कोलकाता में 'नबन्ना अभियान' रैली शुरू, पुलिस सतर्क

कोलकाता में 'नबन्ना अभियान' रैली शुरू, पुलिस सतर्क
Anuj Kumar 27 अगस्त 2024 12

कोलकाता में 'नबन्ना अभियान' रैली का आगाज

मंगलवार को कोलकाता में दो प्रमुख स्थानों से 'नबन्ना अभियान' रैली की शुरुआत हुई। मुख्यत: युवा प्रदर्शनकारियों ने इस रैली में भाग लिया, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप

रैलीकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफलता दिखाई है, जिसके परिणामस्वरूप यह दुखद घटना घटी। इस प्रकरण ने पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया है। 'छात्रसमाज' और राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठन 'संग्रामी संयुक्त मंच' द्वारा आयोजित इस रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

दो स्थानों से हुई रैली की शुरुआत

दो स्थानों से हुई रैली की शुरुआत

रैली का आगाज कोलकाता के उत्तर में मौजूद कॉलेज स्क्वायर और हावड़ा के संतरागाछी से किया गया। कॉलेज स्क्वायर से निकली रैली हावड़ा ब्रिज होते हुए नबन्ना की ओर बढ़ी, जबकि संतरागाछी से निकली रैली सिबपुर के रास्ते राज्य सचिवालय की ओर गई।

पुलिस ने की कड़ी निगरानी

रैली के प्रति पुलिस चौकस थी। नबन्ना की ओर जाने वाले और उसके आसपास के मार्गों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे। पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए इलाके में सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी थी।

संयुक्त मंच की प्रतिक्रिया

संयुक्त मंच की प्रतिक्रिया

'छात्रसमाज' के प्रवक्ता सयान लाहिरी ने कहा कि यह रैली पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है और इसका उद्देश्य शांति पूर्ण तरीके से अपनी मांगों को सामने रखना है, बावजूद इसके कि कुछ भड़काने वाले प्रयास हो सकते हैं। प्रदर्शनकारियों ने महिला डॉक्टर और उसके परिवार के लिए न्याय की मांग की और ममता बनर्जी सरकार से अपील की कि वे जनता की न्याय की मांग को स्वीकार करें।

रैली की अनुमतियों पर रोक

पुलिस ने पहले रैली के आयोजन के लिए दी गई अपर्याप्त जानकारी और उसी दिन आयोजित होने वाले यूजीसी-नेट परीक्षा के चलते रैली के लिए दी गई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। अधिकारियों ने संभावित उपद्रव और हिंसा को लेकर भी चिंता व्यक्त की, क्योंकि विश्वसनीय खुफिया जानकारी में सुझाव दिया गया था कि रैली के दौरान अराजकता फैलाने के प्रयास किए जा सकते हैं।

12 टिप्पणि

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    Arpit Jain

    अगस्त 28, 2024 AT 09:28
    ये सब रैलियाँ तो अब बस एक नया ट्रेंड बन गई हैं। कोई बात नहीं तो भी निकल पड़ते हैं। जब तक सरकार नहीं बदलेगी, इनकी आवाज़ किसी को नहीं सुननी।
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    balamurugan kcetmca

    अगस्त 29, 2024 AT 17:16
    मैंने इस रैली के बारे में जानकारी ली और वाकई दिल दुख रहा है। एक युवा डॉक्टर की हत्या जैसी घटना के बाद जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ये आंदोलन बंद नहीं होगा। युवाओं ने शांति से अपनी बात रखी है, और ये बहुत बड़ी बात है। अगर हम इन आवाज़ों को नज़रअंदाज़ कर देंगे, तो अगली बार कुछ और ही होगा। सरकार को बस एक बार बैठकर सुन लेना चाहिए, ये अपील नहीं, जरूरत है। लोग थक चुके हैं, बस एक बार भी न्याय का एहसास करवा दो। ये रैली केवल एक आंदोलन नहीं, ये एक चेतावनी है। अगर आज नहीं तो कल जब बात बड़ी हो जाएगी, तो फिर बहुत देर हो चुकी होगी। इस देश में हर एक युवा को अपने अधिकारों के लिए लड़ने का मौका मिलना चाहिए, और इस डॉक्टर के परिवार को भी वही मिलना चाहिए। ये सिर्फ एक डॉक्टर का मामला नहीं, ये हम सबका मामला है।
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    divya m.s

