सेबी का F&O डी-एडिक्शन अभियान: बीएसई को मिला अनोखा फायदा

सेबी का F&O डी-एडिक्शन अभियान: बीएसई को मिला अनोखा फायदा
Anuj Kumar 31 जुलाई 2024 17

सेबी का नया अभियान: निवेशकों पर ध्यान

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसका उद्देश्य डायवेटिव्स ट्रेडिंग में अतिवृद्धि और अस्थिरता को नियंत्रित करना है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब बाजार में गैर-संविधिक गतिविधियों के चलते निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा था। सेबी ने इस नए नियमन के तहत एक्सचेंजों को कुछ सख्त कदम उठाने को कहा है, ताकि बाजार में अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा सके।

एनएसई को संभावित चुनौती

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को इस नए अभियान से एक बड़ी चुनौती मिल सकती है। एनएसई, जो बाजार में उच्च वॉल्यूम के साथ प्रमुख भूमिका निभाता है, अब नए नियमों के तहत अपनी साप्ताहिक विकल्प अनुबंधों की संख्या एक मानक सूचकांक प्रति एक्सचेंज तक सीमित करने को मजबूर है। इसका सीधा प्रभाव एनएसई की ऑप्शंस वॉल्यूम पर पड़ेगा, जिससे उसकी FY26 की कमाई में 25-30% तक की गिरावट की संभावना है।

इसी के साथ, बीएसई जो की दो सूचकांक विकल्प अनुबंध (सेंसेक्स और बैंकेक्स) रखता है, को बाजार में एक प्रतिस्पर्धी बढ़त मिल रही है। विश्लेषकों का मानना है कि इस बदलाव से बीएसई की FY26-FY28 की कमाई 15% के सीएजीआर पर बढ़ने की संभावना है।

बीएसई की उभरती सफलता

बीएसई को इस नए नियमन का फायदा मिलने की संभावनाएं हैं। सेबी के इस कदम से न केवल बीएसई को अपने पैर जमाने का मौका मिलेगा, बल्कि उसकी बाजार हिस्सेदारी में भी इजाफा होगा। बीएसई के स्टॉक की कीमतें जहाँ 26 गुना FY26 ईपीएस पर ट्रेड कर रही हैं, वहीं संशोधित ईपीएस के बाद यह 30 गुना पर आ सकती हैं।

ब्रोकर्स और अन्य पर प्रभाव

ब्रोकर्स और अन्य पर प्रभाव

निवेश और ट्रेडिंग से जुड़े ब्रोकर्स और अन्य संस्थान भी इस नई नीति से प्रभावित होंगे। रिटेल-फोकस्ड ब्रोकर जैसे मोटिलाल ओसवाल और एंजेल वन ने शेयरों की कीमत में बढ़त देखी है, जबकि 5 पैसे के शेयर में ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार की प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं और हर एक्सचेंज और ब्रोकिंग फर्म पर इसका अलग-अलग प्रभाव हो सकता है।

क्लियरिंग मेंबर्स जैसे नुवामा का एसेट सर्विसेस बिज़नेस जो मुख्य रूप से संस्थागत खिलाडियों को सेवाएं प्रदान करता है वह भी इस बदलाव से प्रभावित हो सकता है, लेकिन इसपर अभी किसी तरीके के द्वितीयक प्रभाव की संभावनाएं ही दिखाई दे रही हैं।

निवेशकों के लिए संदेश

सेबी का यह कदम उन निवेशकों के लिए एक सख्त संदेश है जो ज्यादा जोखिम भरे ट्रेडिंग में संलग्न रहते हैं। इसका उद्देश्य निवेश पर ध्यान केंद्रित करते हुए लंबे समय के लाभ और स्थिरता को बढ़ावा देना है। अतिवृद्धि और अनचाही अस्थिरता को रोककर सेबी निवेशकों को अधिक जिम्मेदारी और समझदारी से निवेश करने के लिए प्रेरित करना चाहता है।

आगे की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नए नियमन के बाद एनएसई और बीएसई किस प्रकार के बदलावों का अनुभव करते हैं, लेकिन अब तक के आंकड़ें बताते हैं कि बीएसई को इससे लाभ मिलने की संभावनाएँ अधिक हैं। इसके साथ ही, बाजार में स्थिरता और अनुशासन भी मेंटेन हो सकेगा जो की निवेशकों के लिए दीर्घकालिक लाभ प्रदान कर सकता है।

