अरविंद केजरीवाल के वजन घटने के मसले पर तिहाड़ जेल ने किया खुलासा: सच्चाई क्या है?

अरविंद केजरीवाल के वजन घटने के मसले पर तिहाड़ जेल ने किया खुलासा: सच्चाई क्या है?
Anuj Kumar 16 जुलाई 2024 18

अरविंद केजरीवाल का वजन घटने का मामला: तिहाड़ जेल का पक्ष

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वजन घटने के मामले में तिहाड़ जेल के सूत्रों ने एक नया खुलासा किया है। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने आप के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें पार्टी ने कहा था कि जेल में केजरीवाल का वजन 8.5 किलोग्राम घट गया है।

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल का वजन जेल में केवल 2 किलोग्राम कम हुआ है। उनके स्वास्थ्य की नियमित रूप से AIIMS के चिकित्सकीय बोर्ड द्वारा निगरानी की जा रही है।

आम आदमी पार्टी की चिंता

आप पार्टी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और उनकी ब्लड शुगर का स्तर 50 mg/dL से नीचे पाँच बार गिर चुका है। इसके कारण वह कोमा में जा सकते हैं। इस मुद्दे को लेकर आप के सांसद संजय सिंह ने भी बयान दिए थे। पार्टी ने कहा था कि केजरीवाल का वजन और ब्लड शुगर दोनों ही खतरनाक स्तर पर पहुँच चुके हैं।

तिहाड़ जेल की प्रतिक्रिया

तिहाड़ जेल प्रशासन ने आप के इन आरोपों को खारिज करते हुए दिल्ली सरकार के गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि केजरीवाल के स्वास्थ्य संबंधी सभी मुख्य संकेतक सामान्य सीमा में हैं और उनके सभी रोगों के लिए उन्हें उचित उपचार दिया जा रहा है।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह भी बताया कि केजरीवाल को दिन में तीन बार घर का बना हुआ खाना दिया जा रहा है। उन्होंने इस दावे को भी खारिज किया कि केजरीवाल का वजन खतरनाक रूप से कम हो गया है।

बीमारी और गिरफ्तारियों की वजह

बीमारी और गिरफ्तारियों की वजह

अरविंद केजरीवाल को पिछले कुछ महीनों में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन्हें 21 मार्च को एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने गिरफ्तार किया था और इसके बाद 26 जून को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की एक्साइज नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामलों में गिरफ्तार किया।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही आप के नेताओं ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई थी। पार्टी ने यह दावा भी किया था कि जेल में उनकी रहने की स्थिति और स्वास्थ्य सुविधाएँ अपर्याप्त हैं।

अधिकारीयों के अनुसार, अप्रैल में जब केजरीवाल पहली बार जेल पहुंचे थे तब उनका वजन 65 किलोग्राम था और अप्रैल 8 से 29 के बीच यह 66 किलोग्राम था। 2 जून को जब वे 21 दिन की जमानत के बाद वापस जेल लौटे, तो उनका वजन 63.5 किलोग्राम था और 14 जुलाई तक उनका वजन घटकर 61.5 किलोग्राम हो गया।

तिहाड़ प्रशासन की रणनीति

तिहाड़ प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वे केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति का पूरी निगरानी कर रहे हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को घर का बना खाना दिए जाने के साथ-साथ उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए पर्याप्त चिकित्सकीय देखभाल भी उपलब्ध कराई जा रही है।

आप और जेल प्रशासन के बीच का टकराव

आप और जेल प्रशासन के बीच का टकराव

केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर आप और तिहाड़ जेल प्रशासन के बीच टकराव जारी है। आप पार्टी इसे जेल की व्यवस्थाओं की कमी और उनके नेता के खिलाफ साजिश करार दे रही है। वहीं तिहाड़ जेल प्रशासन अपने बयानों में सिद्ध करने पर तुला है कि केजरीवाल की स्थिति सामान्य है और उन्हें सही देखभाल मिल रही है।