    अगस्त 31, 2024 AT 09:17
    पुलिस ने रैली को रोकने की कोशिश की? अरे भाई, ये तो बस एक बच्ची की जान ले ली और अब लोग बात करने आए हैं तो बैरिकेड लगा दिए? ये सरकार नहीं, ये एक अपराधी दल है जो अपनी छाती पर हाथ रखकर बैठी है।
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    Karan Raval

    अगस्त 31, 2024 AT 19:42
    हमें सबको एक साथ आकर बात करनी चाहिए न कि एक दूसरे को बर्बाद करना चाहिए ये जो हो रहा है वो बहुत दुखद है लेकिन हम अभी भी एक साथ हो सकते हैं
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    PRATAP SINGH

    सितंबर 1, 2024 AT 05:49
    इतनी बड़ी रैली के बाद भी अगर कोई न्याय नहीं होगा तो ये देश तो बस एक बड़ा नाटक है। ये सब लोग तो बस एक नए ट्रेंड के लिए निकल पड़े हैं।
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    Akash Kumar

    सितंबर 2, 2024 AT 20:55
    इस प्रकरण के संदर्भ में, शासन की जिम्मेदारी एवं सामाजिक न्याय के बीच एक संतुलन बनाना अत्यंत आवश्यक है। विद्यार्थियों की शांतिपूर्ण अपील को सम्मान देना एक सभ्य समाज की पहचान है।
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    Shankar V

    सितंबर 4, 2024 AT 02:30
    पुलिस ने रैली की अनुमति नहीं दी? लेकिन जब आर जी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर की हत्या हुई तो किसने उसकी सुरक्षा की? ये खुफिया जानकारी कहाँ थी? ये सब तो बस एक धोखा है जिसे राजनीति के नाम पर छुपाया जा रहा है।
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    Aashish Goel

    सितंबर 4, 2024 AT 21:27
    ये रैली तो बहुत बड़ी हुई थी ना? मैंने फोटो देखे थे... लगा जैसे पूरा कोलकाता निकल पड़ा हो... और पुलिस वाले तो बस बैरिकेड लगा रहे थे... क्या ये न्याय का तरीका है? ये तो बस डर दिखाने की कोशिश है... ये बहुत बुरा लगा...
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    leo rotthier

    सितंबर 5, 2024 AT 21:30
    अगर ये रैली अंग्रेजों के खिलाफ होती तो हम सब उसे शहीदों की याद दिलाते लेकिन अब जब अपनी ही सरकार के खिलाफ है तो बैरिकेड लगाने की बात आती है? ये देश तो बस एक बड़ा झूठ है
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    Karan Kundra

    सितंबर 6, 2024 AT 12:09
    हम सब एक साथ हैं और इस बात को समझना जरूरी है कि ये डॉक्टर की मौत सिर्फ एक घटना नहीं बल्कि एक चेतावनी है और हमें इसे एक साथ सुनना चाहिए
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    Pushkar Goswamy

    सितंबर 7, 2024 AT 07:18
    ये रैली तो बस एक शो है। जब तक बनर्जी नहीं चली जाएगी, तब तक ये नाटक चलता रहेगा। लोगों को थोड़ा सोचना चाहिए।
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    Arpit Jain

    सितंबर 8, 2024 AT 10:01
    तुम लोग बस इतना ही बोल रहे हो? अगर ये सब बस नाटक है तो फिर ये डॉक्टर की मौत कौन लिख रहा है? क्या तुम उसके परिवार के लिए भी नाटक कर रहे हो?

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