कोलकाता में 'नबन्ना अभियान' रैली शुरू, पुलिस सतर्क

कोलकाता में 'नबन्ना अभियान' रैली शुरू, पुलिस सतर्क अग॰, 28 2024

कोलकाता में 'नबन्ना अभियान' रैली का आगाज

मंगलवार को कोलकाता में दो प्रमुख स्थानों से 'नबन्ना अभियान' रैली की शुरुआत हुई। मुख्यत: युवा प्रदर्शनकारियों ने इस रैली में भाग लिया, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप

रैलीकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफलता दिखाई है, जिसके परिणामस्वरूप यह दुखद घटना घटी। इस प्रकरण ने पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया है। 'छात्रसमाज' और राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठन 'संग्रामी संयुक्त मंच' द्वारा आयोजित इस रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

दो स्थानों से हुई रैली की शुरुआत

दो स्थानों से हुई रैली की शुरुआत

रैली का आगाज कोलकाता के उत्तर में मौजूद कॉलेज स्क्वायर और हावड़ा के संतरागाछी से किया गया। कॉलेज स्क्वायर से निकली रैली हावड़ा ब्रिज होते हुए नबन्ना की ओर बढ़ी, जबकि संतरागाछी से निकली रैली सिबपुर के रास्ते राज्य सचिवालय की ओर गई।

पुलिस ने की कड़ी निगरानी

रैली के प्रति पुलिस चौकस थी। नबन्ना की ओर जाने वाले और उसके आसपास के मार्गों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे। पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए इलाके में सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी थी।

संयुक्त मंच की प्रतिक्रिया

संयुक्त मंच की प्रतिक्रिया

'छात्रसमाज' के प्रवक्ता सयान लाहिरी ने कहा कि यह रैली पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है और इसका उद्देश्य शांति पूर्ण तरीके से अपनी मांगों को सामने रखना है, बावजूद इसके कि कुछ भड़काने वाले प्रयास हो सकते हैं। प्रदर्शनकारियों ने महिला डॉक्टर और उसके परिवार के लिए न्याय की मांग की और ममता बनर्जी सरकार से अपील की कि वे जनता की न्याय की मांग को स्वीकार करें।

रैली की अनुमतियों पर रोक

पुलिस ने पहले रैली के आयोजन के लिए दी गई अपर्याप्त जानकारी और उसी दिन आयोजित होने वाले यूजीसी-नेट परीक्षा के चलते रैली के लिए दी गई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। अधिकारियों ने संभावित उपद्रव और हिंसा को लेकर भी चिंता व्यक्त की, क्योंकि विश्वसनीय खुफिया जानकारी में सुझाव दिया गया था कि रैली के दौरान अराजकता फैलाने के प्रयास किए जा सकते हैं।