17 टिप्पणि

  • Image placeholder

    sneha arora

    अगस्त 1, 2024 AT 11:32
    ये सेबी का कदम बहुत अच्छा है ❤️ अब छोटे निवेशकों को भी सुरक्षा मिलेगी। ज्यादा ट्रेडिंग करने से नहीं, बल्कि समझदारी से पैसा बनाना है। मैंने अपने दोस्त को देखा जो 3 महीने में सब कुछ खो दिया, अब वो शांति से SIP कर रहा है। ये बदलाव सच में जरूरी था।
  • Image placeholder

    Sagar Solanki

    अगस्त 3, 2024 AT 05:47
    अरे ये सब बकवास है। सेबी का ये ‘अनुशासन’ वाला नाटक किसके लिए है? बीएसई के शेयरधारकों के लिए तो ये एक छिपा हुआ बूस्ट है। एनएसई को गिराने का एक बेहद तरीका। ये सब एक फैंसी रेगुलेशन बनाकर कैपिटल कंट्रोल कर रहे हैं। जब तक एक्सचेंज के बीच लूट का नियम नहीं बदलेगा, तब तक ये सब नाटक है।
  • Image placeholder

    Siddharth Madan

    अगस्त 5, 2024 AT 02:06
    मुझे लगता है ये बदलाव लंबे समय में सबके लिए अच्छा होगा। बाजार में अच्छी तरह से नियंत्रित गतिविधि से निवेशकों को भरोसा आता है। बीएसई को फायदा हो रहा है, लेकिन ये एक अच्छा संकेत है कि नियम बराबर लागू हो रहे हैं।
  • Image placeholder

    Vitthal Sharma

    अगस्त 5, 2024 AT 03:28
    बीएसई बढ़ रहा है। एनएसई घट रहा है। सेबी ने सही किया।
  • Image placeholder

    simran grewal

    अगस्त 5, 2024 AT 13:16
    अरे भाई, बीएसई को फायदा हुआ तो अब सेबी को भी बीएसई के शेयर होंगे? 😏 ये सब एक बड़ा धोखा है। ब्रोकर्स तो अब दो बार चार्ज करेंगे, और निवेशक फिर से उल्टा गिरेगा।
  • Image placeholder

    Thomas Mathew

    अगस्त 6, 2024 AT 23:14
    हर चीज़ का एक गहरा अर्थ होता है। ये सेबी का नियम केवल बाजार की स्थिरता के लिए नहीं, बल्कि रिटेल निवेशकों को बाहर धकेलने के लिए है। जब तक एक्सचेंज एक अंतरराष्ट्रीय बाजार नहीं बनते, तब तक ये सब एक घरेलू खेल है। अब तुम जो भी करो, बड़े बाजार वाले ही जीतते हैं।
  • Image placeholder

    Dr.Arunagiri Ganesan

    अगस्त 7, 2024 AT 02:50
    इस तरह के नियम भारत के लिए बहुत जरूरी हैं। हमारे यहाँ बहुत से लोग ट्रेडिंग को गेम समझते हैं। लेकिन ये निवेश है, गेम नहीं। अगर हम लंबे समय तक बाजार को स्थिर रखना चाहते हैं, तो ये बदलाव अनिवार्य है। जय हिंद!
  • Image placeholder

    Vinay Menon

    अगस्त 7, 2024 AT 03:03
    मैंने इस बारे में कुछ डेटा देखा है। एनएसई के वॉल्यूम में गिरावट के बाद भी उनके लिए नया ऑप्शंस लॉन्च करने का प्लान है। ये बस एक अस्थायी ठहराव है। बीएसई का फायदा तो होगा, लेकिन ये नियम अगले 6 महीने में फिर बदल जाएंगे।
  • Image placeholder

