बंगाली थिएटर की ताज़ा खबरें और गपशप
अगर आप भारतीय रंगमंच में दिलचस्पी रखते हैं तो बंगाली थिएटर पर नजर रखना ज़रूरी है। यहाँ हर हफ़्ता नई नाटक, फेस्टिवल और कलाकारों के चर्चे आते रहते हैं। इस पेज पर हम आपको सबसे ताज़ा अपडेट देते रहेंगे‑ चाहे वो बड़े प्रोडक्शन हों या छोटे इंडी प्रोजेक्ट्स.
नए प्रोडक्शन और फ़ेस्टिवल्स
जाने-माने नाट्यकार सुब्रमण्यम सैनी ने हाल ही में "प्रीत के रंग" नाम का नया मंचीय ड्रामा लॉन्च किया। इस नाटक में आधुनिक रिश्तों की जटिलताओं को बंगाली लोकसंगीत से सजाया गया है और पहले दो शो में ही थिएटर प्रेमियों से सराहना मिली। इसी तरह, Kolkata International Theatre Festival 2025 ने इस साल ‘डिजिटल थियेटर’ सेक्शन जोड़ा, जहाँ वर्चुअल रियलिटी का इस्तेमाल करके दर्शकों को इंटरैक्टिव अनुभव दिया गया। अगर आप फ़ेस्टिवल के टिकेट खरीदना चाहते हैं तो आधी रात से पहले ऑनलाइन बुकिंग करें; देर हो जाने पर कीमतें तेज़ी से बढ़ती हैं.
एक और ख़ास बात – जैसवंत दास का ‘गुज़रते समय’ एक छोटे थिएटर में ट्रायल रून किया। यह नाटक बँधन के सामाजिक पहलू को दिखाता है, और दर्शकों की प्रतिक्रिया बहुत ही तेज़ थी। कई शहरों में अब इस प्रोडक्शन का टूर शेड्यूल तैयार हो रहा है, तो अपनी स्थानीय थियेटर हॉल की वेबसाइट पर चेक कर लें.
कलाकारों के इंटरव्यू और ट्रेंड
बंगाली थिएटर में हाल ही में युवा कलाकारों का उभरना देखना दिलचस्प है। आशा सिंगह, जो पहले फ़िल्मी बैकग्राउंड से थी, अब मंच पर ‘नारी शक्ति’ के किरदार को बड़ी सहजता से निभा रही हैं। उनका कहना था – “थिएटर मुझे हर बार नई ऊर्जा देता है, क्योंकि लाइव ऑडियंस का फीडबैक तुरंत मिलता है।” इसी तरह रवि चक्रवर्ती ने कहा कि अब नाटकों में एंटी‑हेरॉइज़्म ट्रेंड चल रहा है, जहाँ हीरो को भी कमजोर दिखाया जाता है। यह बदलाव दर्शकों को अधिक वास्तविकता महसूस कराता है.
अगर आप कलाकारों के पीछे की कहानी पढ़ना चाहते हैं तो इंटरव्यू सेक्शन देखें। यहाँ आपको साक्षात्कार, वीडियो और फोटोज़ मिलेंगे जो बताते हैं कि कैसे rehearsals, script writing और stage design एक साथ बँधते हैं.
एक बात ध्यान में रखें – बंगाली थिएटर अब सिर्फ कोलकाता तक सीमित नहीं रहा। छोटे शहरों जैसे दार्जिलिंग, सूरत और असम में भी स्थानीय समूह अपनी कहानियों को मंच पर लाते हैं। इन समूहों के शो अक्सर कम कीमत में मिलते हैं, इसलिए अगर बजट फिकर है तो इनको ट्राय करें।
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बंगाल के प्रसिद्ध नाटककार और अभिनेता मनोज मित्र का निधन, बंगाली थिएटर में उनका योगदान अमूल्य
पश्चिम बंगाल के विख्यात नाटककार और अभिनेता मनोज मित्र का 86 वर्ष की आयु में कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनकी मृत्यु का कारण दीर्घावधि स्वास्थ्य समस्याओं को ठहराया गया है। मित्र का जन्म 22 दिसंबर, 1938 को हुआ था और बंगाली थिएटर और फिल्मों में उनके योगदान उनके जीवन का महान अध्याय है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
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