भारतीय ईटीएफ बाजार की पूरी समझ - शुरुआती के लिये आसान गाइड
क्या आपने कभी सोचा है कि शेयर बाजार में सीधे शेयर खरीदने की बजाय एक फंड के जरिये निवेश करना कितना आसान हो सकता है? यही तो भारतीय ईटीएफ (Exchange Traded Fund) का मकसद है। ईटीएफ मूल तौर पर म्यूचुअल फंड जैसा ही होता है, लेकिन इसे आप स्टॉक एक्सचेंज पर किसी भी दिन, कभी भी खरीद‑बेचना कर सकते हैं – ठीक वही जैसे शेयर होते हैं। तो चलिए, इसको और विस्तार से समझते हैं और देखते हैं कि आपका पैसा कैसे बढ़ सकता है।
ईटीएफ क्या है और क्यों चुनें?
ईटीएफ एक ऐसा फंड होता है जो किसी इंडेक्स (जैसे NIFTY 50, सेंसेक्स) या सेक्टर (बैंकर, आईटी, फार्मा) को ट्रैक करता है। जब आप ईटीएफ खरीदते हैं तो आप असल में उस पूरे इंडेक्स की हिस्सेदारी ले रहे होते हैं, न कि सिर्फ एक कंपनी के शेयर. इस वजह से आपका पोर्टफोलियो तुरंत डाइवर्सिफाइड हो जाता है और जोखिम कम रहता है। साथ ही, ट्रेडिंग फीस भी म्यूचुअल फंड की तुलना में अक्सर कम होती है क्योंकि आप केवल ब्रोकरेज पेड करते हैं।
2023‑24 में टॉप ईटीएफ और मार्केट ट्रेंड
पिछले दो सालों में भारतीय ईटीएफ बाजार ने तेज़ी से बढ़त देखी है। NIFTY 50 ETF, BANKNIFTY ETF और IT Index ETFs सबसे ज्यादा ट्रेडेड हुए हैं। खास बात ये है कि इन फंड्स की एसेट‑अंडर‑मैनेजमेंट (AUM) लगातार बढ़ रही है, जो दर्शाता है निवेशकों का भरोसा। साथ ही, थीमेटिक ईटीएफ जैसे “डिजिटल इंडिया” या “ग्रीन एनर्जी” भी लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि लोग भविष्य के ट्रेंड पर पैसा लगाना चाहते हैं।
अगर आप अभी शुरुआत कर रहे हैं तो सबसे पहले एक डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग खाता खोलें। उसके बाद अपने ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म पर ‘ETF’ सेक्शन में जाएँ, वो इंडेक्स या सेक्टर चुनें जिसमें आपका दिल हो, और जितनी मात्रा में आपको लगता है कि निवेश करना सुरक्षित है उतना खरीदें। याद रखें – ईटीएफ में भी कीमतों का उतार‑चढ़ाव होता है, इसलिए लंबी अवधि के लिए सोचकर निवेश करें.
एक छोटी सी टिप: जब आप ईटीएफ चुनते हैं तो उसके ट्रैकिंग एरर (जितनी सटीकता से फंड इंडेक्स को फॉलो करता है) और कुल खर्च अनुपात (Expense Ratio) देखें। कम खर्च वाला फ़ंड आपके रिटर्न को अधिकतम रखेगा। साथ ही, अगर आप टैक्स बचाना चाहते हैं तो इक्विटी‑ऐडेड ईटीएफ पर 1 साल से कम के लिए होल्ड करने पर शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गेन टैक्स (15%) लगेगा, जबकि एक साल से ज्यादा रखने पर 10% तक घट जाएगा.
भविष्य की बात करें तो भारतीय ईटीएफ बाजार अगले पाँच वर्षों में और भी बड़ा होने की संभावना है। सरकार ने हाल ही में म्यूचुअल फंड उद्योग को आसान बनाने के लिए कई नियामक कदम उठाए हैं, जिससे नई कंपनियों के लिये ईटीएफ लॉन्च करना सरल हो गया है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भारतीय इक्विटी पर बढ़ता आकर्षण भी इस बाजार को मजबूती देगा.
संक्षेप में, अगर आप शेयरों की जटिलताओं से बचते हुए एक व्यापक पोर्टफोलियो चाहते हैं तो ईटीएफ आपके लिये बेहतरीन विकल्प है। सही फंड चुनें, खर्च पर ध्यान दें, और धैर्य रखें – यही सफलता का सूत्र है। अब देर न करें, अपने ब्रोकरेज में लॉगिन करके आज ही पहला ईटीएफ खरीदें और बाजार के साथ कदम मिलाएँ!

भारत के तेजी से बढ़ते ईटीएफ बाजार में Nifty 50 ETF का अव्वल स्थान: 95% की दावेदारी
भारत के तेजी से बढ़ते एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) बाजार में निफ्टी 50 ईटीएफ ने सबसे प्रमुख स्थान हासिल किया है, जो कुल इक्विटी ईटीएफ योजनाओं में 95% आस्तियों पर कब्जा करता है। एक अध्ययन के मुताबिक, ईटीएफ म्युचुअल फंड उद्योग की कुल संपत्ति का 13% है।
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