झारखंड मुख्यमंत्री – क्या है नया?
अगर आप झारखंड में हो या सिर्फ़ भारत की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह पेज आपके लिए बना है। यहाँ हम सीधे‑सीधे बात करेंगे वर्तमान मुख्यमंत्री रजनीकांत सिंह के काम‑धंधे, उनके फैसले और प्रदेश में चल रहे बड़े‑छोटे बदलावों की.
मुख्य मुद्दे और नीतियाँ
मुख्यमंत्री ने पिछले साल से कई नई योजनाएँ शुरू की हैं। सबसे पहले बात करते हैं रोजगार की – "जॉब्स फर्स्ट" योजना के तहत छोटे उद्योगों को अनुदान मिल रहा है, जिससे गांव‑गांव में कामगारों की संख्या बढ़ी है. दूसरा बड़ा कदम था स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार; नया हेल्थ हब हर 15 km पर खोलने का प्रोजेक्ट चल रहा है और इसका लक्ष्य ग्रामीण इलाकों तक क्वालिटी डॉक्टर पहुंचाना है.
शिक्षा के मामले में भी कई बदलाव देखे जा रहे हैं। राज्य ने 12‑वर्षीय स्कूलिंग को अनिवार्य करने की घोषणा की, साथ ही डिजिटल लाइब्रेरी वाई‑फाइ के साथ हर स्कूल में स्थापित हो रही है. ये कदम छात्रों को बेहतर भविष्य देने के लिए किए गए हैं और कई माता‑पिता इसे सराह रहे हैं.
राजनीतिक माहौल और भविष्य
झारखंड की राजनीति अब पहले से ज़्यादा गतिशील दिख रही है। विपक्षी पार्टियों ने लगातार गठबंधन की बातें करीं, लेकिन मुख्यमंत्री का भरोसा उनके मजबूत क़दमों पर बना हुआ है. हाल ही में उन्होंने कई छोटे दलों को अपने साथ जोड़ लिया, जिससे सरकार के पास स्थिर बहुमत रहा.
भविष्य की बात करें तो अगली चुनावी तैयारी पहले से चल रही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही नए चेहरों को सामने ला रहे हैं, पर रजनीकांत सिंह का नाम अभी भी कई सर्वे में शीर्ष पर है. अगर आप अगले साल के चुनावों को फॉलो करना चाहते हैं तो इन बदलावों पर नज़र रखें.
समझा? झारखंड की राजनीति, विकास और मुख्यमंत्री की योजनाओं को समझना अब इतना आसान हो गया है. बस इस पेज को बुकमार्क कर लें, ताकि हर नई खबर के साथ आप भी अपडेट रहें।

हेमंत सोरेन बने रहेंगे झारखंड के मुख्यमंत्री, विधायकों की सहमति से हुआ फैसला
हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से वापसी करने जा रहे हैं। जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आवास पर हुई बैठक में लिया गया, जहां नेताओं और विधायकों ने हेमंत सोरेन को जेएमएम विधायक दल का नेता चुना।
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