निफ्टी 50 ETF क्या है? आसान भाषा में पूरी जानकारी

अगर आप शेयर बाजार में कदम रख रहे हैं तो ‘ETF’ शब्द आपके कानों पर बार‑बार आएगा। लेकिन कई लोगों को अभी भी नहीं पता कि Nifty 50 ETF असल में क्या होता है और इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है। इस लेख में हम इसे सरल उदाहरणों के साथ समझेंगे, ताकि आप बिना झंझट के निवेश शुरू कर सकें।

Nifty 50 ETF की बुनियादी परिभाषा

ETF का पूरा नाम ‘Exchange Traded Fund’ है। इसे एक ऐसी फंड माना जा सकता है जो Nifty 50 इंडेक्स की तरह ही प्रदर्शन करती है, लेकिन शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदी‑बेची जाती है। यानी आप एक ही ट्रेड के माध्यम से पूरे 50 बड़े कंपनियों में निवेश कर रहे होते हैं।

सिर्फ़ एक लॉट खरीदने से आपका पैसा 12‑15 बड़ी कंपनियों में बँट जाता है, जिससे जोखिम कम हो जाता है और रिटर्न इंडेक्स की तरह ही मिलता है।

क्यों चुनें Nifty 50 ETF?

सादगी: आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट से सीधे खरीद‑बिक्री कर सकते हैं, किसी अलग फंड मैनेजर को ढूँढने की जरूरत नहीं।

कम लागत: ETF में प्रबंधन शुल्क (expense ratio) बहुत कम होता है, अक्सर 0.05‑0.1% के आसपास, जो म्यूचुअल फंड से काफी सस्ता है।

लीक्विडिटी: क्योंकि ये स्टॉक्स की तरह एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं, आप उन्हें किसी भी व्यापारिक दिन में तुरंत बेच सकते हैं।

विविधीकरण: एक ही फंड के साथ 50 कंपनियों में निवेश, जिससे किसी एक कंपनी के गिरने से आपका कुल पोर्टफोलियो सुरक्षित रहता है।

इन सब कारणों से शुरुआती और अनुभवी दोनों निवेशक Nifty 50 ETF को पसंद करते हैं।

कैसे शुरू करें?

1. **डिमैट खाता खोलें** – आपका बैंक या ब्रोकरेज कंपनी आपको डिमैट अकाउंट देगी जहाँ ETF रखे जाएंगे। 2. **ब्रोकर चुनें** – Zerodha, Upstox, Angel ब्रोकेज जैसी प्लेटफ़ॉर्म पर साइन‑अप कर सकते हैं। 3. **ETF खोजें** : मार्केट में ‘Nifty 50 ETF’ या ‘NIFTYBEES’, ‘UTI Nifty ETF’ जैसे नाम होते हैं। आप इन्हें अपने ट्रेडिंग ऐप में टाइप करके देख सकते हैं। 4. **ऑर्डर दें** – “Buy” चुनें, मात्रा (लॉट) तय करें और कीमत सेट कर के ऑर्डर भेजें। 5. **ध्यान रखें** – बाजार खुलने‑बंद होने के समय कीमत बदल सकती है, इसलिए रीयल‑टाइम देखना ज़रूरी है।

एक बार खरीद ली तो आप अपने पोर्टफोलियो में इसे ट्रैक कर सकते हैं और जब चाहें बेच भी सकते हैं।

जोखिम और ध्यान देने योग्य बातें

ETF कम जोखिम वाला नहीं है; यह मार्केट के उतार‑चढ़ाव से प्रभावित होता है। अगर Nifty 50 गिरता है तो आपका ETF भी नीचे जाएगा। साथ ही, छोटे‑छोटे ट्रेडिंग शुल्क (brokerage) को भी ध्यान में रखें।

दैनिक ट्रेंड देखना अच्छा रहता है, लेकिन दीर्घकालिक निवेश के लिए इसे ‘buy and hold’ रणनीति से रखना फायदेमंद हो सकता है। अक्सर लोग भावी रिटर्न की उम्मीद में जल्दी‑जल्दी बेचते हैं और नुकसान उठाते हैं।

यदि आप टैक्स बचत चाहते हैं तो एक साल से अधिक समय तक रखे गए ETF पर दीर्घकालिक कैपिटल गैन्स टैक्स (10% ऊपर 1 लाख) लगता है, जो छोटी अवधि की तुलना में कम होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मैं SIP के जरिए Nifty 50 ETF खरीद सकता हूँ? हाँ, कई ब्रोकरों पर आप नियमित मासिक निवेश (SIP) सेट कर सकते हैं।

क्या ETF में डिविडेंड मिलता है? कुछ ETFs डिविडेंड वितरित करते हैं, जबकि कुछ इसे फिर से फंड में रीइन्भेस्ट कर देते हैं। फ़ीचर देख कर चुनें।

कौन सा Nifty 50 ETF बेहतर है? खर्चे (expense ratio), ट्रैकिंग एरर और लिक्विडिटी को देखें। अधिकांश निवेशकों के लिए ‘NIFTYBEES’ या ‘UTI Nifty ETF’ भरोसेमंद विकल्प हैं।

समझदारी से योजना बनाकर, सही ब्रोकर चुनें और नियमित रूप से पोर्टफोलियो देखिए – यही आपके निवेश को स्थिरता देगा। Nifty 50 ETF की मदद से आप बिना भारी रिसर्च के भारतीय बाजार का हिस्सा बन सकते हैं।

भारत के तेजी से बढ़ते ईटीएफ बाजार में Nifty 50 ETF का अव्वल स्थान: 95% की दावेदारी
Anuj Kumar 24 जून 2024 0

भारत के तेजी से बढ़ते ईटीएफ बाजार में Nifty 50 ETF का अव्वल स्थान: 95% की दावेदारी

भारत के तेजी से बढ़ते एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) बाजार में निफ्टी 50 ईटीएफ ने सबसे प्रमुख स्थान हासिल किया है, जो कुल इक्विटी ईटीएफ योजनाओं में 95% आस्तियों पर कब्जा करता है। एक अध्ययन के मुताबिक, ईटीएफ म्युचुअल फंड उद्योग की कुल संपत्ति का 13% है।

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