CBDT – भारत के कर प्रणाली में क्या भूमिका है?
जब हम CBDT, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, जो भारतीय आयकर कानून का कार्यान्वयन देखता है. Also known as सीबीडीटी की बात करते हैं, तो सवाल उठता है‑ यह संस्था किस चीज़ को संभालती है और हमारी रोज़मर्रा की वित्तीय ज़िन्दगी में इसका क्या असर है। सरल शब्दों में, CBDT सीधे‑सिधे करों (प्रत्यक्ष कर) की नीति बनाता, नियम लागू करता और करदाताओं को मार्गदर्शन देता है। इसलिए, यदि आप कर रिटर्न भरते हैं, तो आप प्रत्यक्ष रूप से CBDT के काम से जुड़े होते हैं।
एक और महत्वपूर्ण शब्द है आयकर, व्यक्तियों या कंपनियों की आय पर लगाया जाने वाला प्रत्यक्ष कर. इसे कभी‑कभी इन्कम टैक्स भी कहा जाता है। आयकर को समझना आसान नहीं है, लेकिन CBDT इसे सरल बनाने की कोशिश करता है। उदाहरण के तौर पर, CBDT हर साल आयकर दरें तय करता, नई छूटें पेश करता, और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से रिटर्न दाखिल करने का तरीका बनाता है। यही कारण है कि आयकर और प्रत्यक्ष कर, वो कर जो सीधे करदाता की आय या संपत्ति पर लगाया जाता है को अक्सर एक ही छत के नीचे रखा जाता है। इस तरह, CBDT के निर्देशों से सीधे‑सिधे कर की संपूर्ण तस्वीर बनती है।
कर रिटर्न और वित्त मंत्रालय का सहयोग
यदि आप अभी भी सोच रहे हैं कि कर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया कहाँ से आती है, तो यह कर रिटर्न, आवधि‑वार आय एवं खर्च की घोषणा, जिससे टैक्स राशि तय होती है के माध्यम से स्पष्ट होती है। रिटर्न भरते समय आप सीधे CBDT के पोर्टल या अपॉइंटेड एग्जीक्यूटिव्स के माध्यम से स्टेप‑बाय‑स्टेप गाइड प्राप्त कर सकते हैं। इस पूरी व्यवस्था को संभालने वाला प्रमुख संस्थान वित्त मंत्रालय, वित्तीय नीति, बजट और कर प्रणाली का मुख्य नियामक विभाग. भी है, जो CBDT को रणनीतिक दिशा देता है। सरल शब्दों में, वित्त मंत्रालय CBDT के लिए सिचुएशनल ब्रीफ़ बनाता है, जबकि CBDT उन ब्रीफ़ को व्यावहारिक नियमों में बदलता है। इस सहयोगी संबंध से ही साल‑दर‑साल करदाता को ज्यादा स्पष्टता मिलती है।
अब आप समझ गए होंगे कि CBDT सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारत के कर ढांचे का दिल है। नीचे आप विभिन्न लेखों में इस बोर्ड की नई अपडेट्स, आयकर रिटर्न के टिप्स, और वित्त मंत्रालय की नीतियों के प्रभाव को खोज सकते हैं। चलिए, आगे के कंटेंट में डुबकी मारते हैं और देखते हैं कैसे ये संस्थाएँ आपके वित्तीय कदमों को आसान बनाती हैं।

CBDT ने स्पष्ट किया: सेक्शन 87A रिबेट नहीं मिलेगा शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गेन पर, ड्यूज भरें 31 दिसंबर तक
CBDT के नवीनतम परिपत्र 13/2025 में कहा गया है कि शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर सेक्शन 87A रिबेट नहीं दिया जाएगा। 2023‑24 के फ़ाइनेंशियल ईयर में कई टैक्सपेयरों ने यह रिबेट गलत ढंग से दावा किया था। अब त्रुटि सुधार के बाद नई टैक्स डिमांड जारी होगी, पर 31 दिसम्बर 2025 तक भुगतान करने पर ब्याज माफ़ किया जाएगा। यह दिशा‑निर्देश कई न्यायालयीय निर्णयों के बाद आया है, पर आयकर विभाग की रुख़ वही रहता है।
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