F&O – आज के फ़्यूचर और ऑप्शन अपडेट

नमस्ते! अगर आप शेयर मार्केट में रुचि रखते हैं तो फ्यूचर‑ऑप्शन (F&O) से जुड़ी खबरें आपके लिए बहुत ज़रूरी हैं। यहाँ हम रोज़ की सबसे बड़ी ख़बरों को आसान भाषा में लाते हैं, ताकि आप बाजार के उतार‑चढ़ाव को सही समझ सकें। पढ़ते रहें और अपनी ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी को तेज़ बनाइए।

आज की प्रमुख ख़बरें

बीजिंग में खुले Nifty‑F&O सत्र में आज Nifty ने 200 अंक का हल्का गिरावट दिखाया, जबकि Bank Nifty में 250 अंक तक की बढ़ोतरी हुई। analysts का कहना है कि यह अंतर मौसमी वॉल्यूम के कारण हो सकता है। दूसरी तरफ, तेल की कीमतों में गिरावट के बाद कमोडिटी फ़्यूचर पर सकारात्मक सिग्नल आया और कई बड़े ट्रेडर ने लॉन्ग पोज़िशन ली।

आज सुबह SEBI ने कुछ छोटे‑बड़े ब्रोकर्स को अतिरिक्त मार्जिन रखाव बढ़ाने की चेतावनी दी है। इसका असर अक्सर उन स्टॉक्स पर पड़ता है जहाँ ऑप्शन ओपन इंटरेस्ट ज्यादा होता है। इसलिए अगर आप OI‑आधारित ट्रेडिंग करते हैं तो इस नई नियमावली को ध्यान में रखें।

एक और रोचक बात—आज के डेटा से पता चलता है कि सबसे अधिक ट्रेड किए गए कॉल स्ट्राइक 17,500 पर रहे। इस स्तर पर कई निवेशकों ने बुलिश सेंटिमेंट दिखाया, खासकर IT सेक्टर की कंपनियों में। यदि आप एंट्री करने का सोच रहे हैं तो इस स्ट्राइक प्राइस को एक रेफ़रेंस के रूप में देख सकते हैं।

कैसे समझें और उपयोग करें F&O को

F&O ट्रेडिंग शुरू करने से पहले दो चीज़ों पर फोकस करना जरूरी है: ओपन इंटरेस्ट (OI) और प्रीमियम। OI बताता है कि किसी स्ट्राइक पर कुल कितने कॉन्ट्रैक्ट खुले हैं, जिससे आप मार्केट की दिशा का अंदाज़ा लगा सकते हैं। प्रीमियम यानी ऑप्शन की कीमत, जो टाइम डिके और वोलैटिलिटी दोनों से प्रभावित होती है। इन दो आँकों को रोज़ देखना आपको बेहतर एंट्री‑एग्जिट पॉइंट्स देता है।

यदि आप शुरुआती हैं तो सबसे पहले हाई लिक्विडिटी वाले स्ट्राइक चुनें, जैसे Nifty 17,400 या 17,600। इन पर स्प्रेड कम रहता है और स्लिपेज का जोखिम घटता है। साथ ही, हमेशा स्टॉप‑लॉस सेट करें—भले ही ऑप्शन की कीमत तेज़ी से बदलती है, लेकिन उचित प्रोटेक्शन के बिना नुकसान बड़ा हो सकता है।

एक और टिप: इंट्राडे ट्रेडिंग में टाइम डिके का असर ज़्यादा होता है, इसलिए देर शाम या रात में ओपन पोज़िशन बंद करना समझदारी भरा रहेगा। यदि आप दीर्घकालीन निवेश की योजना बना रहे हैं तो एंटरप्राइज़‑ग्रेड कंपनियों के विकल्प देखें, जहाँ प्रीमियम स्थिर रहता है और रिटर्न भी बेहतर मिल सकता है।

आख़िर में, मार्केट न्यूज़ को फॉलो करना न भूलें। हर बड़ा इवेंट—जैसे RBI की नीति बदलाव या वैश्विक आर्थिक डेटा—F&O पर तेज़ असर डालता है। हमारी साइट पर रोज़ की अपडेट्स मिलती हैं, इसलिए बुकमार्क कर लें और नियमित रूप से चेक करते रहें।

तो अब जब आपको F&O की बेसिक बातें समझ में आ गई हों, तो अपनी ट्रेडिंग जर्नल खोलें, पिछले दिन के OI और प्रीमियम को नोट करें और नई रणनीति आज़माएँ। याद रखें—सही जानकारी और डिसिप्लिन ही सफल ट्रेडर बनाते हैं। शुभ ट्रेडिंग!

सेबी का F&O डी-एडिक्शन अभियान: बीएसई को मिला अनोखा फायदा
Anuj Kumar 31 जुलाई 2024 0

सेबी का F&O डी-एडिक्शन अभियान: बीएसई को मिला अनोखा फायदा

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डायवेटिव्स ट्रेडिंग पर नकेल कसने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इससे न केवल निवेशकों को भेजने पर जोर दिया गया है बल्कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को फायदा हो रहा है, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

और देखें