राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह का पीएम पद ठुकराया: पप्पु यादव का चौंकाने वाला दावा

राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह का पीएम पद ठुकराया: पप्पु यादव का चौंकाने वाला दावा
Anuj Kumar 27 सितंबर 2025 10

पश्चिम बंगाल के पर्निया से चुने गए स्वतंत्र सांसद पप्पु यादव ने एक साधारण ANI साक्षात्कार में राजनीति की धुरंधर कहानी को सामने रखा। उन्होंने दावा किया कि 2009‑14 के UPA‑2 दौर में तब पूर्व प्रधानमंत्री Manmohan Singh ने सीधे राहुल गांधी को प्रधान मंत्री का पद ऑफर किया था, लेकिन राहुल ने उसे ‘नहीं’ कह दिया। यह बात सुनकर कई लोग ठककर रह गए, क्योंकि इस तरह का ऑफर इतिहास में कभी नहीं सुना गया था।

दावा किस सन्दर्भ में उभरा?

पप्पु यादव ने बताया कि जब UPA‑2 सरकार को नई गठबंधन और संसद में समर्थन की जरूरत थी, तब मनमोहन सिंह ने एक निजी मीटिंग में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव रखा। वह ‘हार्वर्ड के जीनियस’ कहलाते हैं, इसलिए वह इस ‘सही फैसले’ को चुनते हुए सरकार के बंधनों से बचना चाहते थे। यादव ने कहा, “राहुल ने ‘कभी नहीं’ कहा, क्योंकि वह न्याय के सिद्धांतों पर दृढ़ रहे।”

यह बयान कई सवाल उठाता है। राहुल गांधी, जो 2004 में ही कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बन गए थे, उस समय 34 साल के थे और उन्होंने अभी अभी अपनी पढ़ाई पूरी की थी। अगर वास्तव में ऐसा कोई प्रस्ताव आया था, तो उसके पीछे पार्टी के भीतर शक्ति संतुलन और गठबंधन राजनीति का बड़ा पहलू होना चाहिए।

रिपोर्ट के बाद की प्रतिक्रियाएँ

रिपोर्ट के बाद की प्रतिक्रियाएँ

पप्पु यादव ने केवल राहुल की प्रशंसा ही नहीं, बल्कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तीखी निंदा की। उन्होंने कहा कि मोदी का ‘5‑इंच चेस्ट’ दिखाता है कि वह विदेश नीति में कमजोर हैं, जबकि यूक्रेन और ईरान जैसी वैश्विक घटनाएँ मजबूत नेतृत्व की मांग करती हैं। इस साक्षात्कार में उन्होंने संविधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लेख कर, कहा कि संसद के नियमों को ‘हटा दिया जा रहा है’।

  • बिहार और बिहारी लोगों पर हुए हमले
  • गरीबों के साथ हो रही उत्पीड़न
  • देश में लोकतांत्रिक अधिकारों का क्षरण

यादव ने यह भी कहा कि जब तक इन मुद्दों को सरकार नहीं उठाएगी, तब तक संसद ‘काम नहीं करेगी’। मौसमी सत्र के तुरंत पहले ये बातें सामने आईं, जहाँ कई बिलों को पास करने की योजना है। विपक्ष के इस दबाव को देखते हुए कुछ मीडिया विश्लेषकों ने कहा कि यह बयान बाहर के तनाव को कम करने और नए एजेंडा को रेंज करने का प्रयास हो सकता है।

जब इस बात की खबर आई, तो कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस दावे को ‘बिना साक्ष्य के अटकलों’ के रूप में खारिज किया। वहीं भाजपा ने पप्पु यादव को ‘राजनीतिक हंगामा’ पैदा करने वाला कहा। कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि इस तरह के दावे चुनावी माहौल को गर्म करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, खासकर जब प्रत्यक्ष चुनाव की चर्चा तेज़ी से बढ़ रही होती है।

संसद की मौसमी सत्र में किन मुद्दों को प्रमुखता मिलेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह स्पष्ट है कि पप्पु यादव का यह बयान, चाहे सच्चा हो या नहीं, राजनीति की रंगीन चमक में एक नया मोड़ जोड़ता है।

10 टिप्पणि

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    Tamanna Tanni

    सितंबर 28, 2025 AT 04:00
    ये सब अटकलें क्यों चल रही हैं? राहुल ने जो फैसला लिया उसकी वजह से देश बदल गया या नहीं? असली सवाल ये है कि आज हम क्या कर रहे हैं।
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    Rosy Forte

    सितंबर 29, 2025 AT 14:07
    यह दावा एक ऐतिहासिक विराम है जिसने भारतीय राजनीति के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत की है। राहुल गांधी का निर्णय एक नैतिक अधिकार का प्रतीक है - जिसने शक्ति के अस्थायी लाभों को अस्वीकार कर दिया। यह वह उच्चतम नैतिकता है जो आज के राजनीतिक व्यवहार में अदृश्य हो चुकी है।
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    Yogesh Dhakne

    सितंबर 30, 2025 AT 13:12
    अरे यार, ये सब बकवास चल रही है। जो बोल रहा है वो खुद बिहार का है और अब अचानक राहुल के दिमाग को पढ़ रहा है? 😅
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    kuldeep pandey

    अक्तूबर 1, 2025 AT 07:22
    हम्म... एक ऐसा बयान जो किसी के लिए नैतिकता है, दूसरे के लिए बेवकूफी। लेकिन जब तक संसद के नियम टूट रहे हैं, तब तक किसी के निर्णय की चर्चा करना बस धूम्रपान है।
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    Hannah John

    अक्तूबर 3, 2025 AT 04:41
    ये सब एक बड़ा साजिश है। जब भी कोई कांग्रेस के बारे में अच्छी बात कहता है, तो वो अमेरिका के किसी स्पाई का ड्रामा होता है। पप्पु यादव शायद एक एआई बॉट है जिसे किसी ने बिहार में डाल दिया है।
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    dhananjay pagere

    अक्तूबर 4, 2025 AT 16:59
    मोदी के 5 इंच की छाती की बात कर रहे हो? अरे भाई, उनकी आंखों में देखो। वो दुनिया को चारों ओर से घेर रहे हैं। राहुल का फैसला बस एक बच्चे का खेल था। 🤖
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    Shrikant Kakhandaki

    अक्तूबर 6, 2025 AT 16:25
    क्या तुम सब भूल गए कि 2009 में राहुल ने अपने बाप की याद में एक दिन दिल्ली में एक दरवाज़ा बंद कर दिया था? वो दिन उनके लिए असली पीएम बनने का अवसर था। ये सब बातें बस राजनीति की धूल है।
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    bharat varu

    अक्तूबर 7, 2025 AT 00:15
    अगर राहुल ने वाकई नहीं लिया तो उनकी इस हिम्मत की तारीफ करनी चाहिए। लेकिन अब तो हमें ये देखना चाहिए कि आज के युवाओं के लिए क्या बन रहा है। बस अटकलें नहीं, असली बदलाव चाहिए।
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    Vijayan Jacob

    अक्तूबर 7, 2025 AT 01:31
    इतिहास को बदलने के लिए तुम्हें इतिहास को जानना पड़ता है। लेकिन आज का राजनीतिक दृश्य इतिहास को भूलकर ट्रेंड्स के साथ दौड़ रहा है। पप्पु यादव ने एक छोटी सी बात को एक बड़े दर्पण में बदल दिया।
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    Saachi Sharma

    अक्तूबर 8, 2025 AT 05:05
    राहुल ने नहीं लिया। अब बात बंद।

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