ब्रेन स्ट्रोक: लक्षण, जोखिम और तुरंत उपचार की जानकारी
ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी आपात स्थिति है जब ब्रेन स्ट्रोक, मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति अचानक रुक जाने से होने वाला नुकसान शरीर के किसी हिस्से को नियंत्रित करने की क्षमता खो देता है। यह केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं है—20 साल के युवा भी इसका शिकार हो सकते हैं। अगर आपको याद है कि किसी ने अचानक बोलना बंद कर दिया, या एक तरफ का चेहरा ढीला हो गया, तो ये सिर्फ अजीब बात नहीं, बल्कि जान बचाने का आखिरी मौका है।
ब्रेन स्ट्रोक के दो मुख्य प्रकार होते हैं: इस्कीमिक स्ट्रोक, रक्त वाहिका बंद होने से होने वाला स्ट्रोक और हीमोरेजिक स्ट्रोक, मस्तिष्क में रक्तस्राव होने से होने वाला स्ट्रोक। पहला अधिक आम है—लगभग 80% मामलों में। दूसरा ज्यादा खतरनाक होता है, लेकिन दोनों के लिए समय ही जान है। जब तक 4.5 घंटे के अंदर अस्पताल पहुँच जाएं, तब तक इलाज संभव है। इसके बाद नुकसान अक्सर स्थायी हो जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के खतरे के कारण आम हैं—उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, अधिक वजन, और अनियमित जीवनशैली। लेकिन अगर आप अपने शरीर को सुनते हैं, तो बहुत कुछ बचाया जा सकता है। अगर कोई अचानक बोलने में दिक्कत करे, एक तरफ का हाथ या चेहरा नीचे गिरे, या अचानक दृष्टि बदल जाए, तो तुरंत 108 या निकटतम अस्पताल पर जाएं। इसे "FAST" के जरिए याद रखें: Face (चेहरा), Arms (बांह), Speech (बोलना), Time (समय)।
यहाँ आपको ऐसे ही वास्तविक मामले मिलेंगे जहाँ लोगों ने ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर दिया, और कुछ ऐसे जहाँ तुरंत कार्रवाई ने जान बचा ली। इन कहानियों में आपको वो बातें मिलेंगी जो डॉक्टर आपको बताते हैं, लेकिन आप भूल जाते हैं। ये सब कुछ आपके लिए है—क्योंकि ब्रेन स्ट्रोक का डर नहीं, जागरूकता ही आपकी सबसे बड़ी शक्ति है।
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