    Monika Chrząstek

    अगस्त 9, 2024 AT 02:05
    mai ne apne doston ko ye bataya ki jyada trade na karein... ab unhone kaha ki ab toh sebi ne hi rok diya 😅 ab unki kismat kaise badlegi? bas apna portfolio thoda sa balance karo, thoda patience rakho... sab theek ho jayega 🙏
  • Image placeholder

    chandra aja

    अगस्त 9, 2024 AT 09:10
    सेबी के पीछे कौन है? क्या ये बीएसई के शेयरधारकों का एक छिपा हुआ ब्रोकरेज नेटवर्क है? क्या आपने कभी सोचा कि ये नियम एक नियंत्रित बाजार बनाने के लिए नहीं, बल्कि एक निर्माण के लिए हैं? जब तक एक्सचेंज के बीच बराबरी नहीं होगी, तब तक ये सब बेकार का नाटक है।
  • Image placeholder

    Sutirtha Bagchi

    अगस्त 9, 2024 AT 16:53
    अरे भाई ये सब बकवास है! जिन्होंने ट्रेडिंग की बात सुनी थी वो अब घर पर बैठे हैं! सेबी का ये नियम तो बस एक बड़ा धोखा है! जिन्होंने पैसा कमाया वो अब बाहर हैं, और जिन्होंने नहीं कमाया वो अब गुस्सा हैं! ये सब बस एक बड़ा शो है!
  • Image placeholder

    Abhishek Deshpande

    अगस्त 11, 2024 AT 04:27
    इस नियम के तहत, एक्सचेंज द्वारा लागू किए जाने वाले अनुबंधों की संख्या को एक सूचकांक प्रति एक्सचेंज तक सीमित करने की आवश्यकता है, जिससे वॉल्यूम की अतिवृद्धि को रोका जा सके, और इसके फलस्वरूप, एनएसई की ऑप्शंस वॉल्यूम में लगभग 25-30% की गिरावट आएगी, जबकि बीएसई के लिए यह एक अवसर है क्योंकि इसके दो सूचकांक विकल्प अनुबंध हैं, जिनकी अधिकता इस नियम के तहत अनुमति है, और इससे बीएसई की कमाई में 15% का सीएजीआर बढ़ सकता है।
  • Image placeholder

    vikram yadav

    अगस्त 12, 2024 AT 21:07
    मैं तो बस ये कहूंगा कि बाजार में जो भी बदलाव आया है, उसका असर अगले 2 साल में दिखेगा। अभी तो बस बातें हो रही हैं। बीएसई अच्छा है, लेकिन एनएसई भी अपना रास्ता ढूंढ लेगा। बस थोड़ा धैर्य रखो।
  • Image placeholder

    Tamanna Tanni

    अगस्त 13, 2024 AT 08:41
    हम सबको याद रखना चाहिए कि बाजार का उद्देश्य निवेश को सुरक्षित बनाना है, न कि जल्दी धन प्राप्त करना। ये बदलाव हमें एक बड़ा सबक दे रहा है। शांति से सोचो, धीरे से बढ़ो। आपका समय आएगा।
  • Image placeholder

    Rosy Forte

    अगस्त 13, 2024 AT 09:08
    यह नियम वास्तव में निवेशकों के हित में है? या यह एक अंतरराष्ट्रीय फंड के लिए एक छिपा हुआ नियंत्रण तंत्र है? जब तक हम इस बात को नहीं समझेंगे कि बाजार के नियम कौन बना रहा है, तब तक हम सिर्फ एक गुलाम की तरह चलते रहेंगे। ये बदलाव नहीं, ये एक अभियान है।
  • Image placeholder

    Yogesh Dhakne

    अगस्त 14, 2024 AT 15:33
    सेबी का ये कदम बहुत सही है। मैंने अपने छोटे भाई को देखा, जो हर दिन 10 बार ट्रेड करता था। अब वो बस हर हफ्ते एक बार देखता है। उसकी आय घटी, लेकिन उसका तनाव भी घट गया। ये बदलाव असली है।
  • Image placeholder

    Nathan Roberson

    अगस्त 15, 2024 AT 12:52
    मैंने अपने ब्रोकर से बात की, उसने कहा कि अब नए क्लाइंट्स ज्यादा नहीं आ रहे, लेकिन जो आ रहे हैं, वो ज्यादा जिम्मेदार हैं। शायद ये बदलाव अच्छा है। बस थोड़ा धीरे-धीरे चलना है।

एक टिप्पणी लिखें