राष्ट्रपति डिबेट – क्या है, क्यों महत्त्वपूर्ण?
आपने कई बार टीवी या सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति उम्मीदवारों की बातें सुनी होंगी। वही चर्चाएँ ‘राष्ट्रपति डिबेट’ कहलाती हैं। ये बहसें सिर्फ़ शब्द नहीं, बल्कि देश के भविष्य को तय करने वाले मुद्दे लाती हैं। जब दो या तीन प्रमुख नेता मंच पर आते हैं, तो जनता को उनके विचार, नीतियां और व्यक्तिगत मान्यताएं सीधे सुनने का मौका मिलता है।
डिबेट देखना इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि यह चुनावी वादों की तुलना करने में मदद करता है। अक्सर प्रचार सामग्री में कई बातें मिलती‑जुलती दिखती हैं, पर डिबेट में उम्मीदवार एक‑दूसरे से सीधे सवालों का जवाब देते हैं, जिससे सच्चाई सामने आती है। इसलिए अगर आप वोट डालने वाले हैं तो इन बहसों को नजरअंदाज न करें।
ताज़ा राष्ट्रपति बहस के मुख्य बिंदु
2025 में आयोजित राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण में तीन प्रमुख उम्मीदवार ने राष्ट्रीय टीवी पर डिबेट किया। सबसे बड़ी चर्चा ‘आर्थिक नीति और रोजगार’ की रही। एक तरफ़ विपक्षी नेता ने कहा कि सरकार को युवाओं के लिए नई स्किल ट्रेनिंग योजनाएं शुरू करनी चाहिए, जबकि केंद्र पक्ष ने मौजूदा योजना का विस्तार करने की बात की। दूसरा बड़ा मुद्दा ‘सुरक्षा और विदेश नीति’ था—उम्मीदवारों ने भारत‑चीन सीमा पर तनाव को लेकर अलग‑अलग राय दीं।
डिबेट के दौरान एक रोचक सवाल आया: “क्या राष्ट्रपति को सक्रिय राजनीतिक भूमिका निभानी चाहिए?” इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कई विशेषज्ञों ने बताया कि भारतीय संविधान में राष्ट्रपति की भूमिका सीमित है, लेकिन सार्वजनिक नैतिकता और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में उनका बड़ा योगदान हो सकता है।
डिबेट में कैसे शामिल हों और क्या देखें
अगर आप लाइव देखना चाहते हैं तो सबसे पहले चैनल या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की टाइमिंग नोट कर लें। कई समाचार वेबसाइटें स्ट्रीमिंग के साथ-साथ रीयल‑टाइम टिप्पणी भी देती हैं, जिससे समझ आसान हो जाती है। डिबेट शुरू होने से 10 मिनिट पहले ही स्क्रीन पर उम्मीदवारों का छोटा परिचय दिखाया जाता है—इसे जरूर पढ़ें, इससे आप उनके बैकग्राउंड को बेहतर समझ पाएँगे।
डिबेट देखते समय नोटबुक में मुख्य बिंदु लिखें: कौन‑सी नीति का उल्लेख किया गया, क्या कोई ठोस आंकड़ा दिया गया और विरोधी ने किस तरह से चुनौती दी। बाद में इन नोट्स को पढ़कर आप खुद अपना विश्लेषण बना सकते हैं। अगर सवाल पूछना चाहते हैं तो सोशल मीडिया पर आधिकारिक हैशटैग (जैसे #PresidentDebate2025) का इस्तेमाल करें; अक्सर आयोजक लाइव प्रश्नों को चुनते हैं।
डिबेट खत्म होने के बाद कई साइटें ‘हाइलाइट रिव्यू’ प्रकाशित करती हैं, जहाँ मुख्य बातें संक्षेप में दी जाती हैं। इन्हें पढ़कर आप उन लोगों से बातचीत कर सकते हैं जो डिबेट नहीं देख पाए। इस तरह चर्चा में भाग लेना आपके ज्ञान को बढ़ाता है और मतदान का फैसला भी आसान बनाता है।
संक्षेप में, राष्ट्रपति डिबेट सिर्फ़ एक टीवी शो नहीं है—यह आपका लोकतांत्रिक अधिकार समझने का मंच है। चाहे आप राजनीति में गहराई से रुचि रखें या बस अपना वोट सही तरीके से देना चाहते हों, इस बहस को देखना और उसके बारे में बात करना जरूरी है। तो अगली बार जब डिबेट आए, तो तैयार रहें, नोट लें और अपनी राय बनाएं।

जो बाइडेन पहले पोल डिबेट में लड़खड़ाए: कमजोर प्रदर्शन पर छाई आलोचना
राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहले राष्ट्रपति चुनाव डिबेट में बाइडेन का प्रदर्शन सवालों के घेरे में आया। बाइडेन का प्रदर्शन उनकी उम्र को लेकर चिंताओं को दूर करने का अवसर था, लेकिन वे कई मौकों पर शब्दों में उलझते और असहज दिखाई दिए। वहीं, ट्रम्प अपनी विचारधारा पर अडिग रहे, भले ही उन्होंने कई मुद्दों पर गलत बयान दिए।
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