वॉल स्ट्रीट क्या है? आसान समझ

जब भी हम टीवी या अखबार में "वॉल स्ट्रीट" देखते हैं, तो अक्सर सोचते हैं कि ये सिर्फ़ अमेरिका की एक जगह है। असल में वॉल स्ट्रीट न्यूयॉर्क के वित्तीय जिले का नाम है जहाँ कई बड़े‑बड़े शेयर एक्सचेंज और निवेश कंपनियाँ स्थित हैं। यही वह जगह है जो दुनिया भर के शेयर बाजारों के मूवमेंट को तय करती है।

अगर आप भारत में शेयर खरीदते‑बेचते हैं, तो भी वॉल स्ट्रीट की खबरें आपके पोर्टफोलियो पर असर डालती हैं। अमेरिकी कंपनियों का प्रदर्शन, फेडरल रिज़र्व की पॉलिसी या डॉलर्स की कीमत बदलने से भारतीय बाजारों में उतार‑चढ़ाव आता है। इसलिए हर निवेशक को इसको समझना ज़रूरी है—न कि सिर्फ़ जटिल शब्दों के पीछे जाना है, बल्कि रोज़ाना क्या देखना चाहिए, यह जानना है।

वॉल स्ट्रीट से जुड़ी प्रमुख चीजें

1. डॉजर्स (Dow Jones), S&P 500 और NASDAQ—इन तीनों को अक्सर वॉल स्ट्रीट का बेंचमार्क माना जाता है। जब ये इंडेक्स ऊपर‑नीचे होते हैं, तो भारत के प्रमुख शेयर भी उसी दिशा में चलने की संभावना रहती है। 2. फ़ेडरल रिज़र्व (Fed)—अमेरिकी सेंट्रल बैंक की ब्याज दर नीति सीधे ही डॉलर की शक्ति को बदलती है। अगर Fed रेट बढ़ाता है, तो अक्सर डॉलर मजबूत होता है और भारतीय एक्सचेंज पर INR दबाव में आता है। 3. कंपनी earnings—Apple, Microsoft या Google जैसी बड़ी कंपनियों के क्वार्टरली रिज़ल्ट्स से पूरे बाजार की सेंटिमेंट बदलती है। ये खबरें जल्दी‑जल्दी पढ़नी चाहिए ताकि आप अपने पोर्टफोलियो को एडेप्ट कर सकें।

रोज़ाना वॉल स्ट्रीट कैसे फॉलो करें?

सबसे पहले, किसी भरोसेमंद वित्तीय ऐप या वेबसाइट पर "US Markets" सेक्शन खोलें। यहाँ आपको लाइव इंडेक्स, टॉप गेनर्स और लास्ट नॉब्स मिलेंगे। दूसरा कदम—अफ़्रीका के प्रमुख समाचार एजेंसियों (जैसे Bloomberg, Reuters) की अलर्ट सेट करें। आप WhatsApp या Telegram ग्रुप भी जॉइन कर सकते हैं जहाँ हर घंटे अपडेट आती है।

तीसरा टिप: केवल बड़े‑बड़े इंडेक्स पर नज़र नहीं रखें, बल्कि सेक्टर‑वाइज़ मूवमेंट देखें—जैसे टेक, हेल्थकेयर या एनर्जी। अगर Tech sector में बड़ी गिरावट आती है, तो भारत के IT स्टॉक्स भी असरदार होते हैं। इसी तरह, जब US में पेट्रोल की कीमतें बढ़ती हैं, तो Indian Oil या Reliance जैसे कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए।

एक और आसान तरीका—इंडिया‑US correlation को समझना। आमतौर पर जब अमेरिकी मार्केट में रैबिडी होती है, तो Nifty‑50 भी थोड़ा ऊपर जाता है, लेकिन यह 100% नहीं होता। इसलिए अपनी रिसर्च में दो-तीन भरोसेमंद स्रोत जोड़ें और सिर्फ़ एक ही खबर से निर्णय न लें।

अंत में, अगर आप शुरुआती हैं तो छोटे‑छोटे निवेश से शुरू करें और धीरे‑धीरे वॉल स्ट्रीट की चाल को पढ़ने की आदत डालें। याद रखें—बाजार का मूवमेंट अस्थायी हो सकता है, लेकिन सही जानकारी के साथ आपके पास जोखिम कम करने का मौका रहता है।

तो आज ही अपना फ़ाइनेंस ऐप खोलिए, US इंडेक्स देखें और समझिए कि ये कैसे आपके भारतीय शेयरों को प्रभावित करते हैं। छोटे‑छोटे कदम उठाएँ, बड़े फ़ायदे मिलेंगे।

मंदी की बढ़ती चिंताओं के बीच वॉल स्ट्रीट में भारी गिरावट: डॉव जोन्स इंडेक्स 3.25% गिरा
Anuj Kumar 5 अगस्त 2024 0

मंदी की बढ़ती चिंताओं के बीच वॉल स्ट्रीट में भारी गिरावट: डॉव जोन्स इंडेक्स 3.25% गिरा

वॉल स्ट्रीट में सोमवार, 5 अगस्त, 2024 को भारी गिरावट देखी गई, जो मंदी की बढ़ती चिंताओं से प्रेरित थी। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 3.25% गिरा, जबकि एसएंडपी 500 और नैस्डैक भी क्रमशः 3.5% और 4.1% नीचे गए। आर्थिक सुचकांकों ने धीमी वृद्धि और मुद्रास्फीति के दबाव को दर्शाया, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ी।

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