर जाती है, तो हम उसे नहीं समझ पाते-क्योंकि हम तो बस दिखावे के लिए खेलते हैं।

    हमारे बल्लेबाज़ ने अपने अहंकार के आधार पर खेला, न कि अपनी तकनीक के आधार पर।

    यह एक ऐसा दिन है जब भारत की आत्मा ने अपने अंतर्मन को भूल दिया।

    हमें अपनी शिक्षा को बदलना होगा-न कि बल्लेबाजों को।

    यह एक अध्यात्मिक अपराध है।

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    bharat varu

    नवंबर 11, 2025 AT 21:57

    अरे भाई, ये तो बस एक मैच था! इतना डर क्यों? अगले मैच में देखो, रोहित शर्मा आ जाएंगे, और तमाम बदलाव हो जाएंगे।

    हमारे बच्चे तो अभी भी बल्लेबाजी का नाम लेते हैं, और उनकी आँखों में आशा है।

    मैं तो अपने दोस्तों के साथ बात कर रहा था, और हमने फैसला किया कि हम अगले मैच के लिए अहमदाबाद जाएंगे।

    हमारे बच्चे को भी बल्ला दे दिया है, और अब वो रोहित की तरह खेलना चाहता है।

    मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि टीम इंडिया को अभी भी बचाया जा सकता है।

    हम अभी भी उम्मीद कर रहे हैं।

    कोई भी टीम एक मैच में नहीं टूटती।

    हमें बस एक बार विश्वास करना है।

    अगले मैच में देखो, जीत हमारी होगी!

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    dhananjay pagere

    नवंबर 12, 2025 AT 04:03

    स्टार्क की गेंदें तो जानवर जैसी थीं... 🐍

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    chandra aja

    नवंबर 12, 2025 AT 09:16

    ये सब चार्टेड फ्लाइट है। बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए धन दिया है। भारत को गिराने का योजना पहले से बनाई गई थी।

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