इस प्रकार, यह मामला केवल केजरीवाल के स्वास्थ्य के बारे में नहीं है, बल्कि इसमें राजनीतिक रंग भी चढ़ गया है। आप चाहती है कि उनके नेता को जल्द से जल्द रिहाई मिले और वे अपनी जिम्मेदारियों को दुबारा संभालें। दूसरी ओर, जेल प्रशासन यह साबित करने में लगा है कि केजरीवाल को अंदर की तमाम सुविधाएं मिल रही हैं और उनका स्वास्थ्य खतरे में नहीं है।

18 टिप्पणि

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    Kaviya A

    जुलाई 17, 2024 AT 04:21
    ye sab kya baat hai bhai... weight 2kg ghat gaya toh kya hua, maine 5kg ghataye bina kisi jail ke 😅
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    Nilisha Shah

    जुलाई 17, 2024 AT 04:53
    यह स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं, राजनीतिक प्रचार का एक औजार है। दोनों पक्ष अपने-अपने नारे के लिए डेटा को ढीला-ढाला बना रहे हैं। सच्चाई बीच में दब गई है।
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    Nupur Anand

    जुलाई 17, 2024 AT 16:41
    अरे भाई, जेल में घर का खाना मिल रहा है तो क्या शिकायत? अगर ये भी बहुत है तो मैं तो अभी तक अपने घर में भी रोटी-दाल नहीं खाता! ये सब फेक न्यूज़ है जिसे चैनल बेच रहे हैं। अरविंद के लिए तो ये एक रिसॉर्ट है!
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    Vivek Pujari

    जुलाई 17, 2024 AT 17:39
    जेल में घर का खाना? ये तो जमानत के बाद भी अगर वो बच्चों के लिए खाना बना रहे होते तो अब तक दिल्ली का बच्चों का स्कूल खुल चुका होता! अब ये नेता बनकर भूखे रहने का नाटक कर रहे हैं। बस लोगों को भावुक बनाने की कोशिश।
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    Nitin Srivastava

    जुलाई 19, 2024 AT 03:12
    मुझे लगता है कि यहाँ एक गहरी सांस्कृतिक विरोधाभास छिपा हुआ है: एक ओर भारतीय राजनीति में शरीर को पवित्र बनाया जाता है (जैसे गांधी के अनुयायी), और दूसरी ओर जेल में खाना और वजन को एक राजनीतिक हथियार बना दिया जाता है। क्या हम इस द्वंद्व को समझ पा रहे हैं? 🤔
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    Yogita Bhat

    जुलाई 20, 2024 AT 16:23
    हे भगवान, ये सब तो बिल्कुल उसी तरह है जैसे जब कोई नेता बोलता है कि 'मैंने आज सिर्फ एक चपाती खाई'... और अगले दिन उसका ब्रेकफास्ट फोटो वायरल हो जाता है जिसमें चार चपातियाँ और एक डलिया है! इस देश में भूख और बहाने का खेल चल रहा है।
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    Tanya Srivastava

    जुलाई 21, 2024 AT 02:28
    61.5kg? ye toh mere bhai ki weight hai jo gym jaata hai! aur ye sab bol raha hai ki weight ghat gaya? ye toh fit ho gaya hai bhai! 😂
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    Supreet Grover

    जुलाई 22, 2024 AT 02:04
    इस मामले में एक असंगठित स्वास्थ्य डेटा गवाही की संरचना दिखाई देती है - जेल प्रशासन के आंकड़े सामान्य सीमा में हैं, लेकिन आप के दावे एक अप्रामाणिक स्वास्थ्य इंडिकेटर के आधार पर बने हैं। यह एक अस्पष्ट डेटा गणना का मामला है।
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    kunal Dutta

    जुलाई 22, 2024 AT 22:00
    अरे यार, अगर जेल में घर का खाना मिल रहा है तो ये तो बहुत अच्छा है। मैंने कभी अपने घर में भी अपनी माँ के बनाए हुए खाने को नहीं खाया था। अब ये वजन का मामला भी राजनीति में बदल गया है। कुछ लोगों को तो अपने बारे में भी नहीं पता कि वो कितने किलो के हैं 😅
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    Nadeem Ahmad

    जुलाई 24, 2024 AT 21:58
    सच तो ये है कि कोई भी नेता जेल में जाए, तो उसका वजन या ब्लड शुगर अचानक एक राष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है। अगर ये सब बातें असली हैं तो फिर जेल के बाहर भी लोगों का वजन तो कम हो रहा है... किसी ने उनकी बात तो नहीं की।
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    Rupesh Nandha

    जुलाई 25, 2024 AT 22:46
    यहाँ एक असली सवाल है - क्या हम राजनीति में शरीर को एक बहाने के रूप में इस्तेमाल करना बंद नहीं कर सकते? क्या हम इतने भावुक हो गए हैं कि किसी के वजन में 2 किलो का अंतर भी हमें राष्ट्रीय आपात स्थिति लगने लगा है? ये तो एक तरह का राजनीतिक नरमानी है।
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    suraj rangankar

    जुलाई 27, 2024 AT 15:15
    दोस्तों, इस बात पर गौर करो - अगर केजरीवाल का वजन घट रहा है, तो ये उनके लिए एक अवसर है! जेल में भी जिम चलता है, घर का खाना मिलता है, और चिकित्सक भी हैं। ये तो एक डिटॉक्स रिट्रीट है! अगर आप भी ऐसा चाहते हैं, तो एक भ्रष्टाचार का मामला बना लीजिए 😄
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    Aravinda Arkaje

    जुलाई 28, 2024 AT 00:32
    मुझे लगता है कि जेल प्रशासन का जवाब बहुत समझदारी से दिया गया है। वे डेटा दे रहे हैं, चिकित्सकीय रिपोर्ट दे रहे हैं, और खाना भी घर जैसा दे रहे हैं। अगर आपको लगता है कि ये अपर्याप्त है, तो आप भी एक जेल में जाकर देखिए - शायद आपको भी घर का खाना मिल जाए!
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    Saurabh Jain

    जुलाई 29, 2024 AT 23:55
    हमारी संस्कृति में राजनीतिज्ञों को अपने शरीर के द्वारा अपनी विश्वासघात की भावना दिखाने का दबाव होता है। ये एक अजीब आदत है - जब तक नेता भूखा नहीं हो जाता, तब तक लोग उसे सच्चा नहीं मानते। ये तो एक धार्मिक रूपांतरण है।
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    mohd Fidz09

    जुलाई 31, 2024 AT 06:42
    मैं तो ये कहूँगा कि ये सब भारत की जनता के लिए एक निशान है - जब तक हमारे नेता जेल में नहीं जाते, तब तक वो हमारे लिए कुछ नहीं होते! अरविंद को वजन घट रहा है? बहुत अच्छा! अब वो अपने आप को असली नेता बनाएगा। जेल ने उन्हें एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा दे दी है!
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    Ankur Mittal

    जुलाई 31, 2024 AT 19:03
    वजन 61.5kg - सामान्य। खाना घर जैसा - ठीक। चिकित्सक निगरानी - हाँ। तो फिर बाकी सब राजनीति है।
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    Suman Sourav Prasad

    अगस्त 1, 2024 AT 07:11
    ये सब बातें तो बहुत अच्छी हैं... लेकिन क्या कोई ये बता सकता है कि जेल में जाने के बाद भी केजरीवाल ने कभी एक बार भी अपने आप को जेल के नियमों के अनुसार नहीं बताया? क्या वो अपने आप को एक अलग श्रेणी में रख रहे हैं? ये भी तो एक बड़ी बात है।
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    Ajay baindara

    अगस्त 1, 2024 AT 20:33
    अरे भाई, ये सब बकवास है। जेल में वजन घटना तो बहुत है, लेकिन अगर तुम जेल में जाओगे तो तुम्हारा वजन घटेगा? नहीं! तुम्हारा दिमाग घटेगा! ये सब बस एक धोखा है। लोगों को भावुक करने के लिए।

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