Paris Olympics 2024: भारतीय पहलवान रितिका हुड्डा ने महिला कुश्ती 76 किग्रा वर्ग में क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई

Paris Olympics 2024: भारतीय पहलवान रितिका हुड्डा ने महिला कुश्ती 76 किग्रा वर्ग में क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई अग॰, 10 2024

पेरिस ओलंपिक्स 2024: कुश्ती में रितिका हुड्डा का शानदार प्रदर्शन

पेरिस ओलंपिक्स 2024 का 15वाँ दिन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए खास रहा क्योंकि यहाँ महिला कुश्ती 76 किग्रा वर्ग में भारत की रितिका हुड्डा ने शानदार प्रदर्शन किया। सिर्फ 21 साल की इस युवा पहलवान ने अपनी क्षमता का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाई।

रितिका ने अपने पहले मुकाबले में हंगरी की बर्नाडेट नेगी को 12-2 के तकनीकी सक्रात्मकता के स्कोर के साथ मात दी। शुरूआत से ही उनकी पकड़ और रणनीति बेहद मजबूती से दिखी। ऐसा लगता था कि उन्होंने मैच को लेकर पूरी तैयारी की थी और हंगरी की पहलवान को बिल्कुल भी मौका नहीं दिया।

क्वार्टरफाइनल में रितिका का मुकाबला हुआ किर्गिस्तान की नंबर 1 खिलाड़ी एइपरी मेडेट क्यज़ी से। यह मुकाबला रितिका के लिए किसी बड़े चुनौती से कम नहीं था। एइपरी मेडेट क्यज़ी दो बार की एशियन चैंपियन और 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप की सिल्वर मेडलिस्ट हैं। यह मुकाबला इसलिए भी विशेष था क्योंकि दुनियाभर के पहलवानों की नजरें इस पर टिकी थीं।

क्वार्टरफाइनल में दोनों पहलवानों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। मुकाबला 1-1 के निर्णायक स्थिति पर पहुँच गया, हालांकि अंत में रितिका को हार माननी पड़ी। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों के अनुसार, जो पहलवान अंतिम तकनीकी अंक स्कोर करता है, उसे विजेता घोषित किया जाता है। इस नियम के तहत एइपरी मेडेट क्यज़ी को विजेता घोषित किया गया।

रितिका हुड्डा का आगामी सामना

हालांकि रितिका हुड्डा के लिए पदक की उम्मीदें अभी भी समाप्त नहीं हुई हैं। अगर एइपरी मेडेट क्यज़ी अपने अगले मुकाबले जीतकर फाइनल में पहुँचती हैं, तो रितिका के पास रेपेचेज राउंड में खेलने का मौका रहेगा, जिससे वह कांस्य पदक के लिए लड़ सकेंगी।

रितिका का प्रदर्शन इस ओलंपिक्स में तारीफ के काबिल है। उन्होंने न केवल अपने देश को गर्व के पल दिए, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय कुश्ती में कितना दमखम है। चाहे परिणाम कुछ भी हो, रितिका ने अपने खेल और समर्पण से लाखों दिलों को जीता है।

रितिका का यह सफर केवल शुरुआत है। भविष्य में वे और बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रोशन करेंगी। उनके इस समर्पण और जज्बे का हर कोई कद्रदान है।

अभी हम उम्मीद करते हैं कि रितिका को रेपेचेज राउंड में खेलने का अवसर मिले और वे कांस्य पदक जीतकर भारतीय खेल इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ सकें। देश की जनता उनके हर कदम पर उनके साथ है और पूरा विश्वास है कि वे जीत की मंजिल हासिल करेंगी।