जब India Meteorological Department (IMD) ने शनिवार रात 27 सितंबर को मुंबई के लिए ‘लाल अलर्ट’ जारी किया, तो शहर के कई कोने में झड़के‑झंकार वाले बादल गुंज उठे। भारी बारिश ने इस रात‑रात को पूरी तरह बदल दिया, और मध्य‑रात के बाद भी बूँदें गिरती रही।
IMD ने बताया कि सुबह 8:00 एएम तक मौसम विभाग का बुलेटिन झिलमिलाते आकाश, तूफान‑बिजली और 40‑50 km/h तक की तेज हवाओं का संकेत दे रहा था। यही नहीं, प्रदेश‑व्यापी ‘अत्यधिक भारी बारिश’ की संभावना भी कही गई थी। इस चेतावनी के तहत, विभाग ने 28 सितंबर को ‘भारी‑से‑बहुत भारी’ बारिश की भविष्यवाणी की और अलर्ट को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया।
पिछले वर्ष की तुलना में इस बारिश की तीव्रता
साउथ मुंबई के कई मोहल्लों में 24‑घंटे में 100 mm से अधिक बारिश दर्ज हुई – यह आंकड़ा 15 सितंबर के ‘लाल अलर्ट’ से बेहतर था, जब उस दिन केवल 87 mm गिरा था। लेकिन अगस्त‑2025 की 177 mm की रिकॉर्ड बारिश अभी भी इस साल की सबसे खतरनाक घटना बनी हुई है। इस बार गिरा पानी कई लो‑लेवल क्षेत्रों में तुरंत जलभराव कर गया, जिससे सड़कों पर गाड़ी चलाना मुश्किल हो गया।
परिवहन पर प्रतिकूल प्रभाव
बारिश के कारण Central Railway और Western Railway की स्थानीय ट्रेनें निर्धारित समय से पीछे चलने लगीं। स्टेशन पर भीड़‑भाड़ बढ़ी, क्योंकि यात्रियों को देर से पहुँचने की चिंता थी।
उधर, Brihanmumbai Electric Supply and Transport (BEST) ने अपने बस मार्गों में कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं दिया, बल्कि सभी सेवा चालू रखी। यह निर्णय यात्रियों की आवाज़ को सुनते हुए, और अंतर्देशीय यात्रा को बनाए रखने के लिए लिया गया था।
सरकारी एवं स्थानीय निकायों की तत्परता
मुंबई महानगर पालिका (MMC) ने जलभराव वाले क्षेत्रों में निकासी के लिए अतिरिक्त पंप लगाए। समुद्र तट पर स्थित वेदरफ़ोर कैसल के पास भी आपातकालीन राहत टीम तैयार थी। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हम लगातार मौसम विभाग के अपडेट पर नज़र रख रहे हैं और सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।”
इसी बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपने X (पूर्व में Twitter) अकाउंट पर तकनीकी विवरण शेयर किया: ‘East Vidarbha में एक डिप्रेशन पश्चिम की ओर 43 km/h की गति से चल रहा है और 05:30 एएम पर West Vidarbha के 50 km दक्षिण में स्थित है। यह Marathwada एवं मध्य महाराष्ट्र में भारी बवण्डर लाने की संभावना रखता है।’
विशेषज्ञों की राय और भविष्य के संकेत
जलवायु विशेषज्ञ डॉ. रवीना शुक्ला (भारतीय पर्यावरण अनुसंधान संस्थान) ने बताया कि “इंडियन मोन्सून के पारंपरिक पैटर्न में अब असामान्य विचलन देखे जा रहे हैं। ऐसे तीव्र डिप्रेशन जल्दी‑जल्दी उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे अलर्ट प्रणाली को तेज़ी से अपडेट करना पड़ेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अगले दो हफ़्तों में ‘लाल अलर्ट’ जारी रहने की संभावनाएँ अधिक हैं, खासकर जब मॉनसून की मध्य‑वहिक सीज़न में टेढ़ी‑मेढ़ी धारा बनती है।
औद्योगिक दृष्टि से, ऐसी भारी बारिश ऊर्जा वितरण में बाधा डालती है। बीएसईएल ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में बिजली की कटौती हुई, लेकिन अधिकांश कार्यालयों ने बैक‑अप जेनरेटर से काम जारी रखा।
भविष्य की योजना और नागरिक सुझाव
अधिकारियों ने मुद्दे को संभालने के लिए तीन‑स्तरीय योजना बनाई है: 1️⃣ तत्काल जल निकासी, 2️⃣ सार्वजनिक परिवहन में निरंतरता, 3️⃣ दीर्घकालिक बाढ़‑रोधी बुनियादी ढाँचा। नागरिकों से भी अपील है कि वे ‘पानी‑रोके वाले रूट्स’ पर ध्यान दें और टायर में पानी जमा न होने दें।
- IMD द्वारा जारी ‘लाल अलर्ट’ 27‑30 सितंबर तक जारी रहेगा।
- साउथ मुंबई में 24 घंटे में 100 mm+ बारिश दर्ज हुई।
- ट्रेन सेवाएँ 20‑30 % देरी से चल रही हैं।
- BEST ने सभी बस मार्ग निरंतर रखे।
- भविष्य में समान मौसमी डिप्रेशन के लिए सतर्कता बढ़ी हुई है।
Frequently Asked Questions
क्या इस ‘लाल अलर्ट’ के दौरान सार्वजनिक परिवहन में कोई बदलाव होगा?
अभी तक BEST ने कोई मार्ग परिवर्तन नहीं किया है, लेकिन ट्रेनें कुछ स्टेशनों पर अंतराल बढ़ाने की संभावना है। यात्रियों को देर से पहुंचने के लिए वैकल्पिक योजना बनानी चाहिए।
कौन से क्षेत्रों में जलभराव की सबसे अधिक संभावना है?
साउथ मुंबई के जुहू, कर्ला, वर्ली और एतिहासिक ढाक हवा वाले इलाकों में जलभराव अधिक हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने इन क्षेत्रों में अतिरिक्त पंप लगा रखे हैं।
बारिश के कारण बिजली कटौती कब तक रुक सकती है?
बिजली विभाग ने बताया कि अधिकतम 2‑3 घंटे में बैक‑अप जनरेटर चालू हो जाएंगे, लेकिन भारी बवण्डर वाले इलाकों में पुरी तरह से बहाल होने में 6‑8 घंटे लग सकते हैं।
क्या आने वाले हफ्तों में और ‘लाल अलर्ट’ जारी रहने की संभावना है?
हवामान विशेषज्ञों के अनुसार, मॉनसून के मध्य‑वहिक चरण में कई डिप्रेशन सक्रिय हो सकते हैं, इसलिए अगले दो हफ़्तों में फिर से ‘लाल अलर्ट’ जारी हो सकता है। सरकारी एजेंसियाँ सतर्क रह रही हैं।
नागरिकों को भारी बारिश में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
सड़क पर भारी जलभराव वाले बिंदुओं से बचें, जल-रोधी जूते पहनें और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को सूखे स्थान पर रखें। यदि यात्रा आवश्यक है, तो आधिकारिक ट्रांसपोर्ट अपडेट्स पर नज़र रखें।
Abhishek Deshpande
सितंबर 29, 2025 AT 02:43ये बारिश तो हर साल होती है, पर हमारी इंफ्रास्ट्रक्चर तो 1980 के दशक में रुकी हुई है। जल निकासी के लिए जो पंप लगाए जा रहे हैं, वो तो बस एक टेप-ऑन है-जबकि हमें एक पूरा ड्रेनेज सिस्टम चाहिए, जो जलवायु परिवर्तन के अनुकूल हो! और फिर भी, आप लोग बस अलर्ट देखकर खुश हो जाते हैं, जैसे कि ये एक बुलेटिन है और नहीं एक आपातकालीन स्थिति।
Kaviya A
सितंबर 29, 2025 AT 22:58बस वाले चल रहे हैं बस चल रहे हैं मुझे तो बस घर जाना है बस बस बस
Supreet Grover
सितंबर 30, 2025 AT 04:22इस घटना के संदर्भ में, जलवायु अनुकूलन के लिए एक सिस्टमिक, डेटा-ड्रिवन रिस्पॉन्स आवश्यक है। वर्तमान में, हम रिएक्टिव मॉडल पर काम कर रहे हैं-जिसमें एड-हॉक इंटरवेंशन्स जैसे पंप लगाना या बैकअप जनरेटर्स का उपयोग शामिल है। लेकिन लंबे समय के लिए, हमें स्थानीय जल निकासी नेटवर्क को स्मार्ट सेंसर्स और AI-आधारित प्रीडिक्शन मॉडल्स के साथ इंटीग्रेट करना होगा। यही वह स्केलेबल सॉल्यूशन है जिसकी आवश्यकता है।
Saurabh Jain
सितंबर 30, 2025 AT 11:44मुंबई की ये बारिश देखकर लगता है कि हम अभी भी बहुत जल्दी बारिश के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन यह भी सच है कि हमारे लोग इसके बीच में भी काम करते रहते हैं-बस चलाने वाले, ट्रेन चलाने वाले, बिजली वापस लाने वाले। ये नागरिक जिम्मेदारी का नमूना है। कभी-कभी सरकार नहीं, लोग ही शहर को चलाते हैं।
Suman Sourav Prasad
सितंबर 30, 2025 AT 17:35ये जो लाल अलर्ट है, वो तो अब एक रूटीन बन गया है-जैसे कि शनिवार को बारिश आएगी, फिर ट्रेन देर से आएगी, फिर बस चलेगी, फिर सब बर्बाद हो जाएगा, फिर सरकार बयान देगी, फिर कोई नहीं सुनेगा, फिर अगले साल वही चीज़ दोहराएगी। हम क्या कर रहे हैं? बस बारिश का इंतज़ार कर रहे हैं? जलभराव के इलाकों में घर बनाना बंद कर दो, जमीन बचाओ, जल निकासी के लिए जमीन छोड़ो, और फिर देखो कि क्या होता है।
Nupur Anand
अक्तूबर 1, 2025 AT 15:34अरे भाई, ये सब तो बस एक दर्द का नाम है-हमारा नागरिक जीवन एक डॉक्यूमेंट्री है जिसमें हर बारिश एक नया एपिसोड है। डॉ. शुक्ला ने कहा कि मॉन्सून के पैटर्न बदल रहे हैं-हाँ, बदल रहे हैं, लेकिन हम बदलने की जगह बस अलर्ट देखकर बैठ जाते हैं! हम तो अपने घरों में बिजली की लाइट बंद होने पर गुस्सा करते हैं, लेकिन जब बारिश आती है तो हमारे रास्ते नहीं बदलते! हम जलवायु के खिलाफ लड़ रहे हैं, न कि उसके साथ जीने की कला सीख रहे हैं। ये सब बस एक नाटक है-और हम सब अभी भी अपने बिस्तर पर बैठे हैं, जबकि दुनिया बह रही है।