सेक्शन 87A रिबेट और शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गेन
सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज़ (CBDT) ने 19 सितंबर 2025 को परिपत्र 13/2025 जारी किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि Section 87A की टैक्स रिबेट शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गेन (STCG) जैसी विशेष‑दर वाली आय पर लागू नहीं होगी। 2023‑24 के वित्तीय वर्ष में कई टैक्सपेयरों ने इक्विटी शेयरों या इक्विटी‑ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स से प्राप्त 15 % विशेष कर दर वाले STCG पर यह रिबेट दावा कर ली थी।
सेक्शन 87A का मूल उद्देश्य छोटे करदाताओं को उनकी शुद्ध आय के आधार पर शून्य कर भुगतान कराना है। पुराने टैक्स रेगिम में आय सीमा ₹5 लाख और नए रेगिम में ₹7 लाख थी। लेकिन यह छूट उन आयों पर नहीं लागू होती जो विशेष कर दर के अधीन हैं, जैसे कि STCG पर 15 %।
आयकर प्रक्रिया प्रणाली ने कुछ मामलों में यह रिबेट स्वीकृत कर दिया था, पर CBDT ने अब यह मान्य किया कि यह त्रुटिपूर्ण था। परिणामस्वरूप, त्रुटिपूर्ण रिबेट वाले रिटर्न की पुनरावृत्ति की जा रही है और प्रभावित करदाताओं को नई टैक्स डिमांड भेजी जा रही है।
टैक्सपेयरों के लिए नई राहत: 31 दिसंबर तक ब्याज माफी
CBDT ने यह भी बताया कि जिन करदाताओं को गलत रिबेट मिलने के कारण अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा, यदि वे 31 दिसंबर 2025 तक अपना बकाया भुगतान कर देते हैं तो सेक्शन 220(2) के तहत लागू होने वाला ब्याज माफ़ किया जाएगा। यह राहत विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिन्होंने 5 जुलाई 2024 से पहले STCG पर सेक्शन 87A रिबेट का दावा किया था।
भुगतान में देर होने पर ब्याज की दर 1 % प्रति माह रहेगी, जैसा कि सेक्शन 220(2) में निर्धारित है। इस कारण, कई टैक्सपेयरों ने अपने टैक्स कंसल्टेंट्स से पुनः गणना करवाते हुए, भुगतान योजना बनायी है।
- यदि आपको अभी तक टैक्स डिमांड नहीं मिली है, तो अपने रिटर्न की स्थिति ऑनलाइन चेक करें।
- डिमांड मिलने पर, तुरंत {{₹}} राशि का भुगतान करें ताकि ब्याज से बचा जा सके।
- भुगतान के बाद, अपने आयकर पोर्टल पर रसीद अपलोड कर दें और रिफंड या बकाया की पुष्टि करें।
- यदि आप दवाब में हैं, तो आयकर विभाग के सेल्फ‑असेसमेंट पोर्टल पर ‘आर्थिक कठिनाई’ विकल्प चुन सकते हैं।
टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि इस परिपत्र के बाद कई आईटीएटी (Income Tax Appellate Tribunal) के फैसलों का पुनरावलोकन हो सकता है, क्योंकि अदालतें पहले रिबेट को मान्य करने वाले निर्णय दे चुकी थीं। अब विभाग स्पष्ट रूप से कह रहा है कि विशेष‑दर आय पर सेक्शन 87A नहीं लागू होगी, इसलिए भविष्य में और अधिक मुकदमेबाजी हो सकती है।
व्यापक रूप से देखा जाए तो यह कदम छोटे निवेशकों के लिये थोड़ी राहत लेकर आया है, पर साथ ही समझदार निवेशकों को अपने टैक्स प्लानिंग में अधिक सावधानी बरतने का संकेत देता है। CBDT ने इस परिपत्र के माध्यम से स्पष्टता लाने की कोशिश की है, ताकि आगे चलकर ऐसे भ्रम और अनावश्यक टॉप‑अप टैक्स चैलेंज से बचा जा सके।
Nadeem Ahmad
सितंबर 26, 2025 AT 08:29suraj rangankar
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