Navratri rituals
When working with Navratri rituals, नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा को अर्पित किए जाने वाले पूजा‑पद्धतियों, उपवास, रंग और गीत का समूह है. Also known as नवरात्रि विधि, it हिंदू कैलेंडर के शरद ऋतु में शक्ति की माँ दुर्गा की आराधना को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करती है. इस परिचय में हम यह समझेंगे कि ये रीतियां किस तरह जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी हैं।
Navratri rituals नवरात्रि के नौ दिन को तीन सेट में बाँटती हैं—पहला सेट (पहले तीन दिन) माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों को दर्शाता है, दूसरा सेट (बीच के तीन दिन) शक्ति, बुद्धि और धैर्य को उजागर करता है, और तीसरा सेट (अंतिम तीन दिन) जीत और मुक्ति का प्रतीक है। इस विभाजन से प्रत्येक दिन का विषय, रंग और उपवास स्पष्ट हो जाता है।
एक प्रमुख घटक देवी दुर्गा, हिंदू पंचभुज माताओं में से एक, जो शौर्य, क्षमा और संरक्षण का प्रतिनिधित्व करती हैं. नवरात्रि में माँ के प्रत्येक रूप (शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रमुखी, कूष्मांडी, स्कंदमाता, कात्यायनी, कलरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री) अलग‑अलग कथा और रस्मों से जुड़ा है। इस कारण प्रत्येक दिन की पूजा में विशेष मंत्र, ध्वनि और अर्पण होते हैं।
रंग नवरात्रि का दूसरा मुख्य तत्व है। नवरात्रि रंग, प्रत्येक दिन के लिए निर्धारित रंग, जो देवी के स्वरूप और ऊर्जा को प्रतिबिंबित करता है. पहले दिन का रंग सफेद शांति का संकेत देता है, दूसरे दिन लाल साहस, तीसरे दिन हरा उन्नति, चौथे दिन नीला शांति, पाँचवें दिन काला शक्ति, छठे दिन सुनहरा समृद्धि, सातवें दिन गुलाबी ममता, आठवें दिन बैंगनी आध्यात्मिकता, और नौवें दिन पीला विजय। ये रंग न सिर्फ कपड़ों में बल्कि घर की सजावट, खाने‑पीने की थाली और दीपों में भी दिखते हैं, जिससे माहौल आध्यात्मिक बनता है।
उपवास नवरात्रि के अनिवार्य पहलुओं में से एक है। उपवास, शारीरिक शुद्धि के लिए सीमित भोजन, अक्सर फल, दूध, स्नान और सामाजिक सेवा के साथ संयोजित. पहला तिहाई दिन हल्का फल‑साबूदाना, दूसरा तिहाई दिन वैजैन भोजन (बाजरा, जौ), और अंतिम तिहाई दिन पूर्ण शाकाहारी व्रत (हल्दी, काजू, नारियल) लिया जाता है। इससे न केवल शरीर हल्का रहता है बल्कि मन को शांति मिलती है, जो शक्ति की माँ के अनुग्रह को आकर्षित करने में मदद करता है।
मुख्य रिवाज और उनका प्रभाव
Navratri rituals के साथ जुड़ी कई गतिविधियां हैं—गुजिया बनाना, दंडकी थापना, कुटा‑भजनों का आयोजन, और विशेष रूप से गरबा और डांडिया का नृत्य। ये नृत्य न केवल उत्सव को जीवंत बनाते हैं बल्कि सामुदायिक बंधन को भी मजबूत करते हैं। हर रात के अंत में अवधू अर्ति, देवी दुर्गा को समर्पित जल, फूल और प्रकाश से भरपूर पूजा, जो दिनभरी तपस्या का समापन करती है. अर्ति में आमतौर पर साईबाब के गले में आरती, धूप, दीप और मधु को अर्पित किया जाता है, जिससे घर में सुख‑समृद्धि आती है।
इन सभी तत्वों—देवी दुर्गा की विविध रूपरंग, नवरात्रि रंग, उपवास, आर्ति और नृत्य—के बीच एक स्पष्ट संबंध स्थापित होता है: Navratri rituals require disciplined fasting, include vibrant colors, and enable communal celebration. The rituals also influence personal discipline, as each day's practice shapes mindset for the next day. इस क्रमिक प्रभाव से जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
अब आप नीचे दिए गए लेखों में विभिन्न नवरात्रि रीतियों के विस्तृत विवरण, रंग‑मार्गदर्शन और उपवास‑विधियों के वास्तविक उदाहरण पाएंगे। चाहे आप पहली बार नवरात्रि मनाने वाले हों या अनुभवी भक्त, यह संग्रह आपको प्रत्येक दिन की पूजा‑पद्धति, संगीत और खाने‑पीने के सुझावों से परिचित कराएगा।

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