भारतीयडू 2 रिव्यू: दमदार कास्ट के बावजूद निराशाजनक सीक्वल

भारतीयडू 2 रिव्यू: दमदार कास्ट के बावजूद निराशाजनक सीक्वल
Anuj Kumar 12 जुलाई 2024 10

भारतीयडू 2 रिव्यू: दमदार कास्ट के बावजूद निराशाजनक सीक्वल

प्रतिष्ठित निर्देशक एस. शंकर और महान अभिनेता कमल हासन की फिल्मों की जोड़ी ने हमेशा दर्शकों को काफी उम्मीदें दी हैं। लेकिन उनकी नई फिल्म 'भारतीयडू 2' इन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है। यह फिल्म काजल अग्रवाल, सिद्धार्थ, और रकुल प्रीत सिंह जैसे दमदार अभिनेताओं के बावजूद एक निराशाजनक सीक्वल साबित होती है। फिल्म को देखने के बाद, आप इस सोच में डूब जाएंगे कि इतनी बेहतरीन कास्ट और उच्च स्तर की प्रोडक्शन वैल्यू के बाद भी फिल्म क्यों अधूरी रह गई।

समीक्षा

'भारतीयडू 2' का रिव्यू 5 में से 2.5 स्टार्स दिया गया है और यह दिलचस्प है कि फिल्म ने कहीं न कहीं दर्शकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। फिल्म की कहानी पहले भाग की तुलना में कमज़ोर लगती है और कई जगहों पर यह बिल्कुल भी प्रभावशाली नहीं जान पड़ती।

कमल हासन, जो अपनी अदाकारी के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। लेकिन उनकी मेहनत फिल्म की कमजोर स्क्रिप्ट के बावजूद भी फिल्म को उठाने में विफल साबित होती है। काजल अग्रवाल, सिद्धार्थ, और रकुल प्रीत सिंह जैसे अनुभवी अभिनेताओं ने भी अपनी मेहनत से फिल्म को बचाने की कोशिश की है, लेकिन कुछ खास नहीं हो पाया।

अनिरुद्ध का संगीत

फिल्म का संगीत अनिरुद्ध रविचंदर द्वारा तैयार किया गया है। उनके संगीत की हमेशा तारीफ होती है और इस बार भी उन्होंने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया। फिल्म के गाने और बैकग्राउंड स्कोर कहीं-कहीं पर दर्शकों को बांधकर रखते हैं, लेकिन कहानी और निर्देशन की कमजोरियों के कारण संगीत भी उतना प्रभाव नहीं डाल पाता जितना डाला जा सकता था।

कहानी की कमजोरी

पहली फिल्म, जिसे 1996 में रिलीज़ किया गया था, उसने सामाजिक न्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया था। वहीं दूसरी फिल्म इस संदेश को आगे नहीं बढ़ा पाई। 'भारतीयडू 2' की कहानी एक कमजोर पटकथा पर आधारित है जो फिल्म को एक सही दिशा देने में असमर्थ रहती है। कई जगहों पर कहानी बेजान लगती है और दृश्य भी प्रभाव छोड़ने में असफल होते हैं।

फिल्म के कुछ हिस्सों में थोड़ी बहुत तेजी नजर आती है, लेकिन जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, कहानी आपको निराश करने लगती है। यह फिल्म देखने के बाद आपको यही महसूस होगा कि अगर इसकी पटकथा पर थोड़ी और मेहनत की गई होती तो यह फिल्म एक महान कृति बन सकती थी।

निर्देशन

एस. शंकर हमेशा से अपनी अनूठी सोच और उसे पर्दे पर उतारने की कला के लिए जाने जाते हैं। परंतु इस बार उनका निर्देशन भी कमजोर साबित होता है। ऐसा लगता है जैसे उन्होंने अपनी पुरानी फिल्मों की फ्रेम और फॉर्मूलों को ही इस फिल्म में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। हालांकि देखा जाए तो उन्होंने अपने हिस्से की मेहनत की, लेकिन कहानी की कमजोरियों के कारण यह फिल्म अपनी छाप छोड़ने में असफल रहती है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, 'भारतीयडू 2' एक निराशाजनक सीक्वल साबित होती है। भले ही फिल्म की कास्ट और प्रोडक्शन वैल्यू बेहतरीन हो, लेकिन कहानी और निर्देशन की कमजोरियां इसे एक औसत दर्जा की फिल्म बनाते हैं। फिल्म देखते वक्त आप यही सोचते रहेंगे कि इतनी अधिक संभावना होते हुए भी यह फिल्म क्यों अधूरी रह गई।

अगर आप कमल हासन या एस. शंकर के बड़े फैन हैं, तो आप इस फिल्म को एक बार देख सकते हैं, लेकिन यह आपके लिए एक यादगार अनुभव साबित नहीं होगी। फिल्म के संगीत को छोड़कर और कुछ खास नहीं है जो दर्शकों को बांध सके। इसलिए, यह फिल्म उन लोगों को निराश कर सकती है जो बड़ी उम्मीदों के साथ इसे देखने जाते हैं।

10 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Tamanna Tanni

    जुलाई 13, 2024 AT 00:30
    बस एक लाइन में कहूँ तो ये फिल्म देखने के बाद मैंने अपना टाइम वापस नहीं पाया 😔
  • Image placeholder

    Rosy Forte

    जुलाई 13, 2024 AT 02:43
    इस फिल्म की विफलता केवल एक सिनेमैटिक असफलता नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक विकृति है। जब एक निर्माण ऐसे उच्च स्तर के अभिनेताओं को भी अपने निर्देशन की अक्षमता के शिकार बना देता है, तो यह संकेत देता है कि व्यवसाय की अर्थव्यवस्था अब निर्माण के बजाय ब्रांडिंग पर आधारित है। यह न केवल एक फिल्म है, बल्कि एक सिग्नल है कि हम अपनी आत्मा को किस तरह बेच रहे हैं।
  • Image placeholder

    Yogesh Dhakne

    जुलाई 15, 2024 AT 01:37
    मैंने देखी थी... बोर हो गया। लेकिन गाने तो बहुत अच्छे थे 😅 बस फिल्म की कहानी को थोड़ा और सोच के लिखा जाता तो अच्छा बन जाता।
  • Image placeholder

    kuldeep pandey

    जुलाई 15, 2024 AT 17:42
    अच्छा तो कमल हासन के बाद भी ये फिल्म अधूरी रह गई? वाह! क्या ये निर्देशक का बुरा अंदाज़ा है या फिर बजट बहुत कम था? नहीं, ये तो स्पष्ट है कि ये फिल्म किसी बड़े बैंक के लोन के लिए बनाई गई है। अभिनेता तो बस एक बाहरी सजावट हैं।
  • Image placeholder

    Hannah John

    जुलाई 16, 2024 AT 13:04
    सुनो लोगों... ये फिल्म बिल्कुल भी असली नहीं है। ये तो किसी राजनीतिक दल ने बनवाई है जो लोगों को भ्रमित करना चाहता है। देखो ना कमल हासन के चरित्र का नाम 'भारतीयडू' है... ये तो एक संकेत है कि ये फिल्म एक बड़ा राष्ट्रीय धोखा है। अगर तुम इसे देख रहे हो तो तुम भी उसी चक्र में फंस रहे हो।
  • Image placeholder

    dhananjay pagere

    जुलाई 16, 2024 AT 14:29
    संगीत तो बहुत अच्छा है... लेकिन फिल्म का प्लॉट? बर्बरता। 😔
  • Image placeholder

    Shrikant Kakhandaki

    जुलाई 17, 2024 AT 01:15
    अरे भाई ये फिल्म तो बिल्कुल भी नहीं हुई... शंकर को तो पहली फिल्म में जान लग गई थी अब वो बस अपने पुराने फॉर्मूले को दोहरा रहे हैं। ये तो एक बड़ा धोखा है जिसे बॉलीवुड ने बनाया है ताकि लोगों को ये लगे कि कुछ नया हुआ है... बस नया नहीं हुआ... बस नया लग रहा है!
  • Image placeholder

    bharat varu

    जुलाई 18, 2024 AT 19:03
    अगर तुमने इस फिल्म को देखा है तो बस ये बताओ कि तुम्हें क्या लगा? मैं तो सिर्फ गाने देखने गया था, और वो तो बहुत अच्छे थे! अगर तुम भी गाने के लिए गए थे तो तुम भी खुश हो गए होगे। फिल्म के बारे में ज्यादा अपेक्षा न करो, बस एक रात का मनोरंजन समझो।
  • Image placeholder

    Vijayan Jacob

    जुलाई 20, 2024 AT 18:40
    हम भारतीय फिल्मों में इतनी ताकत लाते हैं... लेकिन जब तक हम अपने अपने अर्थ को नहीं समझेंगे, तब तक हम अपनी आत्मा को बेचते रहेंगे। ये फिल्म एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक और प्रतिष्ठा बिना सार के बस एक छल हैं।
  • Image placeholder

    Saachi Sharma

    जुलाई 22, 2024 AT 02:38
    गाने अच्छे। बाकी सब बर्बाद।

एक टिप्पणी लिखें