शुल्क कटौति से पैसे बचाना: सरल कदम और उपयोगी टिप्स

क्या आपको कभी लगा है कि साल के अंत में टैक्स बिल बहुत बड़ा हो जाता है? अक्सर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम सही तरीके से शुल्क कटौतियों का फायदा नहीं उठाते। चलिए, मैं आपको आसान‑आसान तरीकों से बताता हूँ कैसे आप अपनी आयकर छूट को बढ़ा सकते हैं और हाथ की कमाई बचा सकते हैं।

कौन‑सी लागतें शुल्क में घटती हैं?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि कौन‑से खर्चे सरकार ने टैक्स से बाहर रखे हैं. नीचे कुछ सबसे लोकप्रिय कटौतियां दी गई हैं:

  • धनराशि निवेश (Section 80C): जीवन बीमा, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, इक्विटी म्यूचुअल फंड और होम लोन प्रिंसिपल पेमेंट – इन सब पर आप साल में अधिकतम ₹1.5 लाख तक की छूट ले सकते हैं।
  • स्वास्थ्य बीमा (Section 80D): खुद, परिवार या माता‑पिता के लिए खरीदा गया मेडिकल इंश्योरेंस आपको अतिरिक्त ₹25,000 (सिल्वर और एजीएपी) से लेकर ₹50,000 तक बचा सकता है।
  • हाउसिंग लोन इंटरेस्ट (Section 24(b)): अगर आप घर का लोन ले रहे हैं तो साल में अधिकतम ₹2 लाख तक की ब्याज पर कटौती मिलती है।
  • शिक्षा खर्च (Section 80E): यदि आपने किसी को पढ़ाने के लिए ऋण लिया है, तो उस पर चुकाया गया इंटरेस्ट पूरी तरह से छूट योग्य है।
  • पेंशन फंड (Section 80CCD(1B)): NPS में अतिरिक्त ₹50,000 तक की निवेश पर भी आप टैक्स बचा सकते हैं।

इन कटौतियों को समझकर ही आप अपनी आय के हिसाब से सही योजना बना पाएँगे.

कटौतियों को दावे करने के कदम

अब जब पता चल गया कि क्या‑क्या घटता है, तो अगले सवाल का जवाब चाहिए: इनका दावा कैसे करें? नीचे आसान प्रक्रिया दी गई है:

  1. दस्तावेज़ इकट्ठा करें: बीमा पॉलिसी, निवेश प्रमाणपत्र, लोन स्टेटमेंट और मेडिकल बिल सब एक जगह रख लें. ये आपके ITR फॉर्म में जरूरी होते हैं.
  2. फ़ॉर्म 16/16A देखें: यदि आप वेतनभोगी हैं तो आपका नियोक्ता फ़ॉर्म 16 जारी करता है. इसमें पहले से ही कुछ कटौतियां (जैसे PF) दिखती हैं.
  3. आयकर रिटर्न (ITR) भरें: ऑनलाइन पोर्टल या टैक्स सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके ITR फॉर्म खोलें. ‘Schedule VI-A’ सेक्शन में सभी 80‑क्लॉज़ को दर्ज करें.
  4. सही फ़ाइलिंग मोड चुनें: अगर आपका कुल आय ₹50 लाख से कम है और आप किसी विशेष टैक्स प्लान का उपयोग नहीं कर रहे, तो ITR‑1 (Sahaj) सबसे आसान विकल्प है.
  5. अंत में सबमिट करें और एसीआर बनवाएं: फॉर्म जमा करने के बाद आयकर विभाग आपका रसीद देगा. इसको सुरक्षित रखें, क्योंकि भविष्य में कोई भी जांच होने पर ये काम आएगा.

ध्यान देने वाली बात यह है कि कटौतियों का दावा सही दस्तावेज़ों के बिना नहीं किया जा सकता. इसलिए हर खर्चे की रसीद या प्रमाणपत्र को एक फ़ोल्डर में रखें और साल भर अपडेट करते रहें.

एक छोटा टिप: हर महीने अपने बैंक स्टेटमेंट को देखिए कि कौन‑से डिपॉज़िट 80C या NPS के तहत आते हैं. इस तरह आप साल अंत तक छूट का पूरा फायदा उठा पाएँगे, बिना देर किए.

आखिर में यह याद रखें – टैक्स बचत कोई जटिल गणित नहीं है; बस थोड़ा‑सा समय और सही जानकारी चाहिए. इन बुनियादी बातों को अपनाकर आप अपनी टैक्स बोझ को आधा भी कर सकते हैं। तो अगली बार जब आयकर रिटर्न भरें, तो ऊपर बताए गए कदम याद रखें और स्मार्ट तरीके से शुल्क कटौतियों का फायदा उठाएँ.

India-UK Trade Deal 2025: बड़े फायदे, कम होंगे टैक्स, खुलेगा बाजार
Anuj Kumar 7 मई 2025 0

India-UK Trade Deal 2025: बड़े फायदे, कम होंगे टैक्स, खुलेगा बाजार

भारत और ब्रिटेन ने 6 मई 2025 को ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर मुहर लगा दी। इसमें 25.5 अरब पाउंड की सालाना व्यापार वृद्धि, जीडीपी और वेतन बढ़ोतरी जैसे बड़े फायदे शामिल हैं। व्हिस्की, कोल्ड ड्रिंक, मटन और लग्जरी कारों पर भारी टैक्स कटौती की गई है। समझौते के लागू होने के बाद दोनों देशों के बाजार एक-दूसरे के लिए खुलेंगे